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महीने में सिर्फ 203 रुपये बचा पता है देश का किसान, आखिर कितनी है सालाना आय?

कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पंजाब के हजारों किसान राजधानी दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं. कृषि कानून विरोधी किसान आंदोलन ने अब जोर पकड़ लिया है और अब शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में भी किसान सड़कों पर उतरेंगे और कृषि कानूनों का विरोध करेंगे. दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसानों को रोकने के लिए पुलिस लगातार कोशिश में जुटी है. कृषि कानून के प्रावधानों को लेकर किसानों में नाराजगी है. दूसरी तरफ सरकार इसे किसानों के हित में बता रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार 2022 तक किसानों की इनकम डबल करने की बात करते हैं. फिलहाल कितनी है देश के किसानों की आय, क्या कहते हैं आंकड़े.

पीएम मोदी ने दिखाए दोगुनी आय के सपने

28 फरवरी 2016 को, उत्तर प्रदेश के बरेली में ‘किसान स्वाभिमान रैली’ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था-“2022 में जब देश आजादी की 75वीं सालगिरह मना रहा होगा, उस वक्त तक किसान की आय हम दोगुनी कर देंगें. यही मेरा सपना है.” यह सपना सच होने के रास्ते पर कहां तक पहुंचा है. अभी तक इसका कोई आंकड़ा मौजूद नहीं है. साल 2016 में, जब पीएम मोदी ने किसानों की आय दोगुनी करने का ऐलान किया था, तब सरकार के पास तीन साल पुराना किसानों की आय से जुड़ा डेटा मौजूद था.

क्या कहते हैं आंकड़े

नेशनल सैम्पल सर्वे (NSSO) के अनुसार, साल 2012-13 में हर कृषि परिवार की औसत मासिक आय 6426 रुपये थी. साल 2016 में प्रकाशित नाबार्ड की रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन साल में किसानों की आय में 40 फीसदी बढ़ोतरी हुई है. इस रिपोर्ट में किसानों की आय प्रति माह 8931 रुपये होने का दावा किया गया. हालांकि, 2016 के बाद किसानों की आय में कितनी बढ़ोतरी हुई है, इसका सरकारी आंकड़ा मौजूद नहीं है.

NSSO के आंकड़े के अनुसार, 2012-13 में किसानों की सालाना आय 77,112 रुपये थी. इसके बाद सिर्फ अनुमान के आधार पर ही किसानों की आय पर चर्चा होती है. डबलिंग फार्मर्स इनकम कमेटी के अनुमान के मुताबिक, 2013-14 में 88,713 रुपये, 2014-15 में 94,314 और 2015-16 में 96,703 रुपये थी. राज्यों में पंजाब के किसानों की आय सबसे अधिक है. यहां के किसान औसतन 2,30,905 रुपये सालाना कमाता है. दूसरा नंबर हरियाणा का है, जहां 1,87,225 रुपये की कमाई है.

सरकार ने 2013 के बाद से अभी तक कोई भी किसानों की आय से जुड़ा आंकड़ा सामने नहीं रखा है. 2013 के आंकड़ों के अनुसार, किसानों की औसत मासिक आय 6426 रुपये थी. जिसमें से 6223 रुपये खर्च हो जाते थे और सिर्फ 203 रुपये बचते थे. केंद्र सरकार सितंबर माह में 3 नए कृषि विधेयक लाई थी, जिन पर राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद वे कानून बन चुके हैं. मगर किसानों को ये कानून रास नहीं आ रहे हैं. उनका कहना है कि इन कानूनों से किसानों को नुकसान और निजी खरीदारों व बड़े कॉरपोरेट घरानों को फायदा होगा. इसे वापस लेने के लिए अब वो सड़कों पर हैं.

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