खरसिया।शासन के महत्वाकांक्षी चिरायु योजना से मासूम बच्चों के चेहरे पर निरंतर नई मुस्कान वापस आ रही है। खरसिया-विकास खण्ड, जिला-रायगढ़ के एक गांव-छोटेमुडपार का मासूम बालक भावेश पटैल पिता समारू राम हृदय रोग की समस्या से जूझ रहा था जिसके कारण भावेश को सांस लेने में परेशानी, बार बार सर्दी, बुखार का आना एवं वजन न बढ़ना ये सब समस्या हो रहा था।
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चिरायु टीम के द्वारा जब पटैलपारा, छोटेमुड़पार में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया तब बालक भावेश की समस्या सुनकर एवं परीक्षण उपरांत हृदय रोग का संदेह किया गया। जिसे उच्च संस्थान के द्वारा परीक्षण उपरांत गंभीर हृदय रोग TOF के साथ साथ भावेश के फेफडे में भी समस्या गंभीर pulmonary atresia and stenosis, से ग्रस्त होना पाया गया। बच्चे की बीमारी इतनी गंभीर थी कि मजदूरी का काम करने वाले मां बाप अपने आपको असहाय महसूस कर रहे थे। चूँकि इसकी सर्जरी छत्तीसगढ़ में संभव नहीं था तो मां बाप के समक्ष दुःखों का पहाड़ टुट पड़ा था। परंतु चिरायु योजना के द्वारा बच्चे का ईलाज निःशुल्क हो सकने की बात सुनकर मां बाप के चेहरे पर आशा की किरण प्रसरित
हुई और बच्चे का ईलाज अपोलो चिड्रन्स हॉस्पिटल, चेन्नई में 2016 में कराया गया था।
बालक भावेश 2016 से 2023 तक स्वस्थ रहा परंतु जनवरी 2024 से बालक भावेश के सीने में दर्द एवं सांस लेने में परेशानी फिर से शुरू हुई और पालक फिर से चिंतिंत होने लगे। परीक्षण के द्वारा पता चला कि बच्चे का उम्र बढ़ने के कारणे STENT में समस्या आ रही है। अब इसके लिए चेन्नई अपोलो हॉस्पिटल में bilateral BRANCH PA STENTING procedure कराया जाना आवश्यक बताया गया । भावेश के आपरेशन के लिए डॉ. बी. के. चन्द्रवंशी (CMHO) एवं डॉ राजेश मिश्रा (जिला नोडल, चिरायु) के कुशल मार्गदर्शन एवं डॉ अभिषेक पटेल (BMO), सूरज पटेल (BPM) के सहयोग से चिरायु टीम के आयुष मेडिकल आफिसर डॉ खीर सागर पटेल एवं डॉ रीना पटेल, राधा रानी ने सक्रिय योगदान दिया। जिससे भावेश का पुनःअपोलो हॉस्पिटल चेन्नई में 20.07.2024 को सफल ऑपरेशन संभव हुआ। भावेश के परिजनों ने डॉ प्रभूदयाल खरे (जिला नोडल, चिरायु-सारंगढ) का भी आभार व्यक्त किया है। वर्तमान में भावेश स्वस्थ है एवं हंस खेल रहा है।