अर्णब पर कस सकता है शिकंजा, बार्क के पूर्व सीईओ को लाखों का भुगतान करने का आरोप
रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी के खिलाफ मुंबई पुलिस का शिकंजा कस सकता है। पुलिस ने सोमवार को स्थानीय अदालत में आरोप लगाया कि रिपब्लिक टीवी और इसके हिंदी न्यूज चैनल के लिए टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट्स (टीआरपी) में छेड़छाड़ करने में बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता के साथ साजिश में शामिल थे। इतना ही नहीं, गोस्वामी ने दासगुप्ता को लाखों का भुगतान भी किया।
दासगुप्ता की पुलिस हिरासत 30 दिसंबर तक बढ़ी
क्राइम ब्रांच ने मजिस्ट्रेट कोर्ट से दासगुप्ता की हिरासत अवधि बढ़ाने की मांग की, जिसे स्वीकार करते हुए अदालत ने हिरासत 30 दिसंबर तक बढ़ा दी। पुलिस ने दावा किया कि दास टीआरपी घोटाले के मास्टरमाइंड हैं। उन्होंने तथा अन्य आरोपियों ने वित्तीय फायदे के लिए चुनिंदा न्यूज चैनलों की टीआरपी के साथ छेड़छाड़ की। पुलिस का दावा है कि बार्क के पूर्व सीओओ रोमिल रामगढ़िया ने भी दासगुप्ता के साथ मिलकर कुछ चैनलों की टीआरपी में हेराफेरी की।
इस गड़बड़ी में दासगुप्ता अर्णब और अन्य के साथ साजिश में शामिल थे। पुलिस ने आरोप लगाया कि अपने चैनलों की टीआरपी में बदलाव के लिए गोस्वामी ने समय-समय पर दासगुप्ता को लाखों रुपये का भुगतान किया। दासगुप्ता ने इन पैसों का उपयोग आभूषण और अन्य महंगे सामनों की खरीद में किया। इन सामानों को उनके घर से जब्त भी किया गया है।
अपने रिमांड नोट में पुलिस ने आरोप लगाया कि दासगुप्ता अपने पद का फायदा उठाकर रिपब्लिक भारत हिंदी और रिपब्लिक टीवी अंग्रेजी जैसे एआरजी आउटलेयर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रसारित कुछ चुनिंदा न्यूज चैनलों की टीआरपी में फेरबदल किया। पुलिस ने कहा कि दासगुप्ता से अभी और पूछताछ की जानी बाकी है क्या उन्हें अन्य न्यूज चैनलों की टीआरपी में भी बदलाव के लिए भुगतान किया गया।
उन पर यह भी आरोप लगाया गया है बार्क का सीईओ रहते उनके पास सभी चैनलों की टीआरपी रेटिंग पर गोपनीय जानकारी उनके पास थी और जांच में यह पता लगाना है कि क्या उन्होंने इसकी जानकारी अन्य को भी दी थी। टीआरपी घोटाले में अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।