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धरती बचानी है तो सबसे पहले हाथियों को बचाना होगा…

हथिनी भी अपने शावक से बिछड़ी, सारंगढ़ वन परिक्षेत्र का मामला


रायगढ़। सबसे पहले हमें हाथियों को बचाना होगा। यदि धरती से हाथी विलुप्‍त हो गए तो हमारा वातावरण और जहरीला हो जाएगा।

दल से बिछड़ी हथिनी पिछले दो दिनों से इधर उधर भटक रही है। शुक्रवार को रायगढ़ वन मंडल से निकल कर व खरसिया रेंज होते हुए जांजगीर चांपा वन मंडल में पहुंच गई थी। जहां बीती रात वहां से वापस सारंगढ़ रेंज तक पहुंच गई और सुबह जब हाथी की जानकारी लोगों को लगी, तो उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ होने लगी, पर इसी दौरान गुडियारी गांव में एक युवक को हाथी का मोबाइल से विडियों बनाना काफी महंगा पड़ गया। जब वह विडियोंव शेल्फी ले रहा था, तभी मादा हाथी पलट कर तेज गति से उसे दौड़ाने लगी और वह अपनी जान बचा कर भागने के दौरान मेड़ से टकराकर गिर गया। इसके बाद मादा हाथी ने उस पर हमला कर दिया इससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद वह आगे गटेली की ओर बढ़ गई, लेकिन उसका शावक थक कर वहीं गेहूं के खेत में बैठ गया। फिलहाल वन अमला हाथियों से लोगों को दूर रखने का प्रयास करते हुए मृतक के परिजनों को तत्कालिक सहायता राशि देते हुए आगे की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।


इस संबंध में विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार को मादा हाथी अपने शावक के साथ सक्ति रेंज में विचरण कर रही थी और रात होते ही वापस रायगढ़ वन मंडल में पहुंच कर सारंगढ़ वन परिक्षेत्र की ओर आगे बढऩे लगी। मादा हाथी व उसके शावक पर विभाग के कर्मचारी लगातार नजर रखे हुए थे। जहां हाथी का सारंगढ़ वन परिक्षेत्र में आने की सूचना मिलते ही विभागीय अधिकारियों के निर्देश पर सभी कर्मचारी अर्लट हो गए, पर सुबह करीब आठ से नौ बजे हाथी गुडिय़ारी गांव तक पहुंची, तो लोगों की भीड़ उसे देखने व फोटो, विडियो बनाने के लिए इक्टठी हो गई। इस दौरान वनकर्मियों के द्वारा हाथी से दूर रहने की हिदायत भी दी जा रही थी, पर उत्सुक्ता में कोई मानने को तैयार भी नहीं था। इसी दौरान गुडिय़ारी में रहने वाला 21 वर्षीय युवक मनोहर पटेल पिता रामेश्वर पटेल भी अपने तीन साथियों के साथ हाथी को देखने गया था और मोबाईल से विडियो व शेल्फी ले रहा था। विभागीय कर्मचारियों ने बताया कि तभी मादा हाथी पलट कर तेज गति से उसे दौड़ाने लगी। तीन लोग तो भाग गए, पर मनोहर अपनी जान बचा कर भागते हुए एक मेड़ से टकरा कर गिर गया। तब हथिनी ने उस पर हमला कर दिया। इससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद हथिनी आगे बढ़ गई, पर उसका शावक थकने की वजह से धीरे-धीरे पिछड़ गया और थक कर गुडिय़ारी में ही एक गेंहू के खेत में बैठ गया। मादा हाथी चलते चलते कटेली तक पहुंच गई। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि हथिनी तीस से चालिस किमी तक रोज चल रही है और ज्यादा चलने की वजह से उसका शावक थक गया और अपनी मां से बिछड़ गया है। फिलहाल मादा हाथी व उसके शावक पर विभाग के अधिकारी कर्मचारी नजर रख रहे हैं। वहीं मृतक के परिजनों को तत्कालिक सहायता राशि देने सहित आगे की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।

समझाईश के बाद भी नहीं मान रहे

(विडियो की पुष्टि टीम नहीं करता वायरल विडियो देख पाठक के विचार पर छोड़ देते है आखिर किस पर कार्यवाही करनी चाहिए …)

मादा हाथी जिस ओर जा रही है। उस ओर उसे देखने के लिए लोग भी इक्टठे हो जा रहे हैं। जिन्हें विभाग के अधिकारियों के द्वारा लगातार समझाईश दी जा रही है कि हाथी से छेड़छाड़ न करे। उससे दूरी बनाकर रखे और विडिया व फोटो के चक्कर में न आए, लेकिन कई ऐसे भी लोग हैं, जो विभागीय अधिकारी, कर्मचारियों की समझाईश को मानने को तैयार नहीं हैं।

मां से शावक को मिलाने का प्रयास

विभागीय अधिकारियों ने बताया कि हाथी को देखने के लिए लोगों की काफी भीड़ आ जा रही है। ऐसे में हाथी का शांत स्वभाव भी बदल जाता है, लेकिन विभाग के अधिकारियों के द्वारा अपने शावक से बिछड़ी मां को मिलाने का प्रयास किया जा रहा है। उसके वापस जाने वाले रास्ते से लोगों को हटाया जा रहा है। ताकि वह वापस गुडिय़ारी की ओर जा सके और बताया जा रहा है कि अगर वापस अपने शावक तक मादा हाथी पहुंच गई, तो रात होने पर जंगल की ओर चले जाने की संभावना बनी हुई है।

क्या कहते हैं उप मंडलाधिकारी
इस संबंध में उप वन मंडलाधिकारी एआर बंजारे का कहना था कि गुडिय़ारी क्षेत्र में जब मादा हाथी पहुंची, तो लोग उसे देखने, फोटो लेने व विडियो बनाने के लिए आ जा रहे थे। इसी दौरान मनोहर भी उसका विडियो बनाने व शेल्फी ले रहा था। तब मादा हाथी वापस पलट कर उसे दौड़ाने लगी और मनोहर भागते हुए मेड़ से टकरा कर गिर गया। तब मादा हाथी उस पर हमला कर दी। इससे उसकी मौत हो गई।

क्या कहते हैं डीएफओ
इस संबंध में वन मंडल रायगढ़ के डीएफओ प्रणय मिश्रा का कहना था कि मादा हाथी अपने शावक से अलग हो गई है, लेकिन वह अपने शावक तक पहुंच जाए इसका प्रयास किया जा रहा है। लोगों से भी अपील है कि जागरूकता का परिचय देते हुए हाथी के करीब न जाए और फोटो, विडियो बनाने के चक्कर में न रहे।

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Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

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