रायपुर- राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निर्देशानुसार आज नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है, इसी अनुक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य में भी तालुका स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्यायालयों में आज नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया है। जिसमें राजीनामा योग्य प्रकरणों को पक्षकारों की आपसी सुलह समझौता से निराकृत किया जाएगा। प्रकरणों की सुनवाई के लिए विशेष न्यायाधीशों की नियुक्ति के साथ 322 खण्डपीठों का गठन और 40 हजार प्रकरण चिन्हांकित किए गए हैं।
लोक अदालत में पक्षकार अपने निकटस्थ व्यवहार न्यायालय, जिला न्यायालय या विधिक सेवा संस्थान से संपर्क कर अपने प्रकरणों को अपनी भौतिक उपस्थिति के अतिरिक्त वर्चुअल मोड के द्वारा भी जुड़कर अपने प्रकरणों का निराकरण करा सकते है। न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एवं कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार मजिस्ट्रेट को स्पेशल सिटिंग की शक्ति प्रदान की गई है, जिसके चलते मजिस्ट्रेट अपनी शक्तियों का प्रयोग कर राजीनामा के अतिरिक्त छोटे मामलों में स्वीकृति के आधार पर मामले को निराकृत कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त विशेष प्रकरणों जैसे धारा 321 दप्रसं, 258 दप्रसं एवं पेट्टी आफेन्स के प्रकरणों को भी रखा जाकर निराकृत किया जाएगा। कोरोना काल में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अंतर्गत दर्ज प्रकरणों का भी निराकरण किया जाएगा। उक्त लोक अदालत में फैमिली कोर्ट, स्थायी लोक अदालत, श्रम न्यायालयों के प्रकरण, बैंक वसूली, बिजली, पानी, श्रम न्यायालय मोटर दुर्घटना के प्रकरण, वैवाहिक मामले, धारा 138 चेक बाउंस मामले, समस्त सिविल मामले जो न्यायालय में लंबित है, इसके अलावा ऐसे मामले जो न्यायालय में अभी पेश नहीं हुए हैं, (प्री-लिटिगेशन) को निराकृत किया जाएगा। इसके साथ ही पक्षकारों के मध्य लोक अदालत की तिथि के पूर्व प्री-सिटिंग के माध्यम से भी प्रकरणों को निराकृत किया जाएगा।