नौतपा 25 मई से होगा शुरू,02 जून तक तल्ख रहे सूरज के तेवर,सूर्यदेव बरसाएंगे धरती पर आग…
सूर्यदेव तल्ख तेवरों के साथ होंगे…
पिछले चार-पांच दिनों से पड़ रही भीषण गर्मी अगले 10-12 दिनों तक और जारी रहेगी, क्योंकि 25 मई से नौतपा शुरू होने वाला है। नौतपा में सूर्यदेव पृथ्वी के बहुत नजदीक आ जाते हैं और जमकर आग बरसाते हैं। 25 मई के दिन सूर्यदेव सुबह 03:16 बजे रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। इसके बाद दो जून तक सूर्यदेव के तेवर तल्ख रहेंगे। जिस कारण मई में भी पूरी तपिश रहेगी। चार जून तक मौसम खुश्क रहने व दिन के तापमान में बढ़ोतरी होने की संभावना है। बीच-बीच में हल्की हवाएं चलने के आसार भी हैं। रात के तापमान में हल्की गिरावट होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से 4 जून की रात मौसम में बदलाव संभावित है, जिससे चार जून देर रात से पांच जून तक हवाएं व गरज चमक के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना बन रही है।
नौतपा में तपेगी धरती,सूर्यदेव उगलेंगे आग
जानकारी मुताबिक जब नौतपा आरंभ होता है, तब से लेकर अगले नौ दिनों तक धरती पर भीषण गर्मी होती है। इन नौ दिनों तक सूर्यदेव धरती पर आग बरसाते हैं। पंचांग के अनुसार, नौतपा की शुरुआत उस दिन से मानी जाती है, जिस दिन से सूर्य रोहिणी नक्षत्र में जाते हैं, उसी दिन से नौतपा आरंभ हो जाता है। सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 24 तारीख की मध्यरात्रि के बाद तीन बजकर 16 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। इसलिए नौतपा 25 मई से माना जाएगा। नौतपा का आरंभ 25 मई से होगा और दो जून तक रहेगा। नौतपा में भीषण गर्मी होती है। आसमान से आग बरसने लगती है, जिसका असर न केवल मनुष्यों पर होता है, बल्कि पेड़-पौधों, नदी व तालाब पर भी देखने को मिलता है। हालांकि, शास्त्रों में इसको लेकर मान्यताएं हैं कि नौतपा में कुछ ऐसे कार्य भी हैं, जिनको करने से व्यक्ति को कई जन्मों तक पुण्य फल मिलता है।
नौतपा में क्यों बढ़ने लगती है गर्मी
जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 15 दिनों के लिए आता है, उन 15 दिनों के पहले नौ दिन सर्वाधिक गर्मी वाले होते हैं। इन्हीं नौ दिनों को नौतपा के नाम से जाना जाता है। नौतपा की शुरूआत भी रोहिणी नक्षत्र से होगी। इस बार 25 मई से नौतपा शुरू होंगे व दो जून तक रहेंगे। नौतपा में सूर्य की किरणें पृथ्वी पर सीधी रेखा में गिरने के कारण गर्मी अपने चरम पर रहती है। मान्यता है कि सूर्य की गर्मी रोहिणी के जलतत्व के कारण यह मानसून का गर्भ आ जाता है। इसी कारण नौतपा को मानसून का गर्भकाल माना जाता है।
नौतपा में क्या करें
नौतपा के दौरान पेड़-पौधे अधिक से अधिक लगाने चाहिए और उनकी देखभाल करनी चाहिए। पेड़-पौधे के साथ-साथ पशु-पक्षियों के लिए भी पानी की व्यवस्था करने से आपको पितरों का आशीर्वाद मिलता है। जरुरमंद लोगों को ऐसी चीजों का दान करें, जिनसे उन्हें गर्मी से राहत मिले। जैसे पंखे का दान, घड़े का दान, कपड़े, चप्पल, अन्न, जल, सत्तू, पंखा व छाता अदि। ऐसा करने से आपको नवग्रहों का शुभ फल मिलता है। नौतपा के दौरान गर्मी से निजात पाने के लिए महिलाओं को हाथ व पैरों में मेहंदी लगानी चाहिए, क्योंकि मेहंदी की तासीर ठंडी होने के कारण हमें गर्मी से राहत मिलती है। सूर्य भगवान का मंत्र का जाप करते हुए सूर्य भगवान को जल अर्पण करें। नौतपा से बचाव हेतु दिन के समय कम से कम घर से बाहर निकलें।