मिचौंग साइक्लोन का असर खरसिया क्षेत्र में भी- किसानों के लिए आफत की
बारिश-खलिहानों में बारिश से धान खराब होने की आशंका,खरीदी केंद्रों में लटक रहे ताले
बेमौसम बारिश किसानों के लिए आफत बन गई है।
मिचौंग साइक्लोन का छत्तीसगढ़ के खरसिया में खासा असर देखने को मिल रहा है। लगातार हो रही बेमौसम बरसात से जहां जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं, किसानों के लिए यह बारिश आफत बन गई है। किसानों को बेमौसम बरसात से खेत और खलिहानों में धान की फसल तबाह होने की कगार में है। वहीं,सब्जी व दलहन की फसलें भी खराब होने की चिंता सताने लगी है। दूसरी,तरफ बरसात के चलते धान खरीदी बंद कर दिया गया है और केंद्रों में ताले लटक रहे हैं।
किसानों के मुताबिक यदि जल्द मौसम नहीं खुला,बारिश और बादल से निजात नहीं मिली तो खड़ी फसल के भी खराब हो जाने का खतरा रहेगा. जिले में पिछले कई दिनों से मौसम में उतार-चढ़ाव चल रहा था, बारिश जैसी स्थिति नहीं बन रही थी. किसानों ने बेफिक्र होकर धान की कटाई शुरू कर दी थी. अब दो दिन से मौसम ने अचानक रुख बदला है. मंगलवार को पूरे दिन बदली और हल्की बारिश हुई. इसके अलावा अभी दो दिन इसी तरह की स्थिति रहने की बात कही जा रही है. दूसरी ओर जिले में धान की कटाई भी तेजी से की जा रही है. इनमें से कई किसानों की फसल अभी भी खेतों में मिंजाई के लिए रखी हुई है.
मिंजाईं के बाद भी खुले में भंडारण की मजबूरी
कई किसानों ने हार्वेस्टर और थ्रेसर जैसी मशीनों का उपयोग कर धान की कटाई और मिंजाई करा ली है. इनमें से कई किसान धान को बिक्री के लिए खरीदी केंद्रों में नहीं पहुंचा पाए हैं याअभी उनका नम्बर नहीं आया है. ऐसे में उन्हें खलिहानों या खुली जगहों पर धान का भंडारण करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.उसे बारिश से बचाने किसानों को मशक्कत करनी पड़ रही है.
फसल के सड़ने और अंकुरण का खतरा
जिले के किसानों ने करीब 80 फीसदी फसल काट लिया है,लेकिन उनमें से कई किसानों ने किसी कारणवश धान को खलिहान तक नहीं पहुंचा पाए हैं. कई किसानों ने थ्रेसर से मिंजाई के लिए खेतों में भी धान का भण्डारण कर रखा है. बारिश होने की वजह से उनकी बालियों के सड़ने व अंकुरण का खतरा रहेगा. तत्कालिक तौर पर जमीन गीली होने से धान को उठाना और मिंजाई भी संभव नहीं होगा.
पिछड़ जाएगी कटाई और मिंजाई भी
जिले में अभी भी 20 फीसदी की कटाई बाकी है. बारिश होने पर खेतों में पानी भर जाने और जमीन गीली होने से धान की तात्कालिक कटाई संभव नहीं होगी. इससे कटाई का काम पिछड़ जाएगा. वहीं किसी तरह कटाई भी कर लिया गया तो जमीन गीली होने की वजह से खलिहानों में मिंजाई संभव नहीं होगी. ऐसे में कटाई और मिंजाई दोनों का काम पिछड़ जाएगा.
सब्जियों में कीड़े लगने का खतरा
बेमौसम बारिश और बदली से सब्जियों की फसल पर विपरीत प्रभाव का खतरा है. नमी के कारण गोभी, लौकी, भिंडी,सेमी और दूसरी सब्जियों में कीट लगने की आशंका है. भाजियों की फसल को गलने का खतरा है जबकि टमाटर के प्री-मेच्योर होने से उसके पौधों के गिरने का भी खतरा बना हुआ है.