



श्री श्याम मंडल के प्रचार मंत्री महावीर अग्रवाल ने बताया कि श्री श्याम फाल्गुन उत्सव के पहले दिन जयपुर से आए ख्यातिप्राप्त भजन गायक महेश परमार एवं चंडीगढ़ से मोनु दुआ ने श्री श्याम प्रभु के भजनों की सुमधुर प्रस्तुति दी। श्याम भक्त देर रात तक भजनों का आनंद लेते रहे। उन्होंने एस से बढ़कर एक श्री श्याम प्रभु के भजनों से लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। दूसरे दिन 15 मार्च मंगलवार को सुबह ब्रम्ह मुहुर्त में विशेष मंत्रोच्चारण के साथ श्री श्याम प्रभु की महाआरती होगी और मक्खन मिश्री का भोग लगाया जाएगा। उसके बाद श्री श्याम की अखंड ज्योत प्रज्वलित होगा। सुबह 10 बजे से नगर एवं बाहर के श्रद्धालु भक्तजन सपरिवार श्री श्याम प्रभु को दो टून चूरमे का भोग प्रसाद लगाएंगे। ज्ञात हो कि जो भक्त श्री श्याम प्रभु से अपनी मनोकामनाए की पूर्ण करने हेतु अरदास लगाते है, जिनकी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है तभी भक्त सपरिवार आकर सवामणी खीर चूरमा का भोग प्रसाद लगा कर अपनी मनौती पूरी करते हैं। इस शुभ अवसर पर कलकत्ता से आये कारिगरों द्वारा श्री श्याम प्रभु का फूलों से अलौकिक श्रृंगार करेंगे। थर्माकोल, झालरों एवं फूलों के गुलदस्तों से मंदिर परिसर एवं मुख्य द्वार पर आकर्षक सजावट की गई है। श्री श्याम मंडल द्वारा सभी श्रद्धालुओं से अधिक से अधिक संख्या में श्री श्याम प्रभु का दर्शन लाभ करने की अपील की गई है।
श्याम मंडल महिला इकाई की सदस्यों ने लगाई श्याम नाम की फेरी
प्रचार मंत्री महावीर अग्रवाल ने बताया कि श्याम फाल्गुन उत्सव के पहले दिन सोमवार को श्याम मंडल महिला इकाई की सदस्यों द्वारा श्री श्याम नाम की 108 फेरी लगाई गई। मंडल की रमा अग्रवाल, सीमा अग्रवाल, उमा अग्रवाल, मंजूलता अग्रवाल सहित महिला इकाई की सभी सदस्य मंदिर में उपस्थित थीं।
इसलिए मनाते हैं फाल्गुन उत्सव
श्री श्याम मंडल के प्रचार मंत्री महावीर अग्रवाल ने बताया कि महाभारत के दौरान वीर बर्बरीक ने अपनी अद्भुत बाण परीक्षा से श्रीकृष्ण को अचंभित कर दिया था। भगवान श्री कृष्ण के कहने पर उन्होंने अपना शीश दान कर कलियुग में 16 कलाओं के अवतारी माने जाते हुए श्याम नाम से घर घर पूजित होने का वरदान प्राप्त किया। कलियुग के प्रथम चरण में सीकर राजस्थान के खाटू स्थित ग्राम में श्याम प्रभु का साक्षात शीश फाल्गुन शुदी एकादशी को प्रकट हुआ। वहां के तत्कालीन राजा ने स्वप्न से मिले आदेश पर वहां मंदिर का निर्माण कराया। तभी से भक्त लाखों की संख्या में खाटू पहुंच कर दर्शन कर अपना जीवन धन्य करते हैं। इन दो दिनों में श्री श्याम मंदिर अगाध श्रद्धा का केन्द्र बिन्दु बन जाता है।




