
● जांच दौरान लॉज संचालक हुआ उग्र, पुलिस ने लॉज संचालक व 03 युवकों पर किया प्रतिबंधात्मक कार्यवाही…
पीटा एक्ट
पीटा (प्रिवेंशन ऑफ इम्मोरल ट्रैफिकिंग एक्ट) एक्ट अनैतिक देह व्यापार को रोकने के लिए 1956 में लागू किया गया है। 1986 में इसमें संशोधन किया गया। इस कानून के तहत अनैतिक देह व्यापार करने वाली कॉलगर्ल को छह माह की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। ग्राहक के लिए कानून में अलग-अलग सजा है। सार्वजनिक स्थल या चिह्नांकित क्षेत्र में गिरफ्तार होने पर तीन माह की सजा। कॉलगर्ल अगर 18 साल की उम्र से कम की हो तो ग्राहक को 7 से 10 साल की सजा हो सकती है।
खरसिया। क्षेत्र में पीटा एक्ट के अभाव में पुलिस चाह कर भी देह व्यापार करने वालों पर प्रभावी कार्यवाही नहीं कर पाते। सेक्स रैकेट का मामला सामने आने पर पुलिस ऐसे लोगों को मजबूरन 107,116, 109 और 151 जैसे धाराओं के तहत ही कार्यवाही करना पड़ता है। इससे जहां अनैतिक कार्य करने वाले पुलिस की छापामारी से भयभीत नहीं हो रहे तो वहीं दूसरी ओर कुछ एक मामले को छोड़कर जमानती अपराध की श्रेणी होने पर जमानत भी आसानी से मिल जाता है।
पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल के दिशा निर्देशन पर बाहर से होटल, लॉज में ठहरने वालों की रूटिन जांच की जा रही है इसी क्रम में कल प्रशिक्षु आईपीएस एवं थाना प्रभारी खरसिया आकाश श्रीश्रीमाल को खरसिया के लक्ष्मी लॉज में अनैतिक कार्य की सूचना प्राप्त हुई जिसकी तस्दीकी के लिए प्रशिक्षु आईपीएस आकाश श्रीश्रीमाल नेतृत्व में संजय नाग चौकी प्रभारी खरसिया व उनके स्टाफ मौके पर पहुंची। जहां लॉज के तीन कमरे अंदर से बंद थे। लॉज के संचालक सोनू अग्रवाल को मौके पर बुलाकर पुलिस ने कमरों को खुलवाए अंदर कमरों में युवक-युवती जोड़े में बैठे मिले तथा एक महिला कमरे के बाहर बैठी मिली।
लॉज संचालक से युवक-युवतियों के संबंध में पूछ-ताछ करने पर लॉज संचालक पुलिस की जांच कार्यवाही का विरोध कर उग्र हो गया और लड़कों ने भी कार्यवाही नहीं करने अपने बचाव में पुलिसकर्मियों से अभद्रता करने लगे।
मौके पर अनावेदकों द्वारा संज्ञेय अपराध के अंदेशा पर पुलिस ने चारों व्यक्ति लॉज संचालक सोनू अग्रवाल 43 साल,देवेंद्र कुमार पटेल 29 साल निवासी डभरा सक्ती, विवेक शर्मा 19 साल मालखरौदा,भागवत साहू खरसिया 42 को हिरासत में लेकर पुलिस चौकी खरसिया लाया गया तथा तीनों युवतियों की स्मिता को ध्यान में रखते हुए भविष्य में उनकी पहचान उजागर ना हो इसका पूर्ण ध्यान रखकर उन्हें गुप्त रूप से वाहन से उनके निवास स्थान तक पहुंचाया गया।
अनावेदकों के कृत्य को देखते हुए चौकी खरसिया में प्रतिबंधात्मक धारा 151/107,116(3) सीआरपीसी के तहत कर एसडीएम न्यायालय पेश किया गया जहां चारों का जेल वारंट जारी होने पर अनावेदकों को जेल दाखिल किया गया है ।
पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल के दिशा-निर्देशन एवं एडिशनल एसपी आकाश मरकाम के मार्गदर्शन पर संपूर्ण कार्यवाही में प्रशिक्षु आईपीएस एवं थाना प्रभारी खरसिया आकाश श्रीश्रीमाल,चौकी प्रभारी खरसिया उप निरीक्षक संजय कुमार नाग, प्रधान आरक्षक संतोष सिंगसरिया,अशोक देवांगन, आरक्षक भूपेंद्र राठौर,महिला आरक्षक रंजीता चौहान शामिल थी ।




