राजस्व अधिकारियों के दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का हुआ शुभारंभ
राजस्व अधिकारियों के दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का हुआ शुभारंभ
आज कलेक्ट्रेट सृजन सभाकक्ष में राजस्व अधिकारियों-कर्मचारियों का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी टी.सी.महावर ने अपने मार्गदर्शन उद्बोधन में कहा कि राजस्व अधिकारी प्रशासन की नींव होते है। राजस्व अधिकारियों का कार्य नागरिकों से सीधे तौर पर जुड़ा होता है। अत: उनसे अपने कार्यों में पूरी सजगता व गंभीरता की अपेक्षा की जाती है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता व दंड संहिता पर अच्छी पकड़ होनी चाहिये। श्री महावर ने भू-राजस्व संहिता के अंतर्गत विभिन्न धाराओं के तथा इसके तहत आने वाली व्यवहारिक दिक्कतों व उसके समाधान पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने राजस्व न्यायालय व कार्यालय से संबंधित प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी देेते हुये उससे जुड़े रिकार्ड व पंजियों के नियमित संधारण पर जोर दिया।
इस अवसर पर कलेक्टर भीम सिंह ने उपस्थित सभी अधिकारियों-कर्मचारियों से कहा कि राजस्व विभाग का कार्य काफी विस्तृत है। इसे व्यवस्थित रूप से करने के लिये नियमों और प्रक्रियाओं की समझ जरूरी है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से अधिकारी-कर्मचारी अपने कार्य क्षेत्र की बेहतर समझ विकसित कर सकेंगे। प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रशिक्षक के रूप में रिटायर्ड एडिशनल कलेक्टर अशोक तिवारी भी सम्मिलित हुये। इस अवसर पर एडीएम राजेन्द्र कटारा, अपर कलेक्टर आर.ए.कुरूवंशी सहित ज्वाईंट कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, आर.आई., रीडर्स, स्टेनो सहित लिपिकीय स्टॉफ उपस्थित रहे…