भूरा माहो के प्रकोप से फसल हो रही है खराब, किसानों को सताने लगी चिंता
मौसम साफ होने के बाद भी किसानों की परेशानी दूर नहीं हो रही है बल्कि दिन में तेज धूप व रात में ठंड पड़ने के बाद भी धान फसलों में भूरा माहो का प्रकोप दिख रहा है। सरिया तहसील के आसपास गांवों में भूरा माहो की शिकायत है। अन्नदाताओं को दोहरी खर्च उठानी पड़ रही है।उत्पादन पर पड़ेगा असर
धान फसलों पर जोरदार बाली आने के साथ ही अब पकने के कगार पर है और कटाई के पहले पौधों में भूरा माहो का प्रकोप के चलते किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है । भूरा माहो से संक्रमित पौधों के नीचे भाग के तने सुबह – सुबह में पीले लाल दिख रहे हैं और उसी शाम को पौधे पैरा में बदल जा रहा है ।भूरा माहो को रोकने के लिए किसानों ने लगातार दवा छिड़काव करने में लगे हैं और दूसरे पौधों को संक्रमित ना हो , इसके लिए बीमार ग्रस्त पौधों को घेराकर अलग कर के किसान निगरानी करने में लगे हुए हैं। किसानों को दोहरी मेहनत करनी पड रही है। अंचल के किसानों ने बताया कि मौजूदा वातावरण में दिन में उमस बना हुआ है और रात में ज्यादा ठंड भी नहीं है इससे भूरा माहो के कीट पनप रहे हैं।
इसके कीट धान पौधों के जड़ों में जन्म लेते है। कीट के चलते पौधे के तने पीलापन के बाद लाल हो जाता है और दिन भर में पौधे की रंग पैरा जैसा हो जाते हैं । भूरा माहू के कीट पौधों की रस को चूसने से सूखकर पैरा में बदल जा रहा है। इससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है और दवा छिड़काव करने में जुटे हुए हैं। हालांकि किसानों ने संभावित बीमारी से बचने के लिए 1 माह पहले भी दवा छिड़काव किए थे किंतु असरकारक नहीं हुआ और पुन: धान फसलों पर भूरा माहू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इस बीमारी से धान फसल को बचाने के लिए किसान महंगे व ब्रांडेड कंपनी के दवा छिड़काव शुरु कर दिए है। साल्हेओना , बांजीपाली, तोरेसिंहा, केनाभांठा, खोखेपुर सहित अन्य गांव के खेतों में भूरा माहो तेज गति से फैल रहा है।