छत्तीसगढ़

मंडी व कृषक कल्याण शुल्क में छूट के लिए चेम्बर ने कृषि मंत्री को सौंपा ज्ञापन

रायपुर चेम्बर का एक प्रतिनिधि मंडल ने कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे से मिलकर कृषि उपज मंडी शुल्क और कृषक कल्याण शुल्क में छूट प्रदान करने ज्ञापन सौंपा।
चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि पोहा उद्योगों पर पूर्व में 1ः की दर से मंडी-शुल्क लगता था, परंतु छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी ( संशोधन ) अधिनियम 2020 में किये गये संशोधन के अनुसार अधिसूचित कृषि उपज की कीमत के प्रत्येक 100 रूपये पर मंडी शुल्क 3 रू. एवं कृषक कल्याण शुल्क 2 रू.की दर से 1 दिसंबर से आगामी आदेश तक प्रभावशील कर दी गई है। इसी प्रकार उपरोक्त अधिसूचना में किराना एवं दलहन पर 0.5ः की दर से कृषक कल्याण शुल्क एवं मंडी शुल्क 1ः प्रभावशील कर दी गई है।
पारवानी ने कहा कि कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहन देने हेतु आपकी 19-24 उद्योग नीति में खाद्य प्रसंस्करण को विशेष बढ़ावा दिया गया है, जिससे प्रोत्साहित होकर किसान, उद्योगपति एवं व्यापारियों का व्यवसाय सुचारू एवं सरलता से चल रहा है जिससे रोजगार के अवसरों में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है। वर्तमान अधिसूचना के आधार पर यदि मंडी शुल्क में वृद्धि होती है तो छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त पोहा, दलहन उद्योग एवं किराना व्यवसाय अन्य समीपवर्ती राज्यों के समक्ष प्रतिस्पर्धा में खड़े नहीं हो पायेंगे जिससे प्रदेश के पोहा, दलहन उद्योगों एवं उसमें कार्यरत श्रमिक बेरोजगार हो जायंेगे एवं किराना व्यवसाय पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष पारवानी ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में पोहा मुरमुरा के लगभग 300 लघु उद्योग एवं दलहन उद्योग में लगभग 400 लघु उद्योग स्थापित हैं जिनमें प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 50000 लोगों को रोजगार प्राप्त होता है और 100ः स्थानीय लोगों को ही रोजगार मिला हुआ है, इससे स्थानीय लोगों को परिवार के भरण-पोषण में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

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