बिलासपुर।शहर विधायक ने स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अफसरों की बैठक ली।छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (CIMS) के वायरोलॉजी लैब में पांच RT-PCR मशीनें हैं। जिनमें तीन मशीन चालू है। वहीं, दो मशीन स्टाफ की कमी के चलते बंद पड़ी है। इसकी वजह से यहां लैब में जांच प्रभावित हो रही है। दरअसल, यह बात उस समय सामने आई, जब दैनिक भास्कर ने वॉयरोलॉजी लैब में कोरोना संक्रमित स्टाफ मिलने व जांच प्रभावित होने की खबर प्रकाशित की। इसके बाद विधायक शैलेष पांडेय ने स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारी को लेकर बैठक बुलाई। उसमें CIMS प्रबंधन ने RT-PCR मशीन बंद होने की जानकारी दी।स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि प्रतिदिन करीब 4000 लोगों का कोरोना परीक्षण किया जा रहा है। इसके लिए तीन मापदंड तय किए गए हैं, विदेश एवं अन्य राज्यों से हवाई यात्रा के माध्यम से यात्री एयरपोर्ट पहुंचता है उनका रैंडम टेस्ट किया जा रहा है। इसके साथ ही रेलवे और बस से सफर करने वाले लोगों का कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के माध्यम से भी कोरोना परीक्षण किया जा रहा है। वहीं कोरोना लक्षण जिन्हें सर्दी, खांसी, बुखार, सर दर्द है ऐसे लोगों का भी परीक्षण किया जा रहा है।सेंट्रल लाइब्रेरी में स्वास्थ्य अफसरों की हुई बैठक।बैठक में सिम्स के चिकित्सकों ने बताया कि बिलासपुर सहित आसपास के जिले जिसमें गौरेला पेंड्रा मरवाही, मुंगेली, बलौदा बाजार से भी कोविड परीक्षण RT-PCR सैंपल CIMS में भेजे जाते हैं। वर्तमान में CIMS में पांच कोरोना परीक्षण RT-PCR मशीनें वायरोलॉजी लैब में स्थापित हैं, जिनमें से तीन मशीनें संचालित की जा रही है। स्टाफ की कमी के कारण दो मशीनें बंद पड़ी है। जानकारी मिलने पर नगर विधायक शैलेष पांडेय ने तत्काल संचालक स्वास्थ्य सेवाएं नीरज बंसोड़ से फोन पर बात की और समस्या से अवगत कराया।150 बच्चे हैं कोरोना संक्रमितस्वास्थ्य अधिकारियों ने होम आइसोलेशन के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में 1675 सक्रिय मरीज होम आइसोलेटेड हैं। जिन्हें प्रतिदिन स्वास्थ्य विभाग फोन के माध्यम से बातचीत करके स्वास्थ्य संबंधी जानकारी पूछता है, और यह प्रक्रिया पूरे 10 दिन होती है। इसके साथ ही परिवार के सदस्यों का भी कोविड टेस्ट होता है और उन्हें आवश्यक दवाइयां घर पहुंचा कर उपलब्ध कराई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार लगभग 150 बच्चे कोरोना संक्रमित हैं जिन्हें गाइडलाइन के अनुसार वैक्सीन नहीं लग पाई है।46 हजार बच्चों को लगा है डोजअधिकारियों ने बच्चों के वैक्सीनेशन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 15 वर्ष से 18 वर्ष के 1 लाख 10 हजार बच्चों को कोविड वैक्सीन लगाया जाना है, जिसके लिए 10 दिन का टारगेट तय किया गया है। अब तक 46 हजार बच्चों को प्रथम डोज लगाई जा चुकी है। इसके लिए स्कूलों में शिविर आयोजित कर बच्चों को कोविड वैक्सीन लगाई जा रही है।बच्चों के लिए है 18 बेड व 2 वैंटिलेटरबच्चों के कोरोना संक्रमण की व्यवस्थाओं के संबंध में नगर विधायक शैलेष पांडेय ने स्पष्ट किया है कि किसी भी मरीजों के इलाज में कोई कोताही नहीं बरतनी चाहिए। CIMS में बच्चों के लिए 8 बेड सहित 2 वेंटिलेटर की व्यवस्था बनाई गई है तो वहीं जिला अस्पताल में 10 बेड और 1 वेंटिलेटर की व्यवस्था है।