किसान आंदोलन : टोल प्लाजा पर किसानों का कब्जा, भारी संख्या में पुलिसबल तैनात

किसान आंदोलन का आज 17वां दिन
दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे जाम करने की चेतावनी
गुरुग्राम और फरीदाबाद के टोल प्लाजा का भी घेराव करेंगे किसान
नई दिल्ली : कृषि कानूनों (Farm Bills) के खिलाफ किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) 17वें दिन भी जारी है। शनिवार को किसान संगठनों ने दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करने की चेतावनी दी है। बड़ी संख्या में किसान राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम करने के लिए इकट्ठा हो गए हैं। पुलिस ने किसानों की बड़ी संख्या को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिए हैं।
पंजाब और हरियाणा समेत दिल्ली हाईवे पर स्थित सभी टोल प्लाजा पर शनिवार को विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कब्जा कर लिया है। उन्होंने यहां से गुजर रहे वाहनों को बिना कोई शुल्क दिए गुजरने दिया। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के गृहनगर करनाल में किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग -44 पर बस्तरा टोल प्लाजा और करनाल-जींद राष्ट्रीय राजमार्ग 709-ए पर पिऑन्ट टोल प्लाजा को बंद कर दिया है।
किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए दोनों राज्यों में पुलिस तैनात की गई है। किसानों ने आधी रात से ही बस्तरा टोल प्लाजा को बंद कर किया है और यात्रियों को बिना शुल्क दिए यहां से जाने दे रहे हैं। वहीं पिऑन्ट टोल प्लाजा को सुबह से शुल्क मुक्त कर दिया गया।
Delhi witnesses fog this morning, with some areas receiving light rain.
Minimum temperature to be 11°C & the maximum to be 26°C in the national capital today, as per IMD.
Visuals from Akshardham. pic.twitter.com/D22jV46oJZ
— ANI (@ANI) December 12, 2020
किसानों की आड़ में असामाजिक तत्व किसान आंदोलन का माहौल बिगाड़ने की साजिश कर रहे हैं। मेरी किसान भाइयों से अपील है कि वे सजग रहें एवं ऐसे असामाजिक तत्वों को अपना मंच प्रदान न करें।#FarmerBill2020
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) December 11, 2020
गौरतलब है कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान पिछले कई दिनों से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। वे नए कृषि कानूनों को वापस लेने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को बनाए रखने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे किसानों का दावा है कि ये कानून उद्योग जगत को फायदा पहुंचाने के लिए लाए गए हैं और इनसे मंडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था खत्म हो जाएगी।
किसान संगठनों की अपनी मांगों को लेकर सरकार के साथ पांच दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन बात नहीं बन पाई है। तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील है और उनकी मांगों के मद्देनजर सरकार के साथ उनके प्रतिनिधियों से चर्चा जारी है। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ”किसानों की आपत्ति पर निराकरण का प्रस्ताव भी किसान यूनियन को भेजा गया है और आगे भी सरकार चर्चा के लिए तैयार है।”




