निगम के एसएलआरएम सेंटर में स्वच्छता दीदियों द्वारा बनाए गए हैं गोबर के दीये व अन्य उत्पाद
रायगढ़-इस दिवाली स्वच्छता दीदियों द्वारा निर्माण किए गए गोबर लाल, हरा, पीला, नीला विभिन्न रंगों के दीये और देवी-देवताओं की कलाकृति लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। बहुत ही कम दर पर स्वच्छता दीदी गोबर के दीये और देवी देवताओं की कलाकृतियों का बिक्री कर रही हैं।
नगर निगम के गोबर खरीदी केंद्र से गौधन न्याय योजना के तहत देवी देवताओं की कलाकृति और गोबर के दीये स्वच्छता दीदियों द्वारा निर्माण किया गया है, जो शहरवासियों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। हरा, पीला, नीला, लाल विभिन्न रंगों के गोबर से बने दीये लोगों के मन भा रही है। लोग इन दीयों को हाथों-हाथ ले रहे हैं। नगर निगम कार्यालय के स्टॉल और सभी वार्डों के स्वच्छता दीदियों द्वारा घर-घर जाकर गोबर से बने दीये व देवी देवताओं के विभिन्न कलाकृतियों को दर्जन हिसाब से बिक्री कर रही है। राज्योत्सव में लगे स्टॉल में भी शहरवासियों ने देवी देवताओं की कलाकृतियां और गोबर से बने दीये को लिया।
गाय के गोबर को शुद्ध माना जाता है, इसलिए ही शहरवासियों के बीच गोबर से बने देवी देवताओं की कलाकृतियां और दीये की मांग है। गोबर से बने दीये और कलाकृतियों की बिक्री कर स्वच्छता दीदी अतिरिक्त आय कमा रही हैं। मेयर श्रीमती जानकी काटजू ने कहां की हमारी सभ्यता में गोबर से बने उत्पाद को आध्यात्मिक रूप में शुद्ध माना जाता है। त्योहारों में घर के आंगन को गोबर से लिपने और गोबर से बने गौरी गणेश की पूजन करने की परंपरा है। इसी परंपरा को प्रदेश सरकार आगे बढ़ा रही है। वर्तमान में स्वच्छता दीदियों और महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं के माध्यम से गोबर के दिए और देवी-देवताओं की कलाकृति निर्माण कर बिक्री करने के लिए रखा गया है। मेयर श्रीमती काटजू ने इस दिवाली गोबर से बने दिए जलाने और देवी-देवताओं की पूजन करने की अपील शहरवासियों से की है।