मुंबई की कंपनी कर रही महानदी का सर्वे…ट्रिब्यूनल ने वर्तमान परिस्थिति पर ओड़िशा सरकार से मांगी है रिपोर्ट…
- हीराकुंड डैम से छत्तीसगढ़ के अंदर तक पानी का डाटा एकत्र करने का आदेश
रायगढ़। महानदी जल विवाद को समाधान अब तक नहीं हो सका है। अब ट्रिब्यूनल ने ओडिशा सरकार को नदी के वर्तमान स्थिति पर विस्तृत डाटा संकलन के लिए हाइड्रोग्राफिक सर्वे का आदेश दिया है। हीराकुद डैम से लेकर छग के कुछ किमी अंदर तक महानदी में जल बहाव का आंकड़ा तैयार करने मुंबई की कंपनी को जिम्मा दिया गया है।
सात साल से छत्तीसगढ़ और ओडि़शा के बीच महानदी के पानी को लेकर विवाद चल रहा है। ओडि़शा सरकार ने छग की सीमा में महानदी पर बने बैराजों पर सवाल उठाते हुए आपत्ति दर्ज की थी। ओडि़शा का कहना है कि कलमा, साराडीह, मिरौनी, वसंतपुर, शिवरीनारायण बैराजों के निर्माण की वजह से महानदी में पानी का बहाव कम हो गया है। हीराकुद डैम में जल स्तर भी घटने का दावा किया गया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार ने महानदी जल विवाद ट्रिब्यूनल का गठन किया था। 2015 में विवाद की शुरुआत हुई थी। इसके बाद कई सुनवाई हुई लेकिन विवाद का समाधान नहीं हो सका। दोनों राज्यों को अपने-अपने दावों को प्रमाणित करने रिपोर्ट प्रस्तुत करने का अवसर दिया गया है। हाल ही में ट्रिब्यूनल ने ओडिशा सरकार को आदेश दिया कि वह महानदी की वर्तमान स्थिति पर एक सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करे। पिछले 40-50 सालों में महानदी की स्थिति में क्या बदलाव आए हैं, इसका अध्ययन किया जाना है।
कहीं ड्रोन तो कहीं नाव से होगा सर्वे
ओडि़शा ने मुंबई की सिएट इंजीनियरिंग प्रा.लि. को सर्वे का जिम्मा दिया है। नदी के अप और डाउन स्ट्रीम में पानी की स्थिति जांची जाएगी। कहीं ड्रोन तो कहीं नाव में सर्वे का काम होगा। रायगढ़ समेत छग के भी कुछ हिस्सों का भी सर्वे होगा। बांध के डाउनस्ट्रीम में पानी कम है इसलिए ड्रोन से सर्वे होगा जबकि पानी वाले क्षेत्र में नावों से सर्वे होगा जिसमें इको साउंडिंग विधि से रीडिंग लेनी पड़ती है। डैम में जल भराव में गिरावट का अनुमान लगाने के बैथीमीट्रिक सर्वे होगा। सर्वे का काम एक महीने में खत्म हो जाएगा। इससे पहले 2015 में राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान, काकीनाड़ा द्वारा डैम का सर्वे किया गया था। प्रारंभिक मूल्यांकन में लाईव स्टोरेज में अनुमानित 17 प्रतिशत की गिरावट मिली।
1960 के आंकड़ों से होगी तुलना
नदियों में जल बहाव का संबंध क्षेत्र के पर्यावरण और लाइवलीहुड से भी होता है। महानदी में जल बहाव में कमी का हवाला देते हुए ओडि़शा ने छग के बैराजों को जिम्मेदार बताया था। मौजूदा सर्वे के आंकड़ों की तुलना 1960 में डैम के डाटा से की जाएगी। पिछले दस सालों में रायगढ़ जिले में महानदी का डाटा देखें तो जल स्तर में गिरावट दर्ज की गई है।