रायगढ़। नए साल का जश्न मनाने की तैयारी को लेकर शहर के होटलों, विभिन्न कालोनियों के साथ-साथ गली मोहल्लों में युवा वर्ग जश्न मनाने की तैयारी कर चुके हैं। शहर के बाजार ग्रीटिंग कार्ड के साथ-साथ नए-नए तरह के गिफ्ट आयटमों से पूरी तरह सजा नजर आ रहा है। वहीं युवा वर्ग भी हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी नए साल के आगमन की तैयारियों में जुटा हुआ है।
रायगढ़ शहर के साथ-साथ ग्रामीण अंचलों में दिसंबर के आखिरी महीने से ही नए साल की तैयारियों को लेकर बाजार की रौनक देखते ही बनती है।
कहीं तरह-तरह के लोक लुभावने ग्रीटिंग कार्ड से बाजार सज जाता है तो कहीं रंगे बिरंगे गुब्बारे की खूबसूरती रायगढ़ की सुंदरता में चार चांद लगाते नजर आते हैं। नए साल के आगमन की तैयारियों को लेकर शहर के कई होटलों, रिहायशी कालोनियों के साथ-साथ हर गली मोहल्ले में युवा वर्ग अपनी पूरी तैयारी कर चुके है। शहर के युवा भी नए साल के आगमन को लेकर अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। शहर के हर गली मोहल्लों में भी नए साल का जश्न देखते ही बनता है। जहां युवा वर्ग के साथ-साथ बड़े बुजुर्ग भी नए साल के स्वागत में डीजे की थाप पर देर रात तक थिरकते हुए रात करीब 12 बजे आतिशबाजी के साथ-साथ केक काटकर नये साल का स्वागत करते हैं। शहर के कुछ युवाओं का यह भी कहना था कि नए साल के जश्न मनाने की तैयारी वे दिसंबर महीने के दूसरे सप्ताह वे कर चुके थे।
नए साल में लिए संकल्प को पूरा करें
प्रिया सिंह ठाकुर का कहना था साल की बिदाई और आने वाले नए साल के पहले दिन की शुरूआत हमे भगवान की पूजा अर्चना के साथ करनी चाहिए। ताकि हमारा पूरा साल अच्छे से गुजरे, भगवान की कृपा हमेशा बनी रहे। प्रिया का यह भी कहना था कि नए साल पर लोग भारी उत्साह में रहते हैं और ऐसे संकल्प ले लेते हैं, जिनका आगे चल कर पालन मुश्किल हो जाता है। नतीजा – कुछ दिन या हफ्तों बाद गंभीरता खत्म हो जाती है, पुराने ढर्रे पर जिंदगी लुडकने लगती है तो अच्छे-भले संकल्प का कोई लाभ नहीं मिल पाता। अधिकांश लोग अपनी सेहत को सुधारने के लिए संकल्प लेते हैं। यदि इसका साल भर पालन किया जाए, तो बहुत फायदा हो सकता है, लेकिन अधिकांश मामलों में ऐसा नहीं होता है।
योजना बनाकर करें फैसला
शहर के युवा राहुल प्रधान का कहना था कि नव वर्ष पर आज जो भी संकल्प लें, उसकी पहले से प्लानिंग करें। ऐसा बिल्कुल न करें कि 01 दिसंबर की रात में कोई फैसला ले रहे हैं, क्योंकि यह उस दिन की मानसिकता पर आधारित होगा। योजनाबद्ध तरीके से लिया गया संकल्प ही लंबे समय तक बना रहेगा। अपनी लंबी योजना का व्यावहारिक खाका खीचें। पहले खुद से बात करें कि यह कैसे होगा।
जो आपको खुशी दे नए साल उनके साथ मनाएं
शहर के ही प्रतीक्षा सिंह ठाकुर का कहना था कि नए साल की खुशी उन लोगों के साथ मनाना चाहिए, जो हर परिस्थितियों में आपका साथ देते हुए आपके सुख दुख में आपके साथ रहते हुए आपके चेहरे पर हमेशा मुस्कान लाते हों। प्रतीक्षा का यह भी कहना था कि नए साल के शुरूआत में सभी को मतलबी लोगों रिश्ता नही रखते हुए अच्छे इंसान से मेल जोल बननी चाहिए ताकि वे हर सुख-दुख में एक दूसरे का का आते रहें। इसके अलावा नए साल का एक दिन का जश्न मनाने की बजाए कुछ ऐसा प्लान करें जो आपको पूरे साल भर खुशी का एहसास कराता रहे और नया साल अच्छे से गुजरे।
गरीब व असहाय लोगों के बीच मनाए नया साल
शहर के युवा शुभम अग्रवाल का कहना था कि युं तो रायगढ़ शहर को दानवीर की नगरी कहा जाता है, इस बात से इंकार नही किया जाता कि यहां दान दाताओं की कमी नही। कई आयोजनों के जरिए यहां दिन दुखियों एवं असहाय लोगों की मदद की जाती है, परंतु नए साल की खुशी में गरीब असहाय लोगों को यहां के युवा अक्सर भुल जाते हैं। शहर के युवाओं को एकजुट होकर नव वर्ष की खुशी गरीब व असहाय लोगों के बीच साझा करना चाहिए ताकि नव वर्ष पर उनके भी चेहरों पर खुशी झलक सके।