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सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट: सुप्रीम कोर्ट ने दी शिलान्यास की इजाजत, निर्माण के तरीके पर नाराजगी भी जताई

केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट  पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है. बता दें कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Project) के तहत नया त्रिकोणीय संसद भवन, कॉमन केंद्रीय सचिवालय और तीन किलोमीटर लंबे राजपथ को रीडेवलप किया जाना है. याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह से सरकार सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का कंस्ट्रक्शन करवा रही है उसपर नाखुशी जाहिर की.

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हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को शिलान्यास की इजाजत दे दी है. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  10 दिसंबर को नए संसद भवन का भूमि पूजन और शिलान्यास करेंगे.

फिलहाल नहीं होगा निर्माण, तोड़फोड़ या पेड़ों की कटाई का काम

सुप्रीम कोर्ट की तरफ से यह भी ध्यान रखने को कहा गया है कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के दौरान किसी तरह का निर्माण, तोड़फोड़ या पेड़ों की कटाई नहीं हो. इसपर केंद्र सरकार ने कोर्ट को आश्वासन दिया है कि जबतक सुप्रीम कोर्ट इसपर फैसला नहीं देता तबतक केंद्र सरकार किसी तरह का काम नहीं करेगी.

कैसा है नए संसद भावन का मॉडल

नए संसद भवन का निर्माण तकरीबन 850 करोड़ रुपये की लागत से होगा. यह संसद भवन की मौजूदा संसद भवन परिसर में ही बनेगा. 2022 में तक इस नए संसद भवन को पूरा करने की योजना है. ताकि जब देश आजादी का 75वां साल मना रहा हो तो सरकार नए संसद भवन में बैठकर आजादी के त्योहार को मनाए. सूत्रों के मुताबिक, नई इमारत 65,000 वर्ग मीटर में फैली होगी, जिसमें 16921 वर्ग मीटर का इलाका अंडरग्राउंड भी होगा.

 

नई बिल्डिंग में भी 3 फ्लोर होंगे जिसमें से एक ग्राउंड फ्लोर जबकि 2 मंजिल उसके ऊपर होंगे. भवन का डिजाइन त्रिकोणीय होगा, जिसका नजारा आसमान से देखने पर तीन रंगो की किरणों वाला होगा. लोकसभा की नई इमारत में सदन के अंदर 900 सीटें होंगी. सीटों को भविष्य को ध्यान में रखकर अधिक बनाने की योजना है. ताकि आने वाले समय लोकसभा में सीटें बढ़ती हैं तो दिक्कत न हो. नए सदन में दो-दो सांसदों के लिए एक सीट होगी, जिसकी लंबाई 120 सेंटीमीटर होगी. राज्यसभा की नई इमारत में 400 सीटें होंगी.

नए संसद भवन में एक कांस्टीट्यूशन हॉल भी होगा, जो भारत की लोकतांत्रिक धरोहर को प्रदर्शित करेगा. इसके अलावा संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समितियों के लिए कमरे, खान-पान के लिए स्थान और वाहन पार्किंग की जगह भी होगी. मौजूदा भवन, ब्रिटिश काल है जिसका डिजाइन एडविन लुटियंस और हरबर्ट बेकर ने तैयार किया था. उन दोनों ने ही नई दिल्ली का निर्माण किया था.

टाटा कंपनी बनाएगी नया संसद भवन

नए संसद का निर्माण टाटा कंपनी करेगी. संसद भवन की नई इमारत बनाने के लिए टाटा कंपनी ने छह कंपनियों को पछाड़ते हुए इसका ठेका 61.9 करोड़ रुपये में हासिल किया है. नए संसद भवन का डिजाइन करने वाले विमल पटेल गुजरात के अहमदाबाद के रहने वाले हैं. पटेल ही सेंट्रल विस्टा की रीडिजाइनिंग भी कर रहे हैं.

पढ़ें – 862 करोड़ में बनेगा भारत का नया संसद भवन, 7 कंपनियों को पछाड़कर टाटा ने जीता ठेका

अभी कैसा मौजूदा संसद भवन

मौजूदा संसद भवन की आधारशिला 12 फरवरी 1921 को रखी गई थी और इसके निर्माण में 6 साल का वक्त लगा था. पुराने भवन के निर्माण में 83 लाख रुपये की लागत आई थी और इसका उद्घाटन 18 जनवरी 1927 को भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन ने किया था. मौजूदा संसद भवन के बारे में माना जाता है कि ये चौंसठ योगिनी मंदिर के स्वरूप से प्रेरित है.

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