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समझे दान का महत्व क्या है अन्नदान से लाभ

समझे दान का महत्व क्या है अन्नदान से लाभ

परम कल्याण की प्राप्ति होती है दान करने से
देने के लिए दान,
लेने के लिए ज्ञान,
और त्यागने के लिए
अभिमान सर्वश्रेष्ठ है

दान वहा करे जहा उसकी सबसे ज्यादा जरुरत हो।दान करने वाले के मन में करुणा दया का भाव होता है। वो किसी अन्य की ख़ुशी के लिए त्याग करने की भावना रखता है। यह गुण उसे भवसागर से पार ईश्वर के करीब ले कर जाते है

दान एक ऐसा कार्य है जिसके जरिए हम केवल धर्म का ठीक-ठीक पालन कर पाते हैं बल्कि अपने जीवन की तमाम समस्याओं से भी निकल सकते हैं आयु रक्षा और सेहत के लिए तो दान के अचूक माना जाता है जीवन में तमाम समस्याओं से निजात पाने के लिए भी दान का विशेष महत्व दान करने से ग्रहों की पीड़ा से भी मुक्ति पाना आसान हो जाता है।

जब ज्योतिषियों द्वारा किसी व्यक्ति विशेष की जन्म पत्रिका का आंकलन करने के बाद ,जीवन में सुख ,समृद्धि एवं अन्य इच्छाओं की पूर्ति हेतु दान करने की सलाह दी जाती है तो दान किसी वस्तु का, भोजन का और यहां तक कि महंगे आभूषण का भी किया जाता है

जो व्यक्ति प्रति दिन विधिपूर्वक अन्नदान करता है वह संसार के समस्त फल प्राप्त कर लेता है अपनी सामर्थ्य एवं सुविधा के अनुसार कुछ ना कुछ अन्नदान अवश्य करना चाहिए इससे परम कल्याण की प्राप्ति होती है।

विशेष रूप से जीवन में अन्न का दान सम्मान का कारक होता है अतः जरूरतमंदों को दान करना चाहिए अन्न दान से समस्त पापों की निवृत्ति होकर इस लोक और परलोक में सुख प्राप्त होता है।

अलग-अलग वस्तुओं के दान से अलग अलग समस्या दूर होती है लेकिन बिना सोचे समझे गलत दान से आपका नुकसान भी हो सकता है कई बार गलत दान से अच्छे ग्रह बुरे परिणाम दे सकते हैं ज्योतिष के जानकार की मानें तो वेदो में भी लिखा है कि सैकड़ों हाथों से कामना चाहिए और हजार हाथों वाला होकर दान करना चाहिए।

दान से यश कीर्ति, अहिंसा से आरोग्य तथा ब्राह्मणों की सेवा से राज्य तथा अतिशय ब्रह्मतत्व की प्राप्ति होती है जल दान करने से मनुष्य को अक्षय कीर्ति प्राप्त होती है अन्य दान करने से मनुष्य को काम और भूख से पूर्ण तृप्ति मिलती है दानी व्यक्ति को जीवन में अर्थ काम एवं मोक्ष सभी कुछ प्राप्त होता है

कलयुग में कैसे भी दिया गया दान मोक्ष कारक होता है।

अन्नदान को सर्वश्रेष्ठ एवं पूर्णय दायक माना गया है धर्म में अन्नदान के बिना कोई भी जप ताप या यज्ञ आदि पूर्ण नहीं होता है अन्य एकमात्र ऐसी वस्तु है जिससे शरीर के साथ-साथ आत्मा भी तृप्त होती है इसलिए कहा गया है कि अगर कुछ दान करना ही है तो अन्न दान करो अन्न दान करने से बहुत लाभ होता है चलिए आपको बताते हैं आखिर क्यों करना चाहिए अन्न दान या अन्न दान के लाभ के बारे में…

दान हमेशा अपनी इच्छा से करना चाहिए किसी दबाव में किया गया दान कभी सुख परिणाम नहीं देता है

दान में जो भी वस्तु दी जाए हुए हमेशा उत्तम श्रेणी की होनी चाहिए या कम से कम वासी तो हो ही जैसे आप खुद प्रयोग करते हो निम्न श्रेणी की वस्तुओं का दान नहीं करना चाहिए

दान हमेशा उसी व्यक्ति को करें जो अभावग्रस्त हो और पात्र हो तो पात्र और संपन्न व्यक्ति को दान करना फलदाई नहीं होता है

अगर दान ब्राह्मण को करना हो तो ध्यान रखें कि ब्राह्मण सात्विक सदाचारी तथा भगवान का भक्त हो उस कुसंस्कारी को दान देना निष्फल होता है

अगर आपको ग्रहों के लिए दान करना हो तो उसी ग्रह का दान करें जो कष्ट का रखो अनुकूल ग्रहों के लिए दान करना आपको संकट में डाल सकता है।

बाहरी व्यक्ति को दान देने के पूर्व विचार कर लें कि कहीं आपके परिवार में कोई अभाव में तो नहीं है पहले अपने ऊपर आश्रित की व्यवस्था करें तब दान करें।

जीवन भर किए गए दुष्कर्मओं से मुक्ति पाने के लिए दान ही सबसे सरल और उत्तम माध्यम माना गया है।

वेदों और पुराणों में दान के महत्व का वर्णन किया गया है यही कारण है कि हजारों वर्षो पुराने हिंदू धर्म में आज भी विभिन्न वस्तुओं को दान करने के संस्कार का पालन किया जाता है आज-कल अमूमन दान कर्म ज्योतिष उपायों के अलावा विश्व में फैले महामारी के मध्य नजर रखकर किए जा रहा हैं।

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Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

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