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जनजागृति से ही पशु क्रुरता निवारण संभव-डॉ.महंत रामसुंदर दास

गौसेवा आयोग के अध्यक्ष ने ली जिला पशु क्रुरता निवारण समिति की बैठक

रायगढ़ । जनजागृति से ही पशु क्रुरता निवारण संभव है। लोगों के बीच पशु क्रुरता तथा इससे संबंधित वैधानिक प्रावधानों का व्यापक प्रचार-प्रसार हो। पशुओं की तस्करी व अवैध व परिवहन पर पुलिस लगातार सख्त कार्यवाही करे। उक्त बातें गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महामण्डलेश्वर राजेश्री डॉ.महंत रामसुंदर दास ने कलेक्टर सभाकक्ष में आयोजित पशु क्रुरता निवारण समिति की बैठक में कही। कलेक्टर  भीम सिंह व अन्य समिति सदस्य भी बैठक में शामिल हुये।

डॉ.दास ने जिले में विशेषकर लैलूंगा के सीमावर्ती क्षेत्र में पशुओं की तस्करी व अवैध परिवहन पर निगरानी रखने व कार्यवाही करने के निर्देश दिये। पुलिस अधिकारियों से कहा कि ऐसे प्रकरणों में वाहनों को राजसात करें तथा लिप्त पाये गये लोगों को सजा जरूर मिले। उन्होंने अंर्तविभागीय समन्वय के जरिये पशु क्रुरता निवारण के लिये जागरूकता बढ़ाने के निर्देश दिये। जिले में पशु आवास बनाने के बात भी कही। जहां गौवंशी भैसवंशी सभी पशुओं की देखरेख व उनका उपचार हो सके। शहरी तथा ग्रामीण इलाके में पशुओं के लिये मुक्तिधाम बनाने के दिशा में कार्य करने के लिये कहा।


उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की परिकल्पना है कि प्रत्येक जिले में गौ-अभ्यारण्य स्थापित किया जाये। जिसमें गोवंशों के संरक्षण-संवर्धन की तमाम सुविधायें मौजूद हो। उन्होंने इस दिशा में रायगढ़ में किये जा रहे कार्यों को अभी तक जितने जिले में हुये प्रवासों में सबसे बेहतर बताया। उन्होंने संबलपुरी गौठान की सराहना की तथा इसे गौ अभ्यारण्य का ही रूप बताया। इस गौठान को गौशाला के रूप में विकसित किये जाने पर उन्होंने अपनी सहमति दी।

कलेक्टर सिंह ने बैठक में बताया कि नियमित रूप से बैठकें लेकर गौठानों व गोधन न्याय योजना की समीक्षा की जा रही है। गौठानों में पशुओं के लिये हरा व सूखा चारा की व्यवस्था पर समुचित ध्यान दिया जा रहा है। पशु पालन विभाग के माध्यम से पशुओं के वैैक्सीनेशन व उपचार कैंप भी आयोजित किये जा रहे है। जिले के अधिक से अधिक गौठानों में गोबर खरीदी व वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया जा रहा है। जिससे पशुओं के संरक्षण पर सकारात्मक प्रभाव पड़े।

इसके पूर्व बैठक में पशु क्रुरता निवारण अधिनियम तथा समिति के कार्याे, उद्देश्य, कर्तव्य एवं अधिकार पर चर्चा की गई। इस मौके पर गत वर्ष जिले में दर्ज किये पशु क्रुरता से संबंधित मामलों की स्थिति की जानकारी उप संचालक पशुपालन विभाग द्वारा दी गई। उन्होंने बताया कि कलेक्टर भीम सिंह की पहल पर जिले में डीएमएफ मद से पशुपालन विभाग को बड़ी राशि दी जा रही है जिसका उपयोग गौठानों के संचालन, पशुओं के देखरेख व उपचार संबंधी उपकरण तथा वाहन खरीदी में किया जा रहा है। कृत्रिम गर्भाधान के मामले में रायगढ़ जिला छत्तीसगढ़ में प्रथम स्थान पर है।

इस अवसर पर समिति सदस्य उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें डॉ.रामहृदय पाण्डेय, जिला शिक्षा अधिकारी आर.पी.आदित्य, आयुक्त नगर निगम आशुतोष पाण्डेय, डॉ.दीनानाथ चौधरी, अशासकीय सदस्य अजय रतेरिया, बृजेश तिवारी,  रास बिहारी गुप्ता,  जोगीराम आर्य सहित गौशाला संचालक व विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

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