छत्तीसगढ़

बालकों के सर्वांगीण विकास, न्याय संगत और निष्पक्ष शिक्षा को प्राथमिकता -अनिल पुरोहित

बागबाहरा । सरस्वती शिक्षा संस्थान छत्तीसगढ़ प्रांत के महासमुंद जिला प्रतिनिधि अनिल पुरोहित ने मुख्यअतिथि की आसंदी से अपने बोधगम्य वक्तव्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की व्याख्या करते हुए कहा कि देश की शिक्षा नीति उस देश की प्रकृति, संस्कृति और प्रगति के अनुरूप होना चाहिए। भारत केंद्रित व समग्रता के साथ भारतीय भाषाओं को प्राथमिकता व अनेक विशेषताओं से युक्त इस नीति के आधार पर ही आगे की शिक्षा पद्धति का संचालन किया जायेगा और इसी के आधार पर 10-2 के स्थान पर अब 5-3-3-4 प्रणाली लागू की गई है, पूर्व की शिक्षा पद्धति में अगर कोई प्रथम वर्ष उत्तीर्ण करता है तो उसे प्रमाण पत्र नहीं दिया जाता था, लेकिन वर्तमान शिक्षा पद्धति में अगर आप एक वर्ष की भी पढ़ाई पूर्ण करते हैं तो आपको प्रमाण पत्र दिया जायेगा। अब अपनी रूचि के अनुसार शिक्षा प्राप्त करने की स्वतंत्रता होगी।

नई शिक्षा नीति इसीसीइ के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु एक गुणवत्तापरक नियामक प्रणाली स्थापित करने पर जोर देती है। नीति का ध्यान बालक शिक्षा से सम्बन्धित सभी पक्षों जैसे-अभिभावक, शिक्षकों व अन्य सदस्यों को इसीसीइ की अपरिहार्यता को समझने को केंद्रित है। विद्याभारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की प्रांतीय इकाई सरस्वती शिक्षा संस्थान छत्तीसगढ़, रायपुर के तत्वावधान में आयोजित राजिम विभाग के बागबाहरा, महासमुंद एवं पिथौरा विद्यालय का राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रशिक्षण वर्ग के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कार्यक्रम अध्यक्ष राहुल अग्रवाल ने कहा कि आज के परिवर्तनशील युग में शैक्षणिक जगत में परिवर्तन तभी आएगा जब हमारी शिक्षा राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत हो, उसमें हमारी सांस्कृतिक अवधारणा जैसी धरोहरों को संजोते हुए साक्षरता, संस्कार, सामाजिक समरसता, स्वास्थ्य, स्वदेशी, स्वावलंबन और विद्यार्थी के सर्वागीण कौशल विकास के अपने दायित्व का निर्वहन भलीभांति कर पाएंगी। एक विद्यार्थी में उक्त गुणों के विकास को ही ध्यान में रखकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है, जिसका प्रतिफल हमें 2046 तक प्राप्त होगा।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रशिक्षण वर्ग में राजिम विभाग समन्वयक मानिकलाल साहू, सुरेश मरकाम कसेकेरा, भूपेन्द्र निराला बागबाहरा संकुल समन्वयक, मास्टर ट्रेनर दौलत दीवान, प्रेमचंद डड़सेना, भरतलाल साहू, धीरज तिवारी का मार्गदर्शन शिक्षार्थियों को प्राप्त हुआ।

समापन समारोह कार्यक्रम की अध्यक्षता स्थानीय विद्यालय के व्यवस्थापक एवं सचिव राहुल अग्रवाल ने की। विषेश अतिथि के रूप में पिथौरा विद्यालय के प्राचार्य श्रीमती ज्योति जोशी उपस्थित रहीं। प्रास्ताविक भाषण एवं आभार प्रदर्शन स्थानीय विद्यालय के प्राचार्य एवं वर्ग के सहसंयोजक राजेन्द्र कुमार पाण्डेय ने किया। सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के वरिष्ठ आचार्या सुश्री नीतू ठाकुर ने किया तथा अतिथियों का स्वागत प्रधानाचार्य श्रीमती सुनीता गुप्ता ने किया।

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