खरसियारायगढ़

आबादी के पास पहुंचा हाथियों का झुंड, पुलिस, वन विभाग तैनात,

आबादी के पास पहुंचा हाथियों का झुंड, पुलिस वन विभाग तैनात

खरसिया विधान सभा क्षेत्र के ग्रामों में हाथियों की दहशत थमने का नाम नहीं ले रहा है। करीब एक सप्ताह से हाथियों ने उत्पात मचा रखा है। जंगली हाथियों का झुंड वन विभाग को चकमा देकर मंगल वार की रात को परसदा के जंगल से निकलकर लेबड़ा ग्राम पंचायत होते हुए माण्ड नदी पार कर ग्राम पंचायत पंझर में जा पहुंचा।

वन विभाग के कर्मचारी हाथियों को कोतरा रोड़ थाना से भुपदेवपुर थाना की ओर खदेड़ने के लिए आवाज का कोई असर होते दिख नहीं रहा ।जब ग्रामीणों ने वन विभाग को पंझर में हाथी होने की खबर दी तो विभाग के हाथ पांव फूल गए।

भोर में वन बांस बारी किनारे पहुंचा देखते ही नेहरु सिदार घायल हो गए

यह स्पष्ट नहीं हो पाया हाथी ने घायल किया कि भगदड के दौरान हुए घायल …।अभी हाथी वहीं जमे हुए हैं। आबादी के पास हाथियों के जमा होने से ग्रामीण दशहत में हैं। उन्हें रोकने के लिए वन विभाग के साथ ही साथ वन विभाग, कोतरा रोड़ पुलिस की टुकड़ी तैनात कर दी गई है। जंगली हाथियों के घनी आबादी क्षेत्र में पहुंचते ही प्रशासन सकते में आ गया है। ग्रामीणों की सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर वन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों के अलावा पुलिस, प्रशासन को भी तैनात कर दिया गया है। ताकि, उनका झुंड आबादी क्षेत्र में न आ सके। और अगर आ जाए तो किसी अनहोनी से समय रहते निपटा जा सके।

इससे पहले रास्ते मे ग्राम पंचायत के लेबड़ा में हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया। धान की फसल बर्बाद कर दी। धान की फसल व मकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया। रात में हाथियों के चिघाड़ने की आवाज से भयभीत ग्रामीण घरों में ताला बंद कर भाग खड़े हुए।

ग्रामीणों ने घरों से किया पलायन


जंगली हाथियों के झुंड जंगली सीमा से 14-15 किलोमीटर दूर उच्च शिक्षा मंत्रीउमेश पटेल और पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी भाजपा नेता के दोनों गांव मध्य पंझर के आबादी क्षेत्र में पहुंच जाने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों ने बताया कि दर्जनों लोग अपने-अपने घरों में ताला बंद कर अपने पालतू पशुओं के साथ सुरक्षित जगहों पर जाने को मजबूर हो गए हैं। वन विभाग की नाकामी के चलते हाथियों का झुंड उल्टी दिशा में चल निकला। विभाग के ही लोग दबी जुबान में बता रहे थे कि अब हुटर बजाना भी खतरे से खाली नहीं है। न जाने कितने दिन हाथी यहां रहेंगे और कितना नुकसान करेंगे। अगर हाथी का बच्चा सच में मरा होगा तो हाथी बेकाबू भी हो सकते है। हाथियों की संख्या 06 है। इतने हाथियों को काबू करना मुश्किल काम है। विभाग को अब हर कदम फूंक फूंक कर चलना होगा ताकि ग्रामीणों को नुकसान न हो …

धैर्य रखे वन विभाग, पुलिस को जंगली हाथियों को जंगल की रवानगी करने दे… हाथी के नजदीक न जावे।

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Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

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