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केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा गिरती वायु गुणवत्ता वाले चयनित देश के 122 शहरों में शामिल नहीं है रायगढ़

रायगढ़ । पर्यावरण विभाग जिला रायगढ़ से मिली जानकारी अनुसार छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा रायगढ़ जिले में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा तय तीन स्थलों पर (स्टेशन कोड)पर मॉनिटरिंग का कार्य केन्द्रीय प्रदूषण बोर्ड द्वारा डस्ट के परिमापन हेतु निर्धारित मॉनिटरिंग के दिशा-निर्देश एवं स्थान चयन नियम, मापदंड के अनुसार किया जाता है। केन्द्रीय प्र्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पूरे भारत वर्ष के आंकड़ों के मॉनिटरिंग के पश्चात प्राप्त परिणाम को आधार मानकर कार्ययोजना तैयार की जाती है। केन्द्रीय प्र्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा वर्ष 2018 में गिरती वायु गुणवत्ता वाले 102 शहरों का चयन कर बेहतर वायु गुणवत्ता हेतु एक कार्ययोजना नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम की घोषणा की जिसमें वर्ष 2019 में 20 अन्य शहरों को शामिल किया गया है। नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य के भी 3 शहर रायपुर, भिलाई एवं कोरबा को गिरता वायु गुणवत्ता के आधार पर नॉन अटेनमेंट सिटी घोषित किया गया है। उक्त कार्यक्रम से रायगढ़ जिले को बाहर रखा गया है।

रायगढ़ का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स 40 से 70 के बीच
भारत में केन्द्रीय वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवतन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2014 से नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स की शुरूआत की गई नेशनल एयर क्वालिटी में 8 विभिन्न प्रकार के प्रदूषण तत्व प्रमुखत: PM10, PM2.5, NO2, SO2, CO, O3, NH3, Pb को सम्मिलित किया गया है। एयर क्वालिटी इंडेक्स के वायु गुणवत्ता के आंकड़ों के आधार पर 6 प्रकार का वर्गीकरण (0-50 Good, 51-100 Satisfactory, 101-200 Modarate, 201-300 Poor, 301-400 Very Poor, 401-500 Severe) किया गया है। रायगढ़ जिले में संचालित सतत् परिवेशीय वायु गुणवत्ता स्टेशन से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर रायगढ़ की मासिक एयर क्वालिटी इंडेक्स औसतन 40-70 वार्षिक रूप में होता है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार राज्य में वायु गुणवत्ता के आधार पर चयनित नान अटेनमेंट सिटीस रायपुर, भिलाई, कोरबा से रायगढ़ की स्थिति बेहतर है। दिल्ली में शीत ऋतु में कोहरे व एयर क्वालिटी इंडेक्स बढऩे की खबरों के मुख्य आकर्षण बनने से रायगढ़ में भी उसी प्रकार की चिंता व्यक्त की जाती है। किन्तु दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स शीत ऋतु में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार 300-500 के मध्य विभिन्न स्थानों पर दर्ज किया जाता है जो कि रायगढ़ जिले के आंकड़ों से काफी अधिक है। रायगढ़ जिले में वर्तमान में प्रचलित खबरों में जिस वेबसाईट के हवाले से खबरों का प्रकाशन किया जा रहा है। उसी वेबसाईट ने अपने सोर्स ऑफ डेटा सेक्शन लिंक में स्पष्ट किया है कि वायु गुणवत्ता के परिणाम के वास्तविक गणना (Actual Measurments)पर बेस्ड न होने की बात कही है। उक्त वेबसाईट के आंकड़ों को विश्वसनीय मानकर खबरों का प्रकाशन करना सही नहीं है।

कलेक्टर सिंह के निर्देश पर वायु गुणवत्ता सुधार पर बनी कार्ययोजना

कलेक्टर भीम सिंह की अध्यक्षता में 07 नवम्बर 2020 को अंतर्विभागीय मीटिंग आयोजित की गई थी एवं एक जिला स्तरीय समिति का गठन एवं विभिन्न विभागों को एक रूपरेखा तैयार कर वायु गुणवत्ता में सुधार हेतु विभागवार स्पष्ट कार्य विभाजन किया गया था जिसमें लोक निर्माण विभाग को रायगढ़ से पूंजीपथरा तक का मार्ग के मरम्मत कार्य करने व बीओटी मॉडल पर रिंगरोड के निर्माण हेतु प्रस्ताव तैयार करने, नगर निगम को नगरीय निकाय क्षेत्र में सड़कों के संधारण कार्य किये जाने निकाय क्षेत्र में सड़कों में धुल की नियमित सफाई करने व रायगढ़ शहर के अंतर्गत नगरीय ठोस अपशिष्ट, बायोमास प्लास्टिक, हार्टिक्लचर वेस्ट आदि को खुले में जलाने को प्रतिबंधित करने, शहर के अंदर निर्माण कार्य को ग्रीन नेट से ढककर किये जाने, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को 15 वर्ष से अधिक के वाहन शहर में प्रतिबंधित किये जाने, कच्ची सामग्री, तैयार उत्पाद के परिवहन करने वाले ट्रकों को तारपोलिन ढककर परिवहन करने व ओवर लोडिंग की जांच करने, ई-रिक्शा के पंजीयन को प्रोत्साहित करने हेतु प्रयास करने, खाद्य विभाग को शहर के अंतर्गत होटलो/ढाबों में क्लीन फ्यूल के उपयोग को प्रोत्साहित करने, पेट्रोल पम्प में अपमिश्रण की जांच करने, वन एवं पर्यावरण विभाग को खाली स्थान का चयन कर वृक्षारोपण करने, पर्यावरण विभाग को उद्योगों में स्थापित प्रदूषण नियंत्रण उपस्कर ईएसपी जांच एवं रिपोर्ट तैयार करने, उद्योगों में प्रदूषण के आंकड़ों हेतु डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड लगाने, फ्लाई ऐश के प्रभावी निपटान, शहर के अंतर्गत मॉनिटरिंग कर रिपोर्ट तैयार करने बाबत कलेक्टर सिंह द्वारा निर्देशित किया गया था।

उद्योगों में ईएसपी की हो रही है जांच…

इसके अतिरिक्त कलेक्टर सिंह द्वारा संज्ञान लेकर उद्योग के आंतरिक प्रदूषण नियंत्रण हेतु जिले के सभी उद्योगों को मीटिंग आयोजित करने व कार्ययोजना के विभागीय बिन्दुओं की कार्य प्रगति की समीक्षा हेतु मासिक रूप से करने हेतु मीटिंग का निर्णय लिया गया है।

कलेक्टर के निर्देशानुसार पर्यावरण विभाग द्वारा सभी उद्योगों में ईएसपी का जांच कार्य किया जा रहा है। अब तक जिले के 10 उद्योगों का निरीक्षण कर उनमें लगे वायु प्रदूषण नियंत्रण उपस्कार ईएसपी ट्रांसफार्मर, कंट्रोल पैनल की जांच की जा चुकी है एवं शेष उद्योगों की जांच 10 दिसम्बर 2020 तक लिया जायेगा…

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