छत्तीसगढ़

गौतम अदाणी के जन्म दिवस पर पीकेसीएल में रक्तदान शिविर का आयोजन

अम्बिकापुर । अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी के साठवें जन्मदिवस पर 24 जून को भारत के साथ-साथ विदेशों में भी स्थित समूह के सभी संस्थानों में खास रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इसी कड़ी में अदाणी समूह के रायपुर, सरगुजा और रायगढ़ जिले में स्थित सभी परियोजना स्थलों में विशाल रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। रक्तदान के बारे में जागरूकता फ़ैलाने के अलावा अदाणी समूह द्वारा यह एक प्रयास है समाज में एक दूसरे की मदद करने की तत्परता को उजागर करने का।

सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड में स्थित परसा केते कोलियरी लिमिटेड (पीकेसीएल) में राजस्थान के विद्युत् निगम द्वारा एमडीओ के तौर पर नियुक्त अदाणी समूह द्वारा शिविर का आयोजन खदान परिसर तथा ग्राम गुमगा स्थित टाउनशिप में किया गया। सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक चलाये गए एक दिवसीय शिविर में कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ-साथ कार्यरत अन्य सहायक कंपनियों के कामगारों और कर्मचारियों ने भी उत्साह के साथ हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम के द्वारा कुल 62 यूनिट रक्त रेड क्रॉस सोसाइटी, अम्बिकापुर को दान किया गया।

शिविर का मुख्य उद्देश्य रक्त दान के बारे में मिथकों को तोड़ना तथा रक्त दान के संबंध में जागरूकता फैलाते हुए लोगों को नियमित रूप से रक्त दान करने के लिए प्रेरित करना है। शिविर का उद्घाटन पीकेसीएल के क्लस्टर हेड मनोज कुमार शाही द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। उन्होंने सभी कर्मचारियों से रक्त दान से सम्बंधित सभी मिथकों से दूर रहते हुए रक्त दान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने की अपील की।

कार्यक्रम का संचालन रेडक्रॉस सोसायटी अंबिकापुर के डाक्टर और मेडिकल स्टाफ के नेतृत्व में हुआ। सर्वप्रथम गुमगा स्थित टाउनशिप में रहने वाले अधिकारियों तथा उनके परिवारजनों द्वारा रक्त दान की शुरुआत की गयी। जबकि पीकेसीएल कंपनी में कार्यरत कांट्रेक्टर कंपनीयों के कामगारों द्वारा रक्त दान किया गया ।

उल्लेखनीय है कि रक्त मनुष्य द्वारा कृत्रिम तौर पर नहीं बनाया जा सकता है और देश में हर 2 सेकंड में एक व्यक्ति को रक्त की आवश्यकता होती है। आँकड़ों के हिसाब से भारत में हर साल लगभग 5 करोड़ यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है। हर 3 से 4 महीने में रक्त दान से मनुष्य स्वस्थ तो रहता ही है इसके अलावा यह हमारे साथी मनुष्यों के जीवन को भी बचाता है

रक्त दान से सम्बंधित कई मिथक दूर किये गए
आम तौर पर पर रक्तदान से संबंधित समाज में कई भ्रांतियां हैं। जहां कई लोग ये मान कर बैठे हैं की शरीर में सीमित रक्त है, वही कुछ लोग ये कह कर इसमे सम्मिलित नहीं होते की प्रक्रिया में समय लगता है और दर्द भी काफी ज्यादा होता है| कुछ लोगों का ये भी मानना है कि उच्च रक्तचाप और मधुमेह की बीमारी में रक्त दान नहीं कर सकते और अब कोरोना वैक्सीन लिए हुए व्यक्ति भी रक्त दान नहीं कर सकते है | फाउंडेशन के तरफ से मेडिकल टीम ने सारी भ्रांतियां को दूर किया और शिविर में आए सब लोगों को इस बात के लिए प्रेरित किया की वो औरों में भी जागरुकता फैलाएं ।

जबकि वास्तविक तौर पर रक्त दान करते समय दर्द सिर्फ एक सुई ki चुभन से ज्यादा नहीं होता है। दान की प्रक्रिया, पंजीकरण तथा जलपान लेने तक मुश्किल से 20 से 30 मिनट लगते हैं। डोनेशन सेशन के दौरान सिर्फ 350-400 मि.ली. खून ही लिया जाता है। जबकि रक्तदान के बाद शरीर तेजी से नई कोशिकाओं का निर्माण कर इसकी आपूर्ति स्वयं ही कर लेता है। 18-60 वर्ष की आयु के बीच का कोई भी व्यक्ति जो फिट और स्वस्थ है, वह रक्त दे सकता है। 45 किलो से अधिक वजन वाला कोई भी व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। वहीं बिना इन्सुलिन अर्थात गोलियों की मदद से अपने मधुमेह को नियंत्रित करने वाले व्यक्ति रक्त दान कर सकते हैं। जिनका रक्तचाप 100-140 सिस्टोलिक और 60-100 डायस्टोलिक के बीच नियंत्रित होता है, वे रक्त दान कर सकते हैं। और कोरोना वैक्सीन लिया हुआ व्यक्ति टीकाकरण के 14 दिन बाद और कोविड संक्रमण से ठीक होने के 28 दिन बाद रक्तदान कर सकता है।

शिविर का आयोजन में पीकेसीएल के मानव संसाधन विभाग के क्लस्टर हेड राम द्विवेदी मार्गदर्शन और डॉ दीपक पुंगले के नेतृत्व किया गया। जिसमें रवि प्रताप सिंह, ऋषि साहू, सौरभ हलधर और श्रीमती साधना सिंह का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ।

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