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छग की सियासत में राजनीति से परे ओपी चौधरी का अनोखा प्रयोग…

रायगढ । छग की सियासत में बदलाव के लिए ओपी चौधरी को कलेक्टर का पद बडी बाधा नजर आया और उन्होंने एक पल में पद छोड़ने का फैसला लेते हुए राजनैतिक पार्टी के चयन के विकल्प का उपयोग करते हुए तीन बरस पहले ही भाजपा प्रवेश किया। छग कांग्रेस की सियासत में अजीत जोगी पहले कलेक्टर थे जिन्होंने त्यागपत्र देकर काँग्रेस ज्वाइन किया। जोगी राष्ट्रीय प्रवक्ता बने रायगढ़ से सांसद बन कर लोकसभा पहुंचे फिर छग के प्रथम मुख्ममंत्री बने। अजीत जोगी ने राजनीति से परे कभी भी युवाओ को कलेक्टर बनने के लिये प्रेरित नही किया लेकिन भाजपा नेता ओपी चौधरी छग सूबे के पहले ऐसे राजनेता है जो राजनीति से इतर समय निकाल कर शिक्षा के लिए युवाओ को मार्गदर्शन दे रहे है। अपनी बातों को सोशल मंच के जरिये रखने वाले ओपी ने अपने फेश बुक पेज में लिखा कि आईएएस के लिये इंटरव्यू कॉल आ चुके है मेन्स परीक्षा अभ्यर्थी इंटरव्यू के लिये वन टू वन निःशुल्क गाइडेन्स प्राप्त करने के लिये सम्पर्क कर सकते है। उन्होंने छग में राजनैतिक बदलाव के लिए कलेक्टर का पद छोड़ा लेकिन प्रदेश के युवाओ को आज भी कलेक्टर की शिक्षा के लिए टिप्स देना नही भूले।

राजनैतिक सफर असफलता से…सी एम के दौड़ में

अपने व्यस्त समय के मध्य वे कोचिंग भी लेते है। छग सूबे के वे पहले ऐसे राजनेता हैं, जिनके राजनैतिक सफर की शुरुवात असफलता से हुई। 15 वर्षो से काबिज भाजपा की सत्ता की विदाई हुई। ओपी चौधरी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल की कविता पंक्तियां “हार नही मानूंगा…” को आत्मसात करते हुए तीन वर्षीय राजनैतिक सफर के दौरान छग के हर कोने के जनमानस के अंतर्मन को छुआ है। सत्ता हासिल करने के लिए या सत्ता में बने रहने के लिए छग के दोनो प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस के अपने अपने एजेंडे हो सकते है। विपक्ष के विरोध की विवशता व सत्ता के समर्थन की मजबूरी आम जनता भली-भांति समझती है। अपनी राजनैतिक व्यस्तता के मध्य समय निकाल कर शिक्षा के लिए प्रेरित करने ओपी का अंदाज छग के युवाओ को खूब भा रहा।

पिथौरा में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में स्वजातीय बंधुओं का कार्यक्रम में जिला पंचायत उपाध्यक्ष लक्ष्मण पटेल ने अपने भाषण में समाज की ओर से प्रथम मुख्यमंत्री बनने की बात कहे तो, मुस्कुराते हुए ओपी चौधरी रह गए और अपने अभिभाषण में किसी प्रकार का प्रतिक्रिया नहीं दिए जिससे लोगों ने कयास लगाना शुरू कर दिया कि आगामी चुनावी वर्ष में पार्टी सीएम का चेहरा होंगे जिस तरह से प्रदेश स्तर पर तूफानी दौरा कार्यक्रम होते चला आ रहा है लोगों को भारत लगाने लगा न….

बतौर विपक्ष ओपी भुपेश सरकार की सत्ता को घेरने का कोई अवसर नही छोड़ते। हाल में ही उन्होंने “द कश्मीर फाइल्स” फ़िल्म देखने का आह्वान किया और रायगढ में 200पत्रकार और बुद्धिजीवियो के साथ बैठकर फिल्म देखी। ओपी ने कश्मीरी पंडितों के पलायन से जुड़े सच को इस फिल्म के जरिये देखने का अनुरोध जनता से किया फिल्म के दौरान भारत माता की जय और जयश्री राम के नारों की गूँज से कांग्रेसी हलाकान हुए और इस फिल्म में बताये गए सच के लिए भाजपा को दोषी ठहरा दिया। ओपी की गुगली में कांग्रेस फंस गई ओपी ने कांग्रेसियो को फिल्म देखने का न्यौता दिया। सूबे के मुखिया भुपेश बघेल ने विधायको के साथ फिल्म देखी और कहा फिल्म में हिंसा दिखाई गई और डायरेक्टर ने फिल्म में समाधान नही बताया।ओपी ने भी पटलवार में देरी नही लगाई औऱ नहले पर दहला जड़ते हुए कहा कि कांग्रेस ने हिंसा करवाई इसलिए फिल्म में मुख्य मंत्री को हिंसा दिखी। मुख्यमंत्री भुपेश बघेल के फिल्म देखने के बाद कहा कि डायरेक्टर ने समाधान नही बताया इस पर ओपी ने इस तर्क को हास्यापद बताते हुए कहा कि फिल्म की घटना सच्चाई पर आधारित है। कश्मीर समस्या काँग्रेस की बोई समस्या है इसका समाधान फिल्म के डायरेक्टर कैसे बता सकते है। ओपी चौधरी ने दलगत राजनीति से ऊपर उठते हुए इस फिल्म को देखने का आग्रह काँग्रेस से भी किया था।

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