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संजय देवांगन के नेतृत्व में नौ सूत्रीय मांगों को लेकर दिया गया एक दिवसीय धरना प्रदर्शन

रायगढ़। ओबीसी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैप्टन अजय यादव के आह्वान पर प्रदेश अध्यक्ष चौलेश्वर चंद्राकर के निर्देशानुसार जिला कांग्रेस कमेटी पिछड़ा वर्ग विभाग रायगढ़ शहर के जिला जिलाध्यक्ष संजय देवांगन के नेतृत्व में आज 06 जून को नौ सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय के पास शांति पूर्ण ढंग से किया गया। जिला अध्यक्ष संजय देवांगन ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी पिछड़ा वर्ग विभाग के निर्देशानुसार धरना प्रदर्शन कर जिला प्रशासन के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के नाम व 09 सूत्रीय मांग जिसमे-

1. जातिगत जनगणना : हमारा यह अनुसंधान है कि भारत जैसे देश में जनगणना जातिय आधार पर होना चहीए। जातिय आधार पर जनगणना होने से प्रत्येक जाति के लोगों की आर्थिक, समाजिक व शैक्षिक प्रास्थिती की सही जानकारी हो सकेगी। जिससे सरकार को यह स्पष्ट हो सकेगा की कि आरक्षण के वास्तविक हकदार कौन लोग हैं। किन्हे प्रायिक्ता के आधार पर मुख्य धारा से जोडने के लिए विशेष आरक्षण की आवेश्यक्ता हैं। सरकार के पास जातिय आधार पर वास्तविक आंकडे होने से यह स्पष्ट होगा कि सिर्फ चिन्हीत पिछड़ी समुदाय को ही आरक्षण का विशेष लाभ देना है। जिससे पुरे समुदाय को आरक्षण देने से होने वाले अनावश्यक राजकोषिय व्यय से बचा जा सकता हैं। एवं धीरे-धीरे सभी पिछडी समुदायों का विकास कराया जा सकता हैं। महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों में जातिगत जनगणना न होने की वजह से पंचायत व निकाय चुनाव में पिछडा वर्ग समुदाय आरक्षण का लाभ नहीं पा सकी। इसके अलावा आधी आबादी होने के बावजूद भी पिछडा वर्ग समुदाय (ओबीसी) को महज 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ प्राप्त हैं वो भी सिर्फ एक्के-दुक््केड राज्यों में अधिकॉश राज्यों में तें पिछडा वर्ग को आरक्षण महज नाम मात्र का दिया जा रहा है। जो अनियमित्ता सिर्फ जातिय जनगणना से ही दूर किया जा सकता है।

2. क्रीमीलेयर कैटेगिरी जैसे विमेदपूर्ण नियम का समापन : वर्तमान में पिछडा वर्ग समुदाय (ओबीसी) के लोंगों की सार्वजनिक संस्थाओं में नियोंजन व सार्वजनिक शिक्षण संस्थानों में शिक्षा प्राप्त करने हेतु आरक्षण का लाभ प्राप्त करने के बिच सरकार द्वारा क्रीमीलेयर-नॉन क्रीमीलेयर कैटेगरी जैसी विभेदकारी व्यावधान अधिरोपित कि गई है। क्रीमीलेयर कैटेगरी के अतर्गत महज 6 लाख रूपये सालाना आय अर्जित करने वालों परिवारों को रखा गया है वहीं कुछ एक राज्यों में यह सिमा 8 लाख रूपये तक आय अर्जित करने वालें परिवारों पर लागू है, जो पुर्णत: विभेदकारी है। इतना ही नहीं क्रिमीलेयर कैटेगरी में कृषि एवं वेतन से प्राप्त होने वाले आय को भी मुल आय में समायोजित कर आय निर्धारण करने का प्रावधान है। जिससे पिछडा वर्ग समुदाय के अधिकॉश परिवार क्रीमीलेयर कैटेगरी में ही गिने जाने है एवं इस कारण उन्हे सार्वजनिक संस्थानों में नियोजन और सार्वजनिक शिक्षण संस्थानों में शिक्षा का लाभ लेने से वंचित होना पडता हैं बल्कि पिछडा वर्ग समुदाय (ओबीसी कैटेगरी) की सीटें खाली रह जाती हैं। इस कारण सरकार को क्रीमीलेयर कैटेगिरी जैसे विमेदपूर्ण नियम को यथा शिप्र समाप्त करना चाहीए।

3. अहीर और गुर्जर रेजिमेंट के अलावा पिछडा वर्ग की अन्य जातियों की रेजिमेंट का श्रुजन : सैन्य बल में अन्य रेजीमेंटों की तरह अहीर, गुर्जर के साथ ही साथ पिछडा वर्ग समुदाय के अन्य जातियों की भी रेजिमेंट बननी चाहिए क्योंकि देश की आजादी से लेकर वर्तमान तक सभी आंतरिक एवं बाहय युद्धों में (जैसे कि 1962, 1965, 1971, रेजांगला, कारगिल, संसद पर हमला इत्यादि) सभी युद्धों में पिछडा वर्ग समुदाय (ओबीसी) के बहुत से जवानों ने अपनी अहम भागीदारी निभाई हैं और देश की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया हैं। इस तथ्यों को मद्दे नजर रखते हुए पिछडा वर्ग समुदाय के पक्ष में न्याय करते हुए सरकार के द्वारा अह्दीर और गुर्जर रेजिमेंट के अलावा पिछडा वर्ग की अन्य जातियों की रेजिमेंट का श्रुजन भी किया जावें।

4. पिछडा वर्ग समुदाय (ओबीसी) के कल्याण के लिए अलग एवं स्वतंत्र मंत्रालय का निर्माण : देश की कुल जनसंख्या में लगभग 52 प्रतिशत भागिदारी होने एवं इतनी बडी आबादी का आजादी से आज पर्यन्त तक पिछडे होने के कारण पिछड़ा वर्ग समुदाय (ओबीसी) के उत्थान एवं विकाश के लिए अलग से एक स्वतंत्र मंत्रालय का निर्माण किया जाए। व पिछडा वर्ग समुदाय के चहुमुखी विकाश एवं उत्थान हेतु विभिन्नह कल्याणकारी योजनाएं एवं नितियों के निमार्ण तथा उसके सफल क्रियान्वयन हेतु युक्तियुक्त बजट उपलब्ध कराये जाए।

5. कॉलेजियम प्रणाली से सर्वोच्च एवं उच्च न्यायालयों में पिछडा वर्ग समुदाय (ओबीसी) के लोगों को न्यायाधीश के रूप में नियोजन करने का विशेष प्रावधान हो : वर्तमान में सर्वोच्च एवं उच्च न्यायालयों तथा न्यायपालिका में पिछडा वर्ग समुदाय (ओबीसी) की भागीदारी बहुत ही कम है। अतः इन संस्थानों में पिछडा वर्ग समुदाय (ओबीसी) के नियोंजन को बढाने के लिए एक विशेष आयोग का निर्माण किया जाए जो मेरिट के आधार पर पिछडा वर्ग समुदाय (ओबीसी) के लोगों का न्यायपालिका में नियोजन सुनिश्चित करे। जब तक देश की न्यायपालिका, सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों में पिछडा वर्ग समुदाय (ओबीसी) को उचित प्रतिनिधित्व नही दिया जाता है। तब तक सम्पूर्ण पिछडा वर्ग समुदाय (ओबीसी) सामान्य न्याय से वंचित ही होता रहेंगा।

6. पिछडा वर्ग समुदाय (ओबीसी) की महिलाओं को भी अलग से आरक्षण मिले : आजादी के 74 वर्ष के उपरान्त भी आज तक महिलाएं हर क्षेत्र में अतयंत पिछडे हैं प्राकृतिक न्याय के अनुसार उन्हे भी समाज में बराबरी का दर्ज प्राप्त होना चाहिए। प्रशासन स्तर पर महिलाओं को मिलने वाले 33 प्रतिशत आरक्षण में से 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ पिछडा वर्ग समुदाय (ओबीसी) की महिलाओं को दिये जाने का प्रावधान किया जाए।

7. निजि क्षेत्रों (प्राईवेट सेक्टर) में भी पिछडा वर्ग समुदाय के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण हेतु वैधनिक प्रावक्कषान किया जाए : देश की कुल जनसंख्या में लगभग आधी आबादी पिछड़ा वर्ग समुदाय (ओबीसी) की है। इस हिसाब से निजि क्षेत्रों (प्राईवेट सैक्टरर्स) में भी 50 प्रतिशत आरक्षण पिछडा वर्ग समुदाय (ओबीसी) को मिलना चाहिए। पिछडा वर्ग समुदाय (ओबीसी) के लोगों के उत्थान एवं सशक्तिकरण के लिए उन्हे संविदा में नियोजन के बजाय पूर्णकालिक नियोजित किया जाए।

8. पिछडा वर्ग समुदाय (ओबीसी) के विधार्थियों को भी छात्रवृत्ति प्रदाय किया जाए : अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति के विधार्थियों की ही भाँति एवं उनके समतुल्य उसी तर्ज पर अन्य पिछडा वर्ग समुदाय (ओबीसी) के विद्यार्थियों को भी छात्रवृत्ति प्रदाव की जाए।

9. सार्वजनिक संस्थानों के नीजीकरण पर तत्काल प्रतिबंध लगाई जाए : केन्द्रिय भाजपा सरकार के द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थाओं (जैसे-इंडियन एयरपोर्टस, बंदरगाह, लाल किला, भारतीय जीवन बिमा निगम, भारतीय रेलवे, बहल इत्यादि) का निजीकरण बडी तेजी से किया जा रहा है। वर्तमान में आरक्षण का लाभ सिर्फ सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों में ही उपलब्ध हैं। इस प्रकार निजीकरण एक प्रकार से अघोषित रूप से आरक्षण को समाप्त करने कि कुलशित निति हैं। तथा आरक्षण को देश में समाप्त करने का षडयंत्र रचा जा रहा है इसलिए हमारी गुजारिश है कि देश में नीजीकरण पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए।

इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से नगेन्द्र नेगी सदस्य कृषि कल्याण पारिषद छत्तीसगढ शासन ,विकास शर्मा प्रभारी महामंत्री ग्रामीण कांग्रेस रायगढ़, जेठुराम मनहर प्रथम महापौर नगर निगम रायगढ़ , नारायण घोरे महामंत्री जिला कांग्रेस रायगढ़ ,मदन मदन महंत, मनोज सागर,महामंत्री जिला कांग्रेस रायगढ़, भरत तिवारी महामंत्री जिला कांग्रेस, प्रदीप मिश्रा पूर्वांचल, रानी चौहान अध्यक्ष महिला कांग्रेस रायगढ़, बरखा सिंह, दुर्गेश राम, सायरा बानो, रेखा वैष्णव, उर्मिला लकड़ा, देव साहू,प्रियांशु राजपूत, जानकी राय, यशोदा कश्यप, सत्यभामा, गायत्री सिंह, केवरा बाई, गणेश घोरे, बंटु देवांगन, ऋतुराज देवांगन,शैलेश मनहर, बनवारी डहरे, रघुवीर भोय, राधा साहू सलामत वारसिस, अन्नू श्रीवास, अरुणा मेश्राम, हेमलाल चौहान राजकुमार मेश्राम शामिल थे

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