छत्तीसगढ़

“कृष्ण कुंज” का लोकार्पण कर सीएम ने रोपा कदम्ब का पौधा कहा, भगवान श्री कृष्ण अर्थशास्त्री भी थे, उन्होंने ही कृषि से गौपालन को जोड़ा

रायपुर। मुख्यमंत्री ने कृष्ण कुंज में भगवान श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना की और इसका लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने जन्माष्टमी के पर्व पर राजधानी के ’कृष्ण-कुंज’ में पौधरोपण भी किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कृष्ण कुंज में कदम्ब का पौधा रोपण किया। तेलीबांधा में बनाये गए कृष्ण कुंज के 1.68 हेक्टेयर में 383 पौधे बरगद, पीपल, कदंब जैसे सांस्कृतिक महत्व के पौधे लगाए गए कृष्ण कुंज में जीवनोपयोगी आम, इमली, बेर, गंगा इमली, जामुन, शहतूत, तेंदू ,चिरौंजी के पौधे भी लगाए गए हैं।

आज प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में 162 स्थानों के कृष्ण कुंज में पौधारोपण – वृक्षारोपण किया गया है। सीएम श्री बघेल ने कहा कि कृष्ण कुंज को जन-जन से जोड़ने, सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के लिए ‘कृष्ण-कुंज’ नाम दिया गया है। कार्यक्रम में उपस्थित विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कृष्ण कुंज के बगल में स्थित शराब दुकान हटाने की मांग की जिसे सीएम ने संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर को तत्काल निर्देश दिए।

कार्यक्रम के दौरान सीएम ने कहा कि भगवान कृष्ण के अनेक नाम हैं माखनचोर, रणछोड़, द्वारिकाधीश अनेक नाम हैं। माताएं अपने बच्चों को सदैव भगवान कृष्ण के रूप में देखती हैं। कृष्ण के अनेक रूप हैं, हमारे छत्तीसगढ़ में बच्चे सबसे पहला कोई उपवास रखते हैं तो वह जन्माष्टमी का होता है। भगवान श्री कृष्ण अर्थशास्त्री भी थे, उन्होंने कृषि से गौपालन को जोड़ा था।

छत्तीसगढ़ में हमने गौपालन का कार्य शुरू किया है, गांव और शहर में गौठान बना रहे हैं। गोबर और गौमूत्र खरीदने का कार्य भी कर रहे हैं। गौमाता की सेवा के साथ स्वच्छता का कार्य भी सरकार कर रही है। आगे मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने लोगों को कर्मवादी बनाने का उपदेश दिया। भगवान श्री कृष्ण ने जिन बातों का उपदेश दिया, उन्हें स्वयं भी जीया। वे सही मायने में हमें जीवन जीने की कला सिखाते हैं। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कृष्ण कुंज में धर्मिक महत्व के वृक्ष बरगद, पीपल, आंवला, कदम्ब के साथ-साथ औषधि के रूप में उपयोग हर्रा, नीम जैसे कई पेड़ लगाए जाएंगे।

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Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

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