देश /विदेश

कृषि बिलों के माध्यम से किसानों को फसल बेचने के लिए मंडियों के अलावा वैकल्पिक व्यवस्था मिलेंगी

नई दिल्ली . संसद के दोनों सदनों से पारित कृषि बिलों के समर्थन में और विपक्षी पार्टियों द्वारा कृषि बिलों को लेकर चलाए जा रहे अफवाह को दूर करने के उद्देश से आज दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने जगतपुर, बुराड़ी, झरोदा, वजीराबाद, गोपालपुर गांव में आयोजित ‘खाट पर बैठक’ में किसानों एवं ग्रामीणों को कृषि बिलों से होने वाले लाभ और सकारात्मक बदलाव के बारे में जानकारी दी. इस अवसर पर सांसद (Member of parliament) गौतम गंभीर, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, प्रदेश उपाध्यक्ष जयवीर राणा, प्रदेश मंत्री गौरव खारी विधायक अजय महावर, जिलाध्यक्ष मोहन गोयल सहित वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे.

Advertisement
Advertisement
Advertisement

आदेश गुप्ता ने बताया कि कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) विधेयक, 2020 के माध्यम से किसानों को उनकी उपज के विक्रय की स्वतंत्रता प्रदान करते हुए ऐसी व्यवस्था का निर्माण होगा जहां किसान एवं व्यापारी कृषि उपज मंडी के बाहर भी अन्य माध्यम से भी उत्पादों का सरलतापूर्वक व्यापार कर सकें. यह विधेयक राज्यों की अधिसूचित मंडियों के अतिरिक्त राज्य के भीतर एवं बाहर देश के किसी भी स्थान पर किसानों को अपनी उपज निर्बाध रूप से बेचने के लिए अवसर एवं व्यवस्थाएं प्रदान करेगा.

किसान खरीददार से सीधे जुड़ सकेंगे जिससे बिचैलियों को मिलने वाले लाभ के बजाए किसानों को उनके उत्पाद की पूरी कीमत मिल सके. कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020, कृषकों को व्यापारियों, कंपनियों, प्रसंस्करण इकाइयों, निर्यातकों से सीधे जोड़ना. कृषि करार के माध्यम से बुवाई से पूर्व ही किसान को उसकी उपज के दाम निर्धारित करना. बुवाई से पूर्व किसान को मूल्य का आश्वासन. दाम बढ़ने पर न्यूनतम मूल्य के साथ अतिरिक्त लाभ जैसी सुविधाएं मिलेंगी.

किसी भी विवाद की स्थिति में उसका निपटारा 30 दिवस में स्थानीय स्तर पर करने की व्यवस्था की गई है. कृषि क्षेत्र में शोध एवं नई तकनीकी को बढ़ावा देना. आवश्यक वस्तु (संशोधन) बिल, 2020 में अनाज, दाल, तिलहन, खाने वाला तेल, आलू-प्याज को जरूरी चीजों की फहरिस्त से हटाए जाएंगे, किसानों को सही कीमत मिल सकेगी क्योंकि बाजार में मुकाबला बढ़ेगा. गुप्ता ने कहा कि कृषि बिलों का विरोध वह राजनैतिक पार्टियों कर रही है जिन्होंने चुनाव के दौरान अपने मेनिफेस्टो में किसानों के लिए मंडियों के अलावा वैकल्पिक व्यवस्था का जिक्र किया था. पिछले 6 वर्षों में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के किसानों की सुध नहीं ली लेकिन देश के किसानों के हित की बात करने का तमाशा कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि आज तक केजरीवाल सरकार (Government) ने दिल्ली के किसानों को किसान का दर्जा नहीं दिया, उन्हें कृषि उपकरणों की खरीद पर किसी प्रकार की सब्सिडी नहीं दी, सिंचाई के लिए उचित व्यवस्था नहीं की, देश भर में सबसे महंगी बिजली दिल्ली के किसानों को ही मिल रही, ऐसे में दिल्ली के किसान के केजरीवाल सरकार (Government) से क्या उम्मीद. अब जबकि मोदी सरकार (Government) कृषि बिलों के माध्यम से दिल्ली और देश के किसानों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास कर रही है तो उसमें भी आम आदमी पार्टी सरकार (Government) को तकलीफ हो रही है.

Advertisement
Advertisement
Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!