
कक्षा 3-5 के बच्चे जो जोड़ने घटाने की प्रक्रिया जानते हैं, 31.4 प्रतिशत के साथ रायगढ़ जिला दूसरे स्थान पर
सीख कार्यक्रम के क्रियान्वयन में भी रायगढ़ जिला पूरे प्रदेश में शीर्ष पर रहा था
रायगढ़ जिला कलेक्टर भीम सिंह के प्रारंभ से ही बच्चों की शिक्षा से जुड़े विभिन्न आयामों व शिक्षा के गुणवत्ता को लेकर विशेष रुचि,कुशल मार्गदर्शन व सतत मॉनिटरिंग का असर ही है कि,’असरÓ (एनुअल स्टेटस आफ एजुकेशन रिपोर्ट) जो नागरिकों द्वारा दिए जाने वाला भारत का सबसे बड़ा वार्षिक सर्वेक्षण है उसमें रायगढ़ जिला पढ़ई तुंहर दुआर अंतर्गत विभिन्न शिक्षा मॉडल्स के क्रियान्वयन में पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान पर रहते हुए कक्षा 3 से 5 के बच्चे जो जोडऩे घटाने की प्रक्रिया जानते हैं उस केटेगरी में द्वितीय स्थान पर रहा। असर एक ऐसी एनुअल स्टेटस आफ एजुकेशन रिपोर्ट है जिससे यह पता लगता है कि,क्या बच्चे विद्यालय में नामांकित हैं, और क्या वे सीख रहे हैं? इसमें 5 से 16 आयु वर्ग के बच्चों के पढऩे की और बुनियादी गणित की जांच की जाती है। असर के एक ऐसे ही वार्षिक सर्वेक्षण 2021 में पूरे प्रदेश में रायगढ़ जिला पढ़ई तुंहर दुआर वेबसाइट पोर्टल के बारे में जागरूकता व इसके विभिन्न शिक्षा मॉडल्स के क्रियान्वयन में 40.9 प्रतिशत के साथ प्रथम स्थान पर है। वहीं कक्षा 3 से 5 के बच्चे जो जोडऩे घटाने की प्रक्रिया जानते हैं उस सर्वेक्षण में 31.4 प्रतिशत के साथ रायगढ़ जिला ने पूरे प्रदेश में दूसरे स्थान पर रहते हुए अपना वर्चस्व स्थापित किया है।



वही सीख कार्यक्रम जो यूनिसेफ और राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण की साझेदारी का एक ऐसा कार्यक्रम,जो रायगढ़ जिले के समस्त 09 विकास खंडों में संचालित हुआ, एक ऐसी व्यवस्थित व प्रभावी योजना साबित हुई जिसने कोरोना काल मे भी पालको और समुदाय की मदद से बच्चों को सीखने और सिखाने का अवसर प्रदान किया। जिससे कोरोना काल में भी बच्चों की शिक्षा में कोई बाधा या रुकावट नहीं आई और बच्चे रोचक गतिविधियों द्वारा लगातार सीखते रहे। इस सीख कार्यक्रम में भी तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ रायगढ़ सुश्री रिचा प्रकाश चौधरी, डीईओ आर पी आदित्य, डीएमसी रमेश देवांगन के कुशल दिशा निर्देश में रायगढ़ जिला शीर्ष पर रहा। साल 2021 में स्कूल शिक्षा में कोरोनावायरस बड़ा असर रहा। ऑनलाइन एजुकेशन के जरिए छात्रों की पढ़ाई जारी रही। स्कूलों में सिलेबस भी कम किए गए लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद पढ़ाई उस ढंग से सामान्य नहीं हो पा रही थी जिसकी उम्मीद की जा रही थी। छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की वजह से स्कूल सुने रहे। कोरोनावायरस की वजह से स्कूलों को बंद रखा गया बच्चों की परीक्षा घर बैठकर ओपन बुक और ब्लैंडड मेथड से ली गई।
प्री प्राइमरी, प्राइमरी और मिडिल स्कूल की परीक्षा छात्रों ने घर बैठे दी, वहीं छत्तीसगढ़ में इस साल दसवीं बोर्ड के लिए केवल असाइनमेंट के आधार पर अंक दिए गए और 12वीं बोर्ड के छात्रों को आंसर और क्वेश्चन घर ले जाकर हल करने के लिए दिया गया। प्रदेश में स्कूल खोलने को लेकर अनिश्चितता की स्थिति आधे साल तक बनी रही,बावजूद इसके रायगढ़ जिले में पढ़ई तुंहर दुआर और सीख कार्यक्रम में शीर्ष पर रहते हुए बच्चों की शिक्षा से जुड़ेे विभिन्न शिक्षा मॉडल्स में रायगढ़ जिले की स्थिति पूरे प्रदेश में बेहतर रही।
असर रिपोर्ट में रायगढ़ जिला 6 से 14 आयु वर्ग के शासकीय स्कूल में प्रवेश 83.30 प्रतिशत के साथ 16 वें स्थान पर,कक्षा 1-2 के बच्चे जो अक्षर पढ़ सकते हैं, 57.0 प्रतिशत के साथ 4 थे स्थान पर, कक्षा 3-5 के बच्चे जो भाग देने की प्रक्रिया जानते हैं 30.0 प्रतिशत के साथ 5 वे स्थान पर तथा कक्षा 3-5 के बच्चे जो घटाने की प्रक्रिया जानते हैं 31.4 प्रतिशत के साथ 2 रे स्थान पर रहा। जिला कलेक्टर भीम सिंह ने रायगढ़ जिले की इस उपलब्धि पर शिक्षा से जुड़े सभी शीर्ष अधिकारियों व शिक्षकों को बधाई प्रेषित की है।




