o रघुनाथ पटेल की स्मृति में संपन्न हुआ धार्मिक अनुष्ठान
रायगढ़ ।बरमकेला अंचल के ग्राम जामछापर (लेन्धरा) निवासी धर्म प्रेमी मानस गायक एवं संगीत साधक बूढ़ा गोटिया के नाम से अंचल में प्रतिष्ठित रघुनाथ पटेल के पुण्य तिथि के अवसर पर 2 अप्रैल शनिवार को मानस गायक एवं कथा वाचकों को आमंत्रित कर एक दिवसीय भव्य संगीतमय रामचरित मानस गायन एवं कथा वाचन का कार्यक्रम आयोजित किया गया स्व. रघुनाथ पटेल के जेष्ठ सुपुत्र पशु चिकित्सा विभाग में पदस्थ अधिकारी प्यारे लाल पटेल के संयोजन में समस्त ग्राम वासियों के सहयोग से संपन्न इस धार्मिक अनुष्ठान में आसपास के गांवों के साथ दूरस्थ अंचल से प्रतिष्ठित मानस गायक एवं संगीतकारों की भव्य उपस्थिति रही । कार्यक्रम में विशेष रूप से आमंत्रित मानस कथा वाचक व्याख्याता भोजराम पटेल ग्राम खिचरी द्वारा बूढ़ा गौटिया के रामचरितमानस के प्रति अनुराग एवं भागवत आयोजनों में उनकी भागीदारी को याद करते हुए सत्संग की महिमा जीवन और मृत्यु के सनातन सत्यता की व्याख्या के साथ मानस गायन के माध्यम से रामचरितमानस के विभिन्न प्रसंगों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया इनके साथ
संगीतज्ञ गोरेलाल नायक ग्राम पेंवरा हारमोनियम पर, गणेशराम निषाद खोरिगांव वायलिन पर एवं तिलक
राम पटेल ग्राम पिक्रीपाली द्वारा तबला में संगत दी गई वहीं ग्राम लेन्धरा के पीलाबाबू पटेल, डॉ. शिव नारायण, चिंतामणि पटेल, ग्राम जामछापर के संजय चौहान ताराचंद चौहान जयप्रकाश चौहान, ग्राम देवगांव के संगीतज्ञ प्यारेलाल चौधरी द्वारा सुर लय ताल के साथ गायन की प्रस्तुति दी गई इनके साथ तबले पर बजरंग चौहान की प्रस्तुति विशेष प्रभावशाली रही । इसी क्रम में ग्राम माधोपाली के मानस कथा वाचक गंगादास वैष्णव के हास परिहास से पूर्ण कथा प्रवचन में तबले पर देव प्रकाश साहू ग्राम गोड़ा का संगत सराहनीय रहा । ग्राम बंजारी के लोकनाथ इजारदार एवं ग्राम बड़े खर्री सारंगढ़ के कलाकारों की भी प्रस्तुति को उपस्थित श्रोताओं ने खूब सराहा मानस गायकों में सनातन गुरुजी गंगाराम चौहान मुन्ना महाराज वीरसिंह, मनोहर चौहान की विशेष भागीदारी रही कार्यक्रम का संचालन हेमलाल चौहान द्वारा किया गया । इस धार्मिक आयोजन में सहयोगी के रुप में अशोक पटेल, करमचंद यादव डॉ. राजेश पटेल अनुप पटेल शोभराम पटेल, बद्री पटेल, चूड़ामणि बरिहा एवं जामछापर ग्रामवासियों की विशेष सहभागिता रही । कार्यक्रम पूरे रात भर चलता रहा और श्रोता भी बुढ़ागौटिया की स्मृति में भक्ति रस का आनंद लेते रहे ।