बेहतर भविष्य का निर्माण
केंद्रीय बजट 2024-25 में शहरी परिवर्तन कार्यनीतियां
केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2024-25 पेश किया, जिसमें देश को ठोस विकास और व्यापक समृद्धि की ओर ले जाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया। इस बजट का एक प्रमुख केंद्र बिंदु शहरी विकास है, जिसपर आवास, किराये की सुविधाओं, शहर की योजना, जल आपूर्ति, स्वच्छता और रेहड़ी-पटरी वालों के लिए सहायता में सुधार के उद्देश्य से विभिन्न पहलों के माध्यम से ध्यान दिया गया है।
पीएम आवास योजना (पीएमएवाई)
विस्तार और निवेश
केंद्रीय बजट 2024-25 में ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों को शामिल करते हुए पीएम आवास योजना के तहत तीन करोड़ अतिरिक्त घरों के निर्माण के लिए फंड आवंटन की घोषणा की गई है। इसमें पीएम आवास योजना शहरी 2.0 भी शामिल है, जिसका उद्देश्य 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश के साथ एक करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की आवास जरूरतों को पूरा करना है। सरकार की इस पहल में मदद करने के लिए अगले पांच वर्षों में 2.2 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त, इस योजना में किफायती दरों पर ऋण की सुविधा के लिए ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
विजन और प्रतिबद्धता
शहरी क्षेत्रों के लिए 2015 में और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 2016 में अपनी स्थापना के बाद से, पीएमएवाई ने घरेलू शौचालय, एलपीजी सुविधा, बिजली और कार्यात्मक घरेलू नल जल जैसी जरूरी सुविधाओं के साथ पक्के घर उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित किया है। इस योजना में यह भी अनिवार्य है कि परिवार की महिला मुखिया घर की मालिक या सह-मालिक हो, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) और निम्न-आय समूहों (एलआईजी) के बीच महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिले।
किराये का आवास
बजट में पीपीपी मोड के माध्यम से औद्योगिक श्रमिकों के लिए छात्रावास-प्रकार के आवास के साथ किराये के आवास की सुविधा पर प्रकाश डाला गया है, जिसे व्यवहार्यता अंतर निधि (वीजीएफ) और प्रमुख उद्योगों की प्रतिबद्धता से पूरा किया जाएगा। कुशल और पारदर्शी किराये के आवास बाजारों को सुनिश्चित करने के लिए नीतियां और नियम लागू किए जाएंगे।