भारतीय सेना के कैप्टन हुए शहीद,अभियान जारी
सेना के नॉर्दर्न कमांड ने X पर जानकारी दी कि मुठभेड़ के दौरान भारी गोलीबारी हो रही है और आतंकवादियों की तलाश जारी है।
जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में बुधवार को एक मुठभेड़ के दौरान भारतीय सेना के 48 राष्ट्रीय राइफल्स के एक कैप्टन शहीद हो गए। अधिकारियों के अनुसार, कैप्टन डोडा के अस्सर इलाके में शिवगढ़ धार पर चल रहे ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे थे।
सेना के नॉर्दर्न कमांड ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी दी कि मुठभेड़ के दौरान भारी गोलीबारी हो रही है और आतंकवादियों की तलाश जारी है। एक अधिकारी के घायल होने की भी सूचना है। इस दौरान सुरक्षा बलों ने युद्ध में इस्तेमाल होने वाला सामान बरामद किया है।
अधिकारियों के मुताबिक, खास जानकारी मिलने के बाद मंगलवार रात को पटनीटॉप के पास ‘अकर जंगल’ में सेना और पुलिस ने संयुक्त अभियान शुरू किया। घने जंगल वाले इस इलाके में सुबह करीब 7:30 बजे मुठभेड़ शुरू हुई। यह मुठभेड़ संयुक्त दल द्वारा चलाए जा रहे घेराव और तलाशी अभियान के दौरान हुई, जिसमें सुरक्षा बलों ने शिवगढ़-अस्सर क्षेत्र में छिपे आतंकवादियों को खोजने की कोशिश की। ये आतंकवादी पटनीटॉप के जंगल से डोडा के अस्सर इलाके में आए थे, जहां मंगलवार शाम करीब 6 बजे पहली मुठभेड़ हुई थी।
हालांकि, यह मुठभेड़ कुछ समय के लिए रुक गई थी और रातभर घेराव जारी रखा गया था। बुधवार को फिर से तलाशी अभियान शुरू किया गया, जिसमें सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ स्थल से चार खून से सने बैग और M-4 कार्बाइन बरामद की हैं।
12 जून से डोडा जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में कई जगहों पर आतंकवादी हमले हो चुके हैं, जिनमें एक कैप्टन समेत चार सैनिक शहीद हो गए हैं। इसके अलावा, सुरक्षा बलों और पुलिस ने संयुक्त अभियानों में जिले के भीतर तीन आतंकवादियों को मार गिराया है।
सुरक्षा बल और पुलिस ने डोडा, कठुआ और उधमपुर जिलों के ऊंचाई वाले इलाकों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया है। इन आतंकवादियों को ढूंढने की कोशिश की जा रही है, जो सीमा पार करके घने जंगलों में छिप गए हैं और जम्मू क्षेत्र में फिर से आतंकवाद फैलाने की योजना बना रहे हैं।