रायगढ़। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने जिले में पदस्थापना के साथ ही प्रशासनिक कार्यों में तेजी लाने की शुरुआत कर दी है। पिछले दिनों बैठक लेकर उन्होंने जिले में राजस्व विभाग के कार्यों की गहन समीक्षा की और राजस्व मामलों के निराकरण में तेजी लाने के निर्देश दिए थे। उन्होंने नजूल के लंबित प्रकरणों के बारे में भी पूरा ब्योरा लिया और एक हफ्ते के भीतर ही नजूल के 100 से अधिक प्रकरणों को निराकृत कर दिया। उनके निर्देशों के बाद नजूल प्रकरणों के निराकरण में अब काफी तेजी आयी है।
कलेक्टर सिन्हा ने लोगों से शासन की राजस्व से जुड़ी शासकीय भूमि के व्यवस्थापन, गैर रियायती स्थायी पट्टेदारों को भूमि स्वामी हक प्रदाय करना तथा राजीव गांधी आश्रय योजना के पट्टेदारों को भूमि स्वामी हक प्रदाय करना जैसी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लेने की अपील की है। जिससे उन्हें उनके काबिज भूमि का भूमि स्वामी हक मिल सकेगा।
इस तरह ले सकते है योजनाओं का लाभ
शासकीय भूमि का व्यवस्थापन-नगरीय क्षेत्र के अंतर्गत 20 अगस्त 2017 के पूर्व के अतिक्रमित/कब्जारत शासकीय/नजूल भूमि के कब्जेदार/आवेदक अपने अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन प्रचलित गाईड लाईन/बाजार भाव का 150 प्रतिशत प्रब्याजी एवं प्रब्याजी का 2 प्रतिशत की दर से अतिरिक्त राशि जमा कर भूमि स्वामी हक प्राप्त कर सकते है।
गैर रियायती स्थायी पट्टेदारों को भूमि स्वामी हक प्रदाय करना-नगरीय क्षेत्र के गैर रियायती स्थायी पट्टों के पट्टेदार अपने पट्टों की प्राप्त भूमि के वर्तमान गाईड लाईन दर के आधार पर भूमि के बाजार मूल्य के 2 प्रतिशत की बराबर की राशि जमा कर भूमि स्वामी हक प्राप्त कर सकते है। ऐसे पट्टे जिनकी पट्टा अवधि समाप्त हो गयी है। ऐसे पट्टेदार नवीनीकरण सह भूमि स्वामी हक प्राप्त करने हेतु आवेदन कर सकते है।
राजीव गांधी आश्रय योजना के पट्टेदारों को भूमि स्वामी हक प्रदाय करना-नगरीय क्षेत्र के राजीव गांधी आश्रय योजना/मुख्यमंत्री आबादी पट्टा के पट्टेदार अपने पट्टों की प्राप्त भूमि के वर्तमान गाईड लाईन दर के आधार पर भूमि के बाजार मूल्य के 22 प्रतिशत के बराबर की राशि जमा कर भूमि स्वामी हक प्राप्त कर सकते है।