
अत्यधिक मात्रा में औषधीय मसालों का सेवन और जड़ी बूटी पहुंचा सकती है नुकसान
रायगढ़। कोविड संक्रमण काल में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) बढ़ाने के लिए लोग खुद ही डॉक्टर बने हुए हैं। बिना डॉक्टरों की सलाह के घरेलू नुस्खों के साथ सोशल मीडिया पर मिली आधी-अधूरी जानकारी लोगों को परेशानी में डाल रही है। इम्युनिटी के लिए लोग काढ़ा, विटामिन सप्लीमेंट के साथ घर में मौजूद औषधीय गुणों वाले मसालों का इस्तेमाल कर रहे हैं लोगों को काढ़ा से इतर नियमित उपयोग वाली काली मिर्च, लहसुन, दालचीनी, गिलोय,ऐलौवेरा जैसी वस्तुओं की सही मात्रा नहीं मालूम है इसलिए इनका ओवरडोज सेहत पर भारी पड़ रहा है। सर्वाधिक मामले पेट से जुड़े हैं। डॉक्टरों के पास पहुंच रहे लोग पेट दर्द, ऐंठन, दस्त, कब्ज की शिकायत कर रहे हैं। जांच रिपोर्ट में पाइल्स के साथ पेट में अल्सर के मामले भी सामने आ रहे हैं।
कोविड संक्रमण काल में लोग सोशल मीडिया पर ज्यादा समय गुजार रहे हैं। साथ ही शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए हर तरफ शोर है। इस इम्युनिटी के लिए कई कंपनी अपना निजी हित साधते हुए अपने प्रोडक्ट के मार्केटिंग में लोगों के भय का इस्तेमाल कर रही हैं। ये इम्युनटी बढ़ाने के लिए नाना-प्रकार के दावे नियत समय में कर रही है। बिना डॉक्टरी सलाह के किसी भी दवा का सेवन न करें। ध्यान रखें इम्युनिटी रातोंरात नहीं बढ़ती।
बैठे बिठाए बीमारी को दावत न दें : डॉ. तिवारी
जिले के वरिष्ठ आयुर्वेद चिकिस्क डॉ. जीपी तिवारी बताते हैं कि औषधीय गुणों से भरपूर मसालों का सेवन अनावश्यक पेट संबंधी बीमारी को जन्म देता है। पाइल्स होने की अधिक संभावना है क्योंकि मसालों की तासीर गर्म होती है और अधिक मात्रा में सेवन पेट को गर्म कर देता है। इसी तरह गिलोय का अत्यधिक सेवन शरीर में केलोस्ट्रोल की मात्रा को कम कर देगा और लोगों को कमजोरी महसूस होगी। जो कि लोगों के लिए हानिकारक और बैठे बिठाए बीमारी को दावत देने जैसा है। इसलिए डॉक्टर की सलाह लेने के बाद ही घरेलू उपचार या इम्यूनिटी बढ़ाने के तरीके अपनाएं जाने चाहिए।
भ्रांतियों से बचे लोग : डॉ. मिश्रा
आयुर्वेदिक डॉक्टर नीरज मिश्रा कहते हैं कि काढ़ा पूर्णत: सुरक्षित होता है। उसमें डालने वाले द्रव्य प्रयोग करने वाले के शारिरिक और मानसिक स्थिति को देखकर संतुलित मात्रा में डालना चाहिए। बेहतर होगा काढ़ा उपयोग करने से पहले आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह लें। बेहिसाब काढ़े का सेवन नुकसान पहुंचा सकता है। लोग भ्रांतियों से बचे। काढ़े की मात्रा स्त्री, पुरुष औऱ बच्चों के लिए अलग-अलग हो सकती है। आईएमसीआर की नई गाइडलाइन के अनुसार लोगों के स्वास्थ्य को देखकर ही काढ़े की मात्रा और खुराक निर्धारित की जाती है। कोविड संक्रमित एवं जनसामान्य हेतु स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जनहित में जारी किए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय में पूरे दिन पानी पीने की सलाह दी गई है। साथ ही प्रतिदिन योगासन एवं प्राणायाम भी किया जा सकता है ।




