हाथरस केस: CM योगी बोले सबका होगा नार्को टेस्ट तो भड़क उठे सुरजेवाला, कहा- ये तो गलत है
हाथरस मामलें में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर सख्त एक्शन लिया है. मामले में पुलिस के सीनियर अधिकारियों से लेकर निचले स्तर तक के पुलिस अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की है. सीएम योगी की कड़ी कार्यवाही से न सिर्फ पुलिस विभाग में हड़कंप मचा है बल्कि विपक्ष की भी नींद उड़ गई है.
सीएम योगी ने हाथरस के एसपी, डीएसपी, इंस्पेक्टर और कुछ अन्य अधिकारियों को जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर सस्पेंड करने का आदेश दिया है. इतना ही नहीं, इन अफसरों और पुलिस अधिकारिया का नार्को टेस्ट भी होगा। जब से सीएम योगी ने नार्को टेस्ट की बात की है तबसे हाथरस पर राजनीति करने वालों के होश उड़ गए हैं, कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने नार्को टेस्ट को पागलपन करार दिया है.
हाथरस में पीड़ित दलित परिवार के नार्को टेस्ट की खबर आदित्यनाथ सरकार के पागलपन का जीता जागता सबूत है।
पीड़ित बेटी का न इलाज हुआ, न न्याय मिला।
रात को ढाई बजे पीड़ित बेटी का शव जलाया।
पिता को धमकी दी गई।
मोबाइल तक छीन लिया।
गाँव में मीडिया नही जा सकता।
अधर्मी योगी इस्तीफ़ा दो
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) October 3, 2020
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि हाथरस में पीड़ित दलित परिवार के नार्को टेस्ट की खबर आदित्यनाथ सरकार के पागलपन का जीता जागता सबूत है। पीड़ित बेटी का न इलाज हुआ, न न्याय मिला। रात को ढाई बजे पीड़ित बेटी का शव जलाया। पिता को धमकी दी गई। मोबाइल तक छीन लिया। गाँव में मीडिया नही जा सकता। अधर्मी योगी इस्तीफ़ा दो
सीएम योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर को लापरवाही और शिथिलता के लिए सस्पेंड किया है. सीएम के निर्देश पर तत्कालीन क्षेत्राधिकारी रामशब्द को निलंबित किया गया है. इसके अलावा तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार वर्मा, सब- इंस्पेक्टर जगवीर सिंह और हेड मोहर्रिर महेश पाल को भी निलंबित किया गया है. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस पार्टी हाथरस मामलें पर जमकर राजनीती कर रही है.
आपको बता दें कि सीएम योगी के निर्देश के अनुसार, सस्पेंड किए गए सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ-साथ सभी वादी/प्रतिवादी व्यक्तियों का भी पॉलीग्राफ व नार्को टेस्ट कराए जाएगा।