छत्तीसगढ़रायगढ़

श्रद्धालुओं ने झूम,झूमकर कहा जय लाल,झूलेलाल 

रायगढ़। ठीक दो वर्ष बाद महामारी से राहत मिलते ही आज शहर के सिंध समाज के श्रद्धालुओं ने अपने आराध्य देव झूलेलाल की जयंती को ऐतिहासिक एवं यादगार ढंग से मनाया। शाम छह बजे पक्की खोली से जब भगवान झूलेलाल की महाआरती के बाद झांकियां उनकी दिव्य ज्योति, संत कंवरराम की झांकी, पर्यावरण संरक्षण के तहत मिट्टी बचाओ के संदेश की झांकी, धुमाल पार्टी, कर्मा पार्टी, डांडिया नृत्य बैंड पार्टी, आतिशबाजी और मधुर भजन के साथ निकली तब हजारों श्रद्धालुओं के कदम खुशी से थिरकने लगे और समाज के सभी आयु वर्ग के श्रद्धालुओं ने मधुर भजन लाल, आयोलाल, जय झूलेलाल के साथ खुशी से मदहोश होकर थिरकने लगे।

सिंध समाज के जगदीश कपूर ने बताया कि शहर में विगत 1972 से झूलेलाल भगवान की जयंती को धूमधाम व श्रद्धा से मनाया जा रहा है। उसके पूर्व केवल पूजा अर्चना होती थी। विगत दो वर्ष तक सरकार के नियमों का पालन करते हुए नहीं मनाया गया व इस बार आयोजन की 50 वीं स्वर्ण जयंती की खुशी में समाज के सभी लोग मिलकर उत्साह के साथ मना रहे हैं। सिंध समाज के श्रद्धालुगण अपने आराध्य देव झूलेलाल को जल के देवता वरुण का अवतार मानते हैं और चैत्र माह के शुक्ल पक्ष में चन्द्र दर्शन की तिथि को सिंधी चेटीचंड्र मनाते हैं। सिंध समाज के लोगों का यह सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है व झूलेलाल जयंती है।

वहीं जयंती पर समाज के श्रद्धालुगण मंदिर में जाकर पूजा अर्चना करते हैं। श्रद्धालु जगदीश कपूर ने बताया कि विगत 28 से 31 तक समाज के सभी वर्ग के लोगों की खुशी के लिए विगत दो साल बाद इस भव्यता के साथ सामाजिक, धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें सभी वर्ग के लोगों ने भाग लिया। वहीं युवतियों व महिलाओं की मेंहदी डिजाइन, फैंसी ड्रेस व बच्चों के लिए कुर्सी दौड़ व दौड़ प्रतियोगिता खास रही जिसका सभी ने भरपूर लुत्फ उठाया। विगत एक अप्रैल की सुबह व शाम को भगवान झूलेलाल मंदिर में उनकी पूजा अर्चना विधिवत ढंग से की गई इसके पश्चात् रात में भजन संध्या का भव्य आयोजन किया गया जिसमें मनूजा म्युजिकल ग्रुप गोंदिया के कलाकारों ने यादगार प्रस्तुति दी।

इसके पश्चात रात बारह बजे भगवान झुलेलाल की महाआरती के साथ 56 भोग का प्रसाद वितरण किया गया। दो अप्रैल को दोपहर में महाभंडारा किया गया जिसमें समाज व शहर के हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इसके पश्चात् शाम छह बजे भगवान झूलेलाल की पूजा अर्चना के बाद शोभा यात्रा मंदिर प्रांगण से भगवान झूलेलाल की दिव्य ज्योति के साथ संत कंवरराम की झांकी, पर्यावरण संरक्षण के तहत मिट्टी बचाओ के संदेश की झांकी धुमाल पार्टी, कर्मा पार्टी, डांडिया नृत्य बैंड पार्टी, मोटवानी परिवार की मनभावन झांकी व आतिशबाजी के साथ निकली जो चक्रधर चौक होते हुए केलो मैया तट फिर कच्ची खोली पहुंची जहां भव्यता के साथ शोभा यात्रा का स्वागत किया गया व जगह-जगह श्रद्धालुओं के लिए शीतल पेय व शर्बत की व्यवस्था की गयी थी व प्रसाद वितरण भी किया गया। वहीं भगवान झूलेलाल जयंती के आयोजन को भव्यता देने में सिंध समाज के सभी पुरुष, महिला व बच्चों का सराहनीय योगदान रहा।

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