सहकारिता और खाद्य विभाग कर रहे जांच, रकबा बढ़ाने का मामला बहुत गंभीर
इस वर्ष सारंगढ़ और लैलूंगा की कुछ समितियों में किसानों के पंजीकृत रकबे में फर्जी रकबा जोड़कर धान खरीदी कर ली गई है। इस काम को लैलूंगा के एक ऑटोमोबाइल कारोबारी ने अंजाम दिया है। उसी ने तहसीलदार की आईडी का जुगाड़ किया और समिति के लॉगिन आईडी से फर्जीवाड़ा कराया। धान खरीदी के बाद जल्द से जल्द राशि आहरित कर ली गई। बताया जा रहा है कि समितियों में टोकन जारी कराने के लिए एक क्षेत्रीय नेता को शामिल किया गया। मामला खुलने के बाद अब कलेक्टर ने लैलूंगा और झगरपुर की जांच के आदेश दिए हैं। राजपुर की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। किसानों के रकबे में दूसरे किसान का रकबा जोड़ दिया गया था। जिसके पास तीन एकड़ जमीन थी, उसने 30 एकड़ में धान बेचा। इससे सरकार को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। लाखों रुपए गलत रकबे पर दे दिए गए। इसकी रिकवरी तो आसान नहीं है क्योंकि रकम किसान के एकाउंट में जमा हुई। इसलिए कलेक्टर ने जांच के बाद सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है। बताया जा रहा है कि मामले में एफआईआर दर्ज की जा सकती है। सारंगढ़ की समितियों में धान खरीदी में गड़बड़ी के अलावा खाद-बीज का लोन गबन कर लिया गया है। गाताडीह की जांच चल रही है। बरदुला प्रबंधक पर एफआईआर दर्ज की गई हे।