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बिना किसी अनुमति के जूटमिल में चल रहा है कामता बर्फ फैक्ट्री…

चाइल्ड लाईन की दबिश के बाद खुलासा, तीन नाबालिग काम करते मिले

रायगढ़। जिला मुख्यालय में लंबे समय से एक बर्फ फैक्ट्री संचालित हो रही है। वहां मजदूर काम कर रहे हैं मगर इसकी जानकारी श्रम विभाग को नहीं है। जूटमिल स्थित कामता बर्फ फैक्ट्री में शुक्रवार को जब चाइल्ड लाइन व पुलिस की टीम ने दबिश दी तो वहां तीन नाबालिग काम करते मिले। इसके साथ ही यह खुलासा हुआ कि फैक्ट्री संचालन के लिए श्रम विभाग से कोई अनुमति ही नहीं ली गई है। ऐसे में अब विभाग बर्फ फैक्ट्री के बारे में जानकारी एकत्रित करने में जुट गया है। नियमत: छोटी या बड़ी कोई भी फैक्ट्री संचालित करने के लिए श्रम विभाग से विधिवत अनुमति लेनी पड़ती है। श्रमिकों का पंजीयन कराना पड़ता है और कई तरह की औपचारिकता पूरी करनी पड़ती है मगर आज जिला मुख्यालय में एक ऐसी बर्फ फैक्ट्री के बारे में पता चला है जहां मजदूर तो क्या बाल मजदूर भी काम करते मिले मगर इसके संचालन के बारे में श्रम विभाग में कोई रिकार्ड नहीं है। दरअसल, शुक्रवार को चाइल्ड लाइन की टीम को सूचना मिली कि जूटमिल मस्जिद के सामने कामता बर्फ फैक्ट्री में नाबालिग बच्चों से काम लिया जा रहा है। इस पर चाइल्ड लाइन की टीम जूटमिल पुलिस के साथ वहां पहुंची और बर्फ फैक्ट्री में दबिश दी। निरीक्षण के दौरान वाकई में वहां तीन नाबालिग बच्चों को काम लिया जाना पाया गया। ऐसेे में टीम ने तीनों नाबालिग को फैक्ट्री से लाकर उनकी काउंसलिंग कराई और बाल मजदूरों से काम कराने के मामले में आगे की कार्रवाई के लिए मामले को श्रम विभाग के सुपुर्द किया गया है। इस मामले में श्रम अधिनियम के तहत कार्रवाई करने के लिए प्रकरण चाइल्ड लाइन ने श्रम विभाग को पत्र लिखा है। खास बात यह है कि कामता बर्फ फैक्ट्री लंबे समय से संचालित हो रहा है मगर आज बाल मजदूर का प्रकरण सामने आने के बाद इस बात का खुलासा हो रहा है कि फैक्ट्री संचालन की अनुमति ही नहीं ली गई है। श्रम विभाग के पास बर्फ फैक्ट्री के संचालन के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। श्रम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फैक्ट्री है या सिर्फ बर्फ जमाने का काम किया जाता है इसकी जानकारी लेने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

फूड सेफ्टी लाइसेंस को लेकर भी सवाल

चाइल्ड लाइन की कार्रवाई के बाद इस बात का तो पता चल गया कि कामता बर्फ फैक्ट्री श्रम विभाग के बिना अनुमति चल रही थी मगर अब सवाल यह उठता है कि फैक्ट्री संचालक ने फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट से भी अनुमति ली भी है या नहीं क्योंकि आज इस पूरे कार्रवाई के दौरान फैक्ट्री संचालक का कहीं कोई अता पता नहीं था।

जांच के बाद हो सकता है पूरा खुलासा

चाइल्ड लाइन के पत्र के बाद श्रम विभाग ने भी इस फैक्ट्री की कुंडली खंगालनी शुरू कर दी है। पता लगाया जा रहा है कि इस फैक्ट्री में किस तरह के काम होते हैं और कितने मजदूरों से काम लिया जाता है। फैक्ट्री संचालन के लिए अनुमति ली गई या नहीं। इसके बाद आगे की जांच कार्रवाई में ही फैक्ट्री के बारे में पूरा खुलासा हो सकता है।

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