ख़बरें जरा हटकरखरसियाछत्तीसगढ़देश /विदेशरायगढ़विविध खबरें

भांचा राम के वन पथ गमन सड़कों में काली डस्ट की चादर …

औद्योगिक नगरी रायगढ़,खरसिया इन दिनो प्रदूषण और स्पंज आयरन के काले धुएं को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है। कंपनियां अपने उत्पादन को लेकर तो सक्रिय हैं लेकिन यहां फैल रहे प्रदूषण के बारे में चुप्पी साधे हुए हैं। यहां के रहवासियों ने कई बार इस समस्या को अफसरों के सामने रखा,लेकिन समाधान देने की बजाय कंपनी ने खाना पूर्ति कर देते हैं। 

उल्लेखनीय है कि,आज से कुछ वर्षों पहले क्षेत्र में उद्योगों का जन्म हुआ था। तभी से इस क्षेत्र में प्रदूषण भी पैर पसारने लगा। जनता की उम्मीद नेताओं पर थी, लेकिन सत्ता में आते ही सरकार के बदलते तेवर के कारण आज तक इस समस्या का निदान नहीं हो सका है। 

रामवन पथ गमन सड़कों में काली डस्ट की चादर

भांचा राम के लिए बहुत कुछ हो रहा है उसमें थोड़ा और सही जिस पथ पर चलकर आने की बात और उस पथ का विकास शासन प्रशासन ने बढ़ चढ़कर किया था परंतु आज हालात कोयले की कालिक पूरे चेहरे में इस तरह चढ़ जाता है कि इंसान कुछ और नजर आने लगता है…

पलगड़ा तरह या छाल की तरफ यात्रा करने वाले राहगीरों सहित देहजरी ,कुनकुनी चपले रामझरना क्षेत्र के रहवासियों का जीना दुश्वार होता जा रहा है। इसका कारण है कल-कारखानो,साइडिंग से निकलने वाली काली डस्ट,कोयला चुरा। इस डस्ट को सड़कों पर बिछाया गया या परिवहन के लिए जिन ट्रकों का उपयोग किया जाता है गिराया है और नीम पर करेला चढ़ा कहावत को चरितार्थ करते हुए ट्रकों को भी सड़क किनारे खड़ा किया जाता है। इससे मार्ग बाधित होता है।

एनएच में झाडू लगाने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य पर कितना असर होता होगा एनएच 49 में तेज रफ़्तार वाहनों बीच रहकर सफाई करना कितना सुरक्षित है।शायद मुआवजे के मरहम-पट्टी से काम चला लेगे…

हवा, मिट्टी, पानी सब प्रदूषित

अधिकतर लोग उद्योग पार्क के आस-पास की आबोहवा को ही प्रदूषित मानते हैं जबकि वास्तविकता तो यह है कि देहजरी ,चोढ़ा चौक,रानी सागर चौक में हवा,पानी और मिट्टी भी दूषित हो रही है। तेजी से कुनकुनी चपले,राम झरना आस-पास का पर्यावरण दूषित हो रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों में रायगढ़ खरसिया को भयावह स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।

सरकार और प्रशासन इन पर मेहरबान क्यों

अब सवाल यह उठता है कि, झूठे वादों और ग्रीन जोन के सपने दिखाने वाली इन कंपनियों पर आखिर शासन-प्रशासन इतना मेहरबान क्यों है? क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी संबंधित मामले को लेकर किसी तरह से हरकत में दिखाई पड़ते नहीं हैं। कंपनियों को बेलगाम छोड़ने और उन पर शासकीय मेहरबानी के चलते ही इस क्षेत्र की ऐसी दशा हो गई है। ताज्जुब है कि, प्रदूषण की यह समस्या आए दिन अखबारों में सुर्खियां बटोरने के बाद भी ज्यों की त्यों बनी हुई है। संभव है कि, कंपनियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त हो और शायद इसीलिए अब तक इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

Show More

Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!