छत्तीसगढ़रायगढ़

झोला छाप डॉक्टर इलाज नहीं कर सकते-कलेक्टर भीम सिंह

समाजसेवी संस्थाओं से कोविड अस्पतालों में भर्ती मरीजों के भोजन व्यवस्था के लिये
सहयोग की अपील

रायगढ़ । कलेक्टर भीम सिंह ने आज कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि पूरे जिले में बीएमओ के माध्यम से लोगों को जागरूक करें कि कोरोना जैसी गंभीर बीमारी के प्रति लोग सतर्कता बरतें और अपना इलाज स्थानीय शासकीय अस्पतालों में ही करावें, झोला छाप डॉक्टरों के पास न जाये और यदि कोई झोला छाप डॉक्टर लोगों का इलाज करते हुये पाया जाता है तो उसके विरूद्ध पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कर आवश्यक कार्यवाही की जावेगी, उन्होंने कहा कि प्राय: लोग लापरवाही से स्थानीय स्तर पर दवाई खरीद कर या झोला छाप डॉक्टरों से इलाज कराके अपनी हालत खराब कर लेते है।

ऐसी स्थिति में कोरोना संक्रमित व्यक्ति को समयाभाव के कारण उचित इलाज नहीं मिल पाता। कलेक्टर सिंह ने कोरोना संक्रमित मरीज की मृत्यु होने पर उस व्यक्ति का स्वास्थ्य कितने दिनों पूर्व खराब हुआ और कब अस्पताल आया, इसकी पूर्ण जानकारी तैयार करने तथा मृत्यु के कारणों का पता लगाकर मृत व्यक्ति के परिजनों तथा स्थानीय निवासियों को बताने को कहा कि संक्रमित व्यक्ति यदि पहले अस्पताल पहुंचता तो उसकी जान बच सकती थी। उन्होंने कहा कि लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज हेतु पर्याप्त बेड उपलब्ध है। सभी मरीजों के इलाज की व्यवस्था शासन द्वारा की गई है।

कलेक्टर सिंह ने कहा कि कोविड अस्पतालों में मरीजों की देखभाल तथा वहां की व्यवस्थाओं के लिये डिप्टी कलेक्टर स्तर के अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। मरीजों को प्रदान किये जाने वाला नाश्ता तथा भोजन के क्वालिटी की जांच खाद्य विभाग के अधिकारी तथा नोडल अधिकारी स्वयं करते है। साथ ही मरीजों के कक्ष में साफ-सफाई, गर्म पानी हेतु गीजर की व्यवस्था भी की गई है। इन अस्पतालों में मरीजों के लिये टीवी भी लगाये जा रहे है। उन्होंने रायगढ़ के समाज सेवी संस्थाओं से कोविड अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिये भोजन व्यवस्था में सहयोग करने की अपील की है। समाजसेवी संस्थाओं के प्रबंधक जो सहयोग करना चाहते है वे प्रशासन के अधिकारियों से संपर्क कर सकते है।

कलेक्टर  सिंह ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को कोविड अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या तथा रिक्त बेड संख्या की जानकारी प्रतिदिन मीडिया बुलेटिन के साथ सार्वजनिक करने के निर्देश दिये और कोरोना संक्रमण का इलाज तथा बचाव के बारे में जानकारी शहरी तथा ग्रामीण व्यक्तियों तक पहुंचाने के लिये समाचार पत्रों तथा स्थानीय न्यूज चेनलों के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये।

उन्होंने विकासखण्ड स्तर के सभी ग्रामीण इलाकों में पाम्पलेट वितरण तथा वाल रायटिंग (दीवार लेखन)कराये जाने के भी निर्देश दिये और जिले में कंट्रोल रूम स्थापित करने तथा दो टेलीफोन/मोबाइल नंबर जारी करने के निर्देश दिये जहां से 24 घंटे होम आईसोलेशन में रहने वाला कोरोना संक्रमित व्यक्ति संपर्क स्थापित कर अपनी जानकारी दे सकेगा और डॉक्टर्स से परामर्श कर सकेगा। बैठक में सीईओ जिला पंचायत सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.एन.केशरी एवं मेडिकल कालेज के अधिकारी उपस्थित थे।

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