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आम यात्रियों की परेशानी को आखिर कौन समझेगा चौधरी साहब? तीन माह से लगा रहे गुहार,दो बार कर चुके निवेदन फिर भी नहीं…

रायगढ़।

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कोरोना संक्रमण से राहत मिल चुकी है। हालात सामान्य हो चुके हैं। कोविड की पाबंदियां भी हट चुकी हैं। इसके बावजूद पिछले दो साल से बंद रेलवे स्टेशन का गेट नंबर 2 अब तक अनलॉक नहीं हो सका है। इसके चलते रेल से आने और जाने वाले यात्रियों को रोजाना परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसको लेकर लगातार यात्री राहत देने की गुहार काग रहे हैं। एसडीएम से लेकर कलेक्टर तक को निवेदन पत्र सौंपा जा चुका है मगर गेट अनलॉक नहीं हो सका है।

कुछेक ट्रेनों को छोड़कर एसईसीआर में चलने वाली सभी यात्री ट्रेनें कोरोना संक्रमण की पाबंदियों से आजाद होकर पटरी पर लौट चुकी हैं और धीरे-धीरे यात्रा, यात्रियों पर के लिए बनाए गए नियम भी वापस लिए जा चुके हैं। अब तो जनरल टिकट पर भी यात्रा की अनुमति मिल चुकी है और आगामी माह से यह सुविधा भी यात्रियों को मिलने लगेगी। कहने का यह मतलब है कि कोरोना से बिगड़े सभी हालात अब सामान्य हो चुके हैं। सारी पाबंदियां वापस ली जा चुकी हैं। शहरों में भी जनजीवन सामान्य हो चुका है मगर एक चीज है जोकि दो साल बाद भी रेलवे स्टेशन में सामान्य नहीं हो सका है जिसके कारण यात्रियों को अब भी बेवजह दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यूं तो अन्य जगहों की तरह रायगढ़ रेलवे स्टेशन में भी सब सामान्य हो चुका है मगर लॉकडाउन के समय से बंद बिलासपुर दिशा में स्थित गेट नंबर 2 अब तक यात्रियों के लिए अनलॉक नहीं किया जा सका है। रेलवे का कहना है कि चूंकि यह गेट कोविड प्रोटोकाल के तहत जिला प्रशासन के निर्देश पर बन्द किया था, ऐसे में स्थानीय प्रशासन के निर्देश पर ही इसे खोला जा सकता है। रेलवे प्रबंधन इसमें कुछ भी नहीं कर सकता। इसके चलते रायगढ़ आने और यहां स्व जाने वाले यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। प्लेटफार्म नम्बर 2 से ट्रेन पकडऩे के लिए पहले लोग गेट नंबर 2 से ही टिकट कटाकर एफओबी से चले जाते थे तो वहां से आने और स्टेशन से बाहर निकलने के लिए यही रास्ता मुसाफिर अपनाते थे क्योंकि इससे समय भी कम लगता था और उनकी ऊर्जा भी बचती थी मगर गेट नंबर 2 बन्द होने की वजह से उन्हें मजबूरन एफओबी पार करने के बाद पैदल गेट नंबर 1 तक जाना पड़ता है। तब कहीं जाकर वे बाहर निकल पाते हैं।

जब टेस्ट या जांच नहीं तो बंद क्यों…
यात्रियों का कहना है कि पहले कोरोना संक्रमण के चलते बाहर से आने वाले यात्रियों की जांच की जाती थी, उनका कोविड टेस्ट किया जाता था। इसी के लिए गेट बंद किया गया था मगर अब जबकि सभी पाबंदियां हट चुकी हैं। न तो जांच हो रही है और न ही टेस्ट इन स्थिति में गेट को बंद रखने का कोई औचित्य नहीं है। इससे सिर्फ और सिर्फ यात्रियों की मुश्किलें बढ़ रही हैं।

जेडआरयूसीसी सदस्य भी कर चुके प्रयास
यात्रियों की समस्या को देखते हुए जेडआरयूसीसी सदस्य गोपाल अग्रवाल भी इसको लेकर बार प्रशासन का ध्यान आकर्षित करा चुके हैं। इसके बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है। विगत 17 दिसंबर को एसडीएम रायगढ़ तो 3 मार्च को कलेक्टर रायगढ़ को आवेदन देकर यात्रियों के हित व सहूलियत को देखते हुए गेट नंबर 2 को खोलने की अनुमति देने का निवेदन कर चुके हैं। इसके बावजूद इस दिशा में कुछ पहल होता नजर नहीं आ रहा है।

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