रायगढ़। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आज भू-अर्जन-विधि एवं प्रक्रिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में राज्य प्रशानिक सेवा के सेवानिवृत्त श्री पी.निहालानी रहें।
मुख्य वक्ता श्री पी.निहालानी ने सभी राजस्व, उद्योग, माइनिंग एवं संबंधित अधिकारियों को भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनव्र्यवस्थापन में प्रतिकार और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने पुराना भू-अर्जन अधिनियम 1894, नया भू-अर्जन अधिनियम 2013, भू-अर्जन का उद्देश्य धारा-2, पूर्व सहमति की आवश्यकता, निजी बात के माध्यम से भूमि खरीदी धारा-2 (3), उन्होंने समुचित सरकार, कृषि भूमि, प्रभावित परिवार, प्रशासक, पुनर्वास आयुक्त, सामाजिक समाघात निर्धारण परिभाषा, खाद्य सुरक्षा के लिए विशेष उपबंध, आक्षेपो की सुनवाई, पुनर्वास पुनव्र्यवस्थापन घोषणा एवं सार प्रकाशन, भूमि माप हितबद्ध व्यक्तियों को सूचना, भू-अर्जन के लिए अधिकतम समय-सीमा, बाजार मूल्य, भूमि के संलग्न परिसंपतियों का मूल्यांकन, परियोजना स्तरीय पुनर्वासन तथा पुनव्र्यवस्थापन समिति धारा जैसे भू-अर्जन में आने वाली विभिन्न प्रक्रियाओं के धाराओं की जानकारी दी। उन्होंने अधिकारियों को विभिन्न प्रकार के कार्यों के साथ क्षेत्र में आने वाली समस्याओं से अवगत कराते हुए संबंधित धाराओं की जानकारी भी दी, जिसके माध्यम से कार्यों का पूरा किया जा सके। इस दौरान अधिकारियों ने प्रश्नों के माध्यम से अपनी शंकाएं भी दूर किए।
आयोजित सेमिनार में अपर कलेक्टर राजीव पांडेय, संयुक्त कलेक्टर डी.आर.रात्रे, संयुक्त कलेक्टर भरत राम धु्रव, महा प्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र शिव कुमार राठौर, एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं भू-अर्जन से संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।