झीरम श्रद्धांजलि दिवस पर विशेष…
“झीरम श्रद्धांजलि दिवस पर विशेष…….”
शहादत के सात बरस और स्मृतियों की अश्रुधार कभी न भूल पाएंगे भैया दिनेश,पटेल नंदकुमार
कहते हैं कि अच्छे लोगों की जरूरत भगवान को भी होती है इसलिए उन्हें इस जहान से यहां के लोगों को,अपनों को छोड़कर जल्दी ही ईश्वर अपने पास बुला लेते हैं । जिनके गुणों का बखान करने के लिए हम एक वृहद ग्रंथ लिख सकते हैं । हम बात कर रहे है शहीद नंदकुमार पटेल की जिनके जीवन का हर पल, तमाम गतिविधियां प्रत्येक कार्यक्रम समाज और जनमानस के लिए ही समर्पित होता था। राजनीतिक क्षेत्र में अपराजेय योद्धा, विकास के स्वप्नदृष्टा, गरीब-अमीर किसान-कामगार, अधिकारी-कर्मचारी और गांव की गलियों से राजधानी के सड़कों तक सब के बीच परिचित, सबके दिलों में स्थापित, जनप्रिय नेता शहीद नंदकुमार पटेल को शहादत की सातवीं बरषी पर आज याद करते हुए उनके राजनीतिक क्षेत्र में स्थापित मानदंड को अपने लिए पथप्रदर्शक मानकर जीवन पथ पर अग्रसर हो रहे हैं।
राजनीतिक क्षेत्र के अपराजेय योद्धा :
राजनीतिक षड्यंत्र, सत्ता संघर्ष, बिषम कालचक्र, के इस भीषण भयावह दौर में कोई भी नेता अपनी लोकप्रियता विश्वसनीयता और भरोसा का मापदंड स्थापित करें तो इस आदर्श स्थिति को जनमानस में श्रद्धा के साथ सम्मान मिलना स्वाभाविक है । इसी आदर्श मापदंड के साक्षात प्रतिमूर्ति थे लोकप्रिय नेता रायगढ़ जिले के साथ छत्तीसगढ़ के जनमानस में आशा व विश्वास के केंद्र रहे “नंदकुमार पटेल”। नंदेली की माटी में जन्मे पले बढ़े नंदकुमार पटेल गांव के ‘बोधन’ से कैसे हर दिल अजीज नंदू भैया बन गए यह उस दौर के उन तमाम लोगों के जुबान पर आज भी सुनी जा सकती है जो नंदकुमार पटेल के संघर्ष और विकास यात्रा की विराट सोच के प्रत्यक्षदर्शी सहगामी रहे हैं ।
परिवर्तन का आगाज, पर अंजाम से अनजान :
आज से 7 बरस पहले 25 मई 2013 को कांग्रेसी नेताओं का काफिला सत्ता परिवर्तन का आगाज करते हुए बस्तर क्षेत्र में एक सभा पश्चात जगदलपुर के करीब दरभा में सभा के लिए सड़क मार्ग झीरम घाटी के बीहड़ वन क्षेत्र को पार करते हुए अपने पड़ाव की ओर बढ़ रहे थे, इस बात से पूरी तरह अनजान कि नक्सलियों के नापाक मंसूबे और षडयंत्र की भयावह अविश्वसनीय परिस्थिति इस यात्रा को उनके जीवन का अंतिम दौर बनाने को तैयार खड़ा है। छत्तीसगढ़ प्रदेश के शीर्ष कांग्रेस नेता विद्याचरण शुक्ल, महेंद्र कर्मा, तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल उनके लाडले दुलारे पुत्र युवा नेता दिनेश पटेल, उदय मुदलियार सहित ढाई दर्जन लोग इस नक्सली हमला में क्रूर षड्यंत्र के शिकार हुए जिसमें पुलिस के जवान, निर्दोष कार्यकर्ता और परिवर्तन यात्रा के सहभागी भी शामिल थे ।
अपने आसपास बिल्कुल करीब होने का अहसास :
दिन महीने साल दर साल आज 7 बरस बीत गए देखते ही देखते, दिन गिनते, जांच के नाम पर खानापूर्ति पहले एन.आई.ए. और सी.बी.आई. फिर प्रदेश में नई सरकार की विशेष जांच टीम एजेंसियों के नाम बदलते गए परंतु पीड़ित परिवारों व प्रदेश की जनता में इन जांच समितियों के निष्पक्ष और किसी अंजाम तक पहुंच पाने के नाम पर विश्वास अब तक स्थापित नहीं हो पाया और समय अपनी रफ्तार से चल रही, परिस्थितियां करवट बदल रही, उम्मीद का दावा किसी तरह अब भी टीमटीमा रहा है कब न्याय मिलेगा….? यह भविष्य के गर्भ में ही आज तक छिपा हुआ है ! शहादत दिवस पर आज फिर से उस दिन के घटना की यादें तरोताजा हो गई हैं यह अहसास जाग गया है कि कहीं हमारे आसपास बिल्कुल करीब ही नंदकुमार पटेल, दिनेश भैया हंसते मुस्कुराते, मिलते बतियाते उपस्थित हैं । उनकी यादों से जुड़ा हर शख्स इस तरह बात को अनुभव कर रहा है।अधूरे सपने को पूरा करने का है यह समय :
आज प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता स्थापित है वह झीरम घाटी के शहीदों की त्याग उनके खून की बूंदों और शहादत की माटी पर खड़ी इमारत है कहें तो अत्योक्ती न होगी। “अगर नंदकुमार पटेल होते तो आज वे प्रदेश के मुख्यमंत्री होते”- लोगों की जुबान पर यह बात उसी समय से चल रही थी जब इससे पूर्व के चुनाव में चंद सीटों के फासले से डाॅ रमन सिंह की सरकार बनी थी। वर्तमान में छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल है जो बड़े आदर के साथ शहीद नंदकुमार पटेल को ‘दाऊ’ (बड़े भैया) कहा करते थे।उनके पद चिन्हों पर चलने का संकल्प ले योग्य पिता के योग्य पुत्र की भूमिका निभाने में खरसिया विधानसभा के रहवासियों के साथ अब प्रदेश में उच्च शिक्षा और युवाओं के विभाग का मंत्रालय संभाले उमेश पटेल खरसिया विधान सभा क्षेत्र को अपना परिवार बनाकर बढ़ रहे हैंमंजिल की राह पर…और जनता को विश्वास है कि शहादत की नींव पर खड़ी सत्ता की सिंहासन में विराजे लोग झीरम के तमाम शहीदों के अधूरे सपनों को साकार करेंगे…
अश्रुपूरित श्रद्धांजलि शत शत नमन वंदन…
आज शहादत दिवस पर हम भी अश्रुपूरित नयनों से श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं…. झीरम की दरभा घाटी के तमाम शहीदों को दिल से सलाम करते हैं….. और यह भावना व्यक्त करते हैं कि आपकी यादें आपकी मधुर स्मृतियां…आपके पद चिन्ह… आपके बताए हुए मार्ग… हमारे व्यथित हृदय, विचलित मन मस्तिष्क को सदैव पथ प्रदर्शित करते रहेंगे।
अश्रुपूरित श्रद्धांजलि शत शत नमन वंदन..!!!!भोजराम पटेल
(लेखक शहीद नंदकुमार पटेल के निज सहायक रहे है)