अकलतरा. विकास खंड अंतर्गत ग्राम पोड़ीदल्हा के सचिव जगदीश भारद्वाज अनियमितता तथा भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित किए गए। जनपद पंचायत से मिली जानकारी के अनुसार उपसरपंच जावेद खान द्वारा शिकायत की गयी थी कि पोडीदल्हा सचिव द्वारा 26 अगस्त 21 से 26 सितंबर 21 तक मेडिकल अवकाश के दौरान दो लाख सत्तर हजार रुपए 15 वें वित्त से आहरित किया था और वेंडर्स के खाते में डाले थे। इस आशय की शिकायत पर जनपद पंचायत ने जांच की और यह शिकायत सही पाई गई। इसके अलावा सचिव द्वारा शासकीय आदेशों की भी अवहेलना की गई थी । दो दिवसीय जनसमस्या निवारण शिविर में प्रथम दिवस को अपनी उपस्थिति दिखाकर शाम को होने वाले जनचौपाल कार्यक्रम में अनुपस्थित रहे। दूसरे दिन पोडीदल्हा के आश्रित ग्राम पचरी दल्हा में लगने वाले जनसमस्या निवारण शिविर में भी सचिव जगदीश भारद्वाज अनुपस्थित रहे। उक्त कारणो को ध्यान में रखते हुए जनपद पंचायत सीईओ ने जिला पंचायत सीईओ से सचिव के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की । इस पर संज्ञान लेते हुए जिला पंचायत सीईओ गजेन्द्र सिंह ठाकुर ने तत्काल प्रभाव से सचिव जगदीश भारद्वाज को निलंबित कर दिया है । इस दौरान उनका मुख्यालय जनपद पंचायत अकलतरा होगा। इसके अतिरिक्त सचिव पोडीदल्हा के खिलाफ अनेक शिकायतें उपसरपंच द्वारा की गई है।
25 हजार का अर्थदंड नरियरा, लटिया और पोडीदल्हा सचिव को
पोडीदल्हा, नरियरा और लटिया पकरिया सचिवों पर राज्य सूचना आयोग ने तीनो को 25-25 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है । बताया जा रहा है कि पोड़ीदल्हा सचिव जगदीश भारद्वाज, नरियरा सचिव माखन सिंह जोगी तथा लटिया पकरिया सचिव एके चतुर्वेदी ने सूचना का अधिकार 2005 के तहत मांगी गई जानकारी समय सीमा में उपलब्ध नहीं कराई है। इसलिए राज्य सूचना आयोग ने उक्त तीनों सचिवों को 25 हजार का अर्थदंड दिया है और एक माह में मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। राज्य सूचना आयोग द्वारा 25 हजार के अर्थदंड से भन्नाये सचिव माखन सिंह जोगी सचिव नरियरा ने उच्च न्यायालय बिलासपुर जाने की बात कही है। बताया जा रहा है कि सचिवों की कार्यप्रणाली पर हमेशा सवाल खड़ा होते रहता है।