आज से छठ पर्व शुरू, शुक्रवार को षष्ठी तिथि, जानें कब है नहाय-खाय…..जानिए शुभ मुहूर्त और छठी मइया के बारे में खास बातें
रायपुर। आस्था का महापर्व छठ पूजा हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस बार षष्ठी तिथि 20 नवंबर 2020, शुक्रवार को है। छठी मइया को अर्घ्य देने के लिए भक्त 20 नवंबर की शाम पानी में उतरेंगे. इसके बाद 21 नवंबर की सुबह उगते हुए सूरज को अर्घ्य देकर छठ पूजा का समापन किया जाएगा. छठ पर्व की शुरुआत नहाए-खाए से 18 नवंबर से होगी, इसके बाद 19 नवंबर को खरना या लोहंडा मनाया जाएगा. इस दिन बेहद ही स्वादिष्ट गन्ने की रस की खीर बनाई जाती है. इसके बाद प्रसाद के भरी बांस की टोकरी जिसे दउरा या दौरा भी कहा जाता है.
कब है नहाय-खाय?
छठ पूजा की शुरुआत षष्ठी तिथि से दो दिन पूर्व चतुर्थी से हो जाती है जो कि इस बार बुधवार को है। चतुर्थी को नहाय-खाय होता है। नहाय-खाय के दिन लोग घर की साफ-सफाई/पवित्र करके पूरे दिन सात्विक आहार लेते हैं। इसके बाद पंचमी तिथि को खरना शुरू होता है जिसमे व्रती को दिन में व्रत करके शाम को सात्विक आहार जैसे- गुड़ की खीर/ कद्दू की खीर आदि लेना होता है। पंचमी को खरना के साथ लोहंडा भी होता है जो सात्विक आहार से जुड़ा है।
षष्ठी को रखते हैं निर्जला व्रत-
छठ पूजा के दिन षष्ठी को व्रती को निर्जला व्रत रखना होता है। यह व्रत खरना के दिन शाम से शुरू होता है। छठ यानी षष्ठी तिथि के दिन शाम को डूबते सूर्य को अर्घ देकर अगले दिन सप्तमी को सुबह उगते सूर्य का इंतजार करना होता है। सप्तमी को उगते सूर्य को अर्घ देने के साथ ही करीब 36 घंटे चलने वाला निर्जला व्रत समाप्त होता है। छठ पूजा का व्रत करने वालों का मानना है कि पूरी श्रद्धा के साथ छठी मइया की पूजा-उपासना करने वालों की मनोकामना पूरी होती है।
छठ पूजा की तिथियां-
18 नवंबर 2020, बुधवार- चतुर्थी (नहाय-खाय)
19 नवंबर 2020, गुरुवार- पंचमी (खरना)
20 नवंबर 2020, शुक्रवार- षष्ठी (डूबते सूर्य को अर्घ)
21 नवंबर 2020, शनिवार- सप्तमी (उगते सूर्य को अर्घ)