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स्थानीय टैलेंट, स्थानीय युवा और स्थानीय संसाधनों के उपयोग से तैयार हुआ विकास का छत्तीसगढ़ मॉडल-श्री भूपेश बघेल

स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करने में जिला प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका
जिला स्तर पर विशेष रणनीति से विकास की नई राह पर की बात
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लोकवाणी की 22वीं कड़ी में आज जनता से हुए रूबरू

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि स्थानीय टैलेंट, स्थानीय युवा और स्थानीय संसाधनों के उपयोग से हम विकास के छत्तीसगढ़ मॉडल को और ज्यादा विस्तार देंगे। इससे छत्तीसगढ़ का हर क्षेत्र समृद्ध और खुशहाल होगा। मुख्यमंत्री आज प्रसारित मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी की 22 वीं कड़ी में जनता से जिला स्तर पर विशेष रणनीति से विकास की नई राह विषय पर बातचीत कर रहे थे। इस विषय पर यह लोकवाणी की दूसरी कड़ी है। मुख्यमंत्री की मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी का प्रसारण आज आकाशवाणी के सभी केन्द्रों, एफ.एम.रेडियो और क्षेत्रीय समाचार चैनलों में किया गया।

बघेल ने कहा कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करने में जिला प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। डीएमएफ एवं मनरेगा से इसमें काफी मदद की जा सकती है। स्थानीय मौसम, मिट्टी और विशेषता को देखते हुए जिस तरह बीजापुर में मिर्ची की खेती का सपना साकार हो रहा है। वैसे ही अन्य जिलों में भी वहां की विशेषता के अनुसार बहुत से काम हो रहे हैं और इसमें बहुत बढ़ोत्तरी करने की संभावना है। जिला प्रशासन की पहल से अब जशपुर जिले में असम की तरह चाय के बागान दिखने लगे हैं। अबूझमाड़ में लोगों को शासन की योजनाओं का लाभ मिल सके इसके लिए गांवों का सर्वे कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ी भाषा में अपने उद्बोधन की शुरूआत करते हुए प्रदेशवासियों को नवरात्रि, दशहरा, करवा चौथ, देवारी, गौरा-गौरी पूजा, मातर, गोवर्धन पूजा, छठ पर्व, भाई-दूज आदि त्यौहारों की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के चारों कोनो में देवी माई के बड़े-बड़े मंदिर है। दंतेवाड़ा में दंतेश्वरी दाई, डोंगरगढ़ में बम्लेश्वरी दाई, रतनपुर में महामाया दाई, चंद्रपुर में चंद्रहासिनी दाई बिराजी हैं। नारी शक्ति के रूप में हम बेटियों की पूजा करते हैं और हमारे यहां कन्या भोज कराने की भी परंपरा है। उन्होंने कहा कि बेटियों और नारियों के प्रति सम्मान भाव के कारण हमारे यहां वर्ष में दो बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। बेटियों और नारियों के प्रति सम्मान का यह भाव हमें पूरी जिंदगी निभाना है। यहीं सही मायने में छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा है। हमें अपनी परंपरा और संस्कृति की शिक्षा से अपने जीवन में उतारना है। राज्य सरकार ने दाई-दीदी के अधिकार और उनके मान-सम्मान को बढ़ाने का प्रयास किया है।
नरवा योजना में 30 हजार नालों में होंगे जल संरक्षण और संवर्धन के कार्य
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की नरवा योजना के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि नरवा योजना के तहत प्रदेश के 30 हजार नालों में जल संरक्षण और संवर्धन का कार्य करने की शुरूआत की गई है। जिससे किसानों को पानी की चिंता से छुटकारा मिले। श्री बघेल ने कहा कि लबेद गांव में 25 साल पहले मिट्टी का बांध बनाकर पानी रोका गया था। जिला प्रशासन ने अच्छी पहल करते हुए 2 करोड़ 34 लाख रूपए की लागत से इस बांध का वैज्ञानिक ढंग से पुनरोद्धार और नवनिर्माण का कार्य कराया, जिससे इस बांध की सिंचाई क्षमता दोगुनी हो गई है। पहले जहां 210 एकड़ में पानी पहुंच पाता थाए अब 419 एकड़ तक पानी पहुंच रहा है। लबेद और गिद्धकुंवारी के लोगों को इसका लाभ मिलने लगा है। इस बांध से लगी 800 मीटर की अंडर ग्राउंड नगर बनाई गई है। जिससे पानी अंतिम छोर तक पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि लबेद जलाशय परियोजना की सफलता से अन्य जिलों के लोगों को प्रेरणा मिलेगी।
जिलों में जनसमस्या निवारण की सुविधाजनक प्रणाली विकसित करें
सूरजपुर जिले की सुश्री गुरूचंदा ठाकुर ने सूरजपुर जिले में जनसमस्याओं के निवारण के लिए जिला प्रशासन द्वारा प्रारंभ किए गए जन संवाद कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनकी और गांव के अनेक लोगों की अनेक समस्याओं का समाधान इस नई व्यवस्था से हुआ है। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कहा कि जिला स्तर पर की गई इस पहल का लाभ लोगों को मिल रहा है। आदिवासी अंचल और वन क्षेत्र होने के कारण आवागमन की दिक्कत भी है। जिसके कारण लोगों को सरकारी ऑफिस में पहुंचना कठिन होता है। सूरजपुर जिले में जन संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत कॉल सेंटर के माध्यम से जिला मुख्यालय में सभी विकासखण्ड मुख्यालयों की समस्याएं सुनी जाती हैं। फोन रिसीव किए जाते हैं और आवेदन की कापी व्हाट्सअप पर ली जाती है। ज्यादातर मामलों में 24 घंटे के भीतर समस्या का समाधान हो जाता है। कॉल सेंटर के माध्यम से राजस्व संबंधी सीमांकन, बटांकन, ऋण पुस्तिका, ऑनलाईन रिकार्ड आदि सारे काम हो रहे हैं। किसी को पेंशन में समस्या है, राशन कार्ड बनवाना है, नाम जुड़वाना है, सड़क, नाली, पुल-पुलिया, सामुदायिक भवन आदि की मांग है। पीडीएस दुकान, स्वास्थ्य केन्द्र के बारे में कुछ कहना है, जनपद में निर्माण संबंधी कार्यों के प्रस्ताव हों या भुगतान की समस्या। बिजली आपूर्ति को लेकर कोई शिकायत है। ऐसे सभी मामले इस प्रणाली से हल हो रहे हैं। मुझे खुशी है कि इस व्यवस्था से संतुष्ट लोग फोन करके जानकारी भी दे रहे हैं। इसीलिए मैंने पूरे प्रदेश में जिला प्रशासन को खुली छूट दी है कि वे मौलिक तरीके से या स्थानीय जरूरतों और विशेषताओं के अनुसार जनसमस्या निवारण की अपनी प्रणाली विकसित करें। ऐसे नवाचारों का खूब स्वागत है।
मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के साधन उपलब्ध कराने और लोगों को आर्थिक मदद देने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का लोकवाणी में उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश में खेती-किसानी और परंपरागत रोजगार के अवसरों को मजबूत करने के अनेक उपाए किए जा रहे हैं जिससे लोगों को आर्थिक मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना, सुराजी गांव योजना, गोधन न्याय योजना, वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी, लघु धान्य फसलें जिन्हें मिलेट्स कहा जाता है उनके उत्पादन और प्रसंस्करण की व्यवस्था, सिंचाई के लिए नि:शुल्क पानी की व्यवस्था, कृषि ऋण माफी, सिंचाई कर माफी, पौनी-पसारी योजना जैसे अनेक कामों से गांव वालों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। हम हर समस्या का समाधान चाहते हैं।

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Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

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