टमाटर की कीमतों में आ सकती है गिरावट…

एक सरकारी अधिकारी ने शनिवार को कहा कि दक्षिणी राज्यों से आपूर्ति बढ़ने से आने वाले हफ्तों में इसमें नरमी आने की उम्मीद है।
अगली बार जब आप बाहर खाना खाने जाएं, तो हो सकता है आपको अपनी पसंदीदा डिश या खास व्यंजनों की एक प्लेट के लिए कुछ ज्यादा ही जेब ढीली करनी पड़े। दरअसल, सब्जियों की बढ़ती कीमतों से होटेल और रेस्ट्रॉन्ट की परेशानियां बढ़ गई हैं। उनके पास अब बढ़ती कीमतों का हवाला देते हुए डिश की कीमतें बढ़ाने के सिवाए कोई ऑप्शन नहीं है। पिछले कुछ समय से प्याज और टमाटर जैसी मुख्य सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। कई रेस्ट्रॉन्ट चलाने वालों को डर है कि उन्हें नहीं चाहते हुए भी कीमतों में बढ़ोतरी करने पर विवश होना पड़ सकता है। ऐसे में इनसे किसी रियायत की उम्मीद नहीं है, सभी ऑफर्स और डिस्काउंट्स निश्चित रूप से बंद होने जा रहे हैं, इसलिए अब आपको ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे।
राष्ट्रीय राजधानी में टमाटर की खुदरा कीमत 75 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। एक सरकारी अधिकारी ने शनिवार को कहा कि दक्षिणी राज्यों से आपूर्ति बढ़ने से आने वाले हफ्तों में इसमें नरमी आने की उम्मीद है।
अधिकारी ने कहा कि आपूर्ति में बाधा के कारण बढ़ीं टमाटर और प्याज की कीमतों के जल्द स्थिर होने की उम्मीद है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, “दिल्ली और कुछ अन्य शहरों में टमाटर, आलू और प्याज की कीमतें बहुत ज़्यादा हैं। भीषण गर्मी और उसके बाद भारी बारिश के कारण आपूर्ति बाधित हुई, जिससे खुदरा कीमतों में उछाल आया।”
उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली में टमाटर की कीमत 75 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है, लेकिन अगर भारी बारिश से आपूर्ति श्रृंखला बाधित नहीं होती है तो इसमें कमी आ सकती है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 12 जुलाई को दिल्ली में टमाटर का खुदरा मूल्य 75 रुपये प्रति किलोग्राम था, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में मूल्य 150 रुपये प्रति किलोग्राम था।
टमाटर का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 12 जुलाई को 65.21 रुपये प्रति किलोग्राम रहा, जबकि पिछले साल यह 53.36 रुपये प्रति किलोग्राम था। फिलहाल दिल्ली को हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से टमाटर की आपूर्ति हो रही है।
अधिकारी ने कहा, “आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से हाइब्रिड टमाटर राष्ट्रीय राजधानी में पहुंचने के साथ ही कीमतों में नरमी आने लगेगी।”
सरकार सब्सिडी वाले टमाटर की बिक्री को फिर से शुरू करने की योजना नहीं बना रही है। यह उपाय पिछले साल तब लागू किया गया था जब कीमत 110 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक हो गई थी। अधिकारी ने भरोसा जताया कि आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से आपूर्ति में सुधार होने पर एक से दो सप्ताह के भीतर कीमतें सामान्य हो जाएंगी।




