देश /विदेशराष्ट्रीय

कद नहीं काम को वरीयता, भाजपा की नई टीम में नया नेतृत्व गढ़ने का छिपा है संदेश

सामाजिक समीकरण, विस्तार और गढ़ में पकड़ मजबूत बनाने की दिखी रणनीति
नई ऊर्जा के साथ पार्टी दिखाएगी पुराने आक्रामक तेवर

आखिरकाल लंबे इंतजार और लंबी माथापच्ची के बाद भाजपा की नई राष्ट्रीय टीम घोषित हो गई। नई टीम में व्यापक सर्जरी का संदेश साफ है। पार्टी में कद नहीं काम को वरीयता मिलेगी। नई टीम में नई ऊर्जा के साथ नेतृत्व की दूसरी-तीसरी पीढ़ी तैयार करने के साथ पार्टी ने सामाजिक समीकरण, संगठन विस्तार और पुराने और मजबूत गढ़ में पकड़ कमजोर नहीं पडऩे देने की रणनीति दिखती है।

नया नेतृत्व उभारने और कद की जगह काम को वरीयता देने के क्रम में पार्टी ने बड़े-बड़े दिग्गजों से किनारा करने में रत्ती भर भी संकोच नहीं किया है। यही कारण है कि नई टीम से बड़े-बड़े दिग्गजों के नाम गायब हैं। दिग्गजों की जगह टीम के सभी पदों पर नए चेहरों की भरमार है। जाहिर तौर पर किनारे किए गए दिग्गजों में से ज्यादातर को अपने लिए अच्छे दिन का इंतजार करना होगा। क्योंकि मंत्रिमंडल या राज्यपाल जैसे पदों पर इनमें से कुछ ही नेता समायोजित किए जा सकेंगे।

नए चेहरे मगर पुराना आक्रामक तेवर

नई टीम के जरिए पार्टी ने नए चेहरे के साथ पुराना आक्रामक तेवर बरकरार रखने का साफ संदेश दिया है। मसलन आईटी सेल के प्रभारी के रूप में अमित मालवीय को बररकार रखना और युवा मोर्चा के अध्यक्ष पद पर आक्रामक तेवर वाले युवा सांसद तेजस्वी सूर्या की नियुक्ति इसी आशय के संकेत हैं। सचिव पद पर नियुक्त पंकजा मुंडे, विनोद तावड़े, नरेंद्र सिंह, अल्का गुर्जर आक्रामक तेवरों के लिए जानी जाती हैं।

काम पहली प्राथमिकता
नई टीम में ऐसे नेताओं की बेहद कम संख्या है जो अपना पद बरकरार रख पाए या फिर पदोन्नति हासिल कर पाए। कुछ का पद सामाजिक और राज्य के सियासी समीकरणों के कारण तो ज्यादातर के पद काम के कारण बचे। मसलन उपाध्यक्ष पद पर रमन सिंह, वसुंधरा और विजयंत पांडा पर फिर से भरोसा जताया गया। जाहिर तौर पर फिलहाल इन नेताओं से जुड़े राज्यों में पार्टी को इनकी बड़ी जरूरत है। इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह का लोकसभा का कार्य संभालने और अध्यक्ष रहते यात्राओं का जिम्मा उठाने वाले तरुण चुघ को सचिव से महासचिव बनाया गया। भूपेंद्र यादव, अरुण सिंह, सुनील देवधर सत्याकुमार काम की वजह से पुराने पद पर बने रहने में सफल रहे।

विस्तार का ध्यान
नई टीम में विस्तार के साथ पार्टी के मजबूत प्रभाव वाले राज्यों का खास ख्याल रखा गया है। विस्तार की संभावना वाले राज्यों में शामिल केरल से अब्दुल्ला कुट्टी, तेलंगाना से डी के अरुणा को उपाध्यक्ष, डॉ. के लक्ष्मण को ओबीसी मोर्चा का अध्यक्ष, नगालैंड से एम चौबा एओ को उपाध्यक्ष, आंध्रप्रदेश से डी पुरूनदेश्वरी को महासचिव, ओडिशा से सांसद विश्वेश्वर टुडू को सचिव बनाया गया। चुनावी राज्य पश्चिम बंगाल से मुकुल रॉय को उपाध्यक्ष, अनुपम हाजरा को सचिव, बिहार से राधामोहन सिंह को उपाध्यक्ष बनाया गया।

बलूनी का बढ़ा कद
अब तक राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रहे सांसद अनिल बलूनी का कद बढ़ाया गया। गंभीरता से काम करने की छवि वाले बलूनी को पार्टी का मुख्य प्रवक्ता बनाया गया है। संजय मयूख की मीडिया सह प्रभारी की भूमिका कायम रखी गई है। खास बात 23 प्रवक्ताओं की लंबी चौड़ी फौज है। बड़ी फौज में सभी अहम राज्यों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। रणनीति यह है कि राज्य संबंधी विषय पर पार्टी बेहतर ढंग से अपनी बात रख पाए।

संगठन में शाह की छाप बढ़ेगा भूपेंद्र यादव का कद
नई टीम में गृह मंत्री और पूर्व अध्यक्ष अमित शाह की छाप है। सूत्रों का कहना है कि जल्द गठित होने वाले संसदीय बोर्ड में महासचिव भूपेंद्र यादव को न सिर्फ शामिल किया जाएगा, बल्कि उन्हें बोर्ड का सचिव भी बनाया जाएगा। इसी प्रकार शाह की पसंद माने जाने वाले जिन नेताओं को संगठन में जगह नहीं मिली है, उनमें से कई को मंत्रिमंडल विस्तार में जगह मिलेगी। तरुण चुघ की सचिव पद से महासचिव पद पर की गई तरक्की और मोर्चा में ज्यादातर पसंद शाह के हैं। प्रवक्ताओं की टीम में भी शाह की छाप है। इनमें शाह के कार्यकाल के ज्यादातर प्रवक्ता अपने पद पर बने रहे हैं, जबकि कई नए प्रवक्ता भी शाह की ही पसंद हैं।

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!