समाज व देश के हित में सभी का अपना महत्व है, कोई काम बड़ा या छोटा नहीं है। बात होती है कि उसे कितनी लगन या मेहनत से हम करें, यह सबसे महत्वपूर्ण होता है। पढ़ाई पूरी करने के बाद जो कैरियर बनाने के बहुत से विकल्प मिलते हैं, लेकिन सफलता उन्ही को मिलती है जो अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलते हैं। कठिन परिश्रम व सच्ची लगन के साथ जब कोई आगे बढ़ता है तो उसे सफलता अवश्य मिलती है। क्योंकि लगातार प्रयास करने से पत्थर पर भी निशान पड़ जाते है।
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मेहनत किसी भी कठिनाई को दूर कर सकती है। उन्होंने उपस्थित सभी बच्चों को महाभारत के धनुषधारी अर्जुन की कहानी बताते हुए कहा कि वे अपने लक्ष्य को लेकर इतने एकाग्र थे कि उन्हें सिर्फ चिडिय़ा की आंख दिखाई दी। यदि आपको भी अपने जीवन में सफलता प्राप्त करना है तो चिडिय़ा की आंख की तरह अपना लक्ष्य निर्धारित कर उसके लिए मेहनत करेंगे तो निश्चित ही सफलता मिलेगी। किसी भी युद्ध को जीतने के लिए रणनीति की जरूरत होती है, उसी प्रकार किसी भी परीक्षा की तैयारी करने के लिए आपको अच्छा मार्गदर्शन चुनना होगा और आगे बढऩा होगा।
पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार ने भी बच्चों को मोटिवेट करते हुए अपने लक्ष्य निर्धारण के बारे में बताया। उन्होंने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि जीवन में हर सफलता को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत और एकाग्रता ही मूल मंत्र है। उन्होंने कहा कि नियमित पढ़ाई के बाद जब अपना कैरियर चुनने का समय आए तब आपके मन और इच्छा के अनुरूप ही आगे की पढ़ाई करें। इस दौरान उन्होंने बच्चों के मन में उठ रहे कई सवालों के भी जवाब दिए। बातों ही बातों में उन्होंने अपने बचपन से लेकर अभी तक के सफर को एक कहानी के रूप में बताया। कैसे एक मिडल क्लास का बच्चा पढ़ाई करके इस मुकाम तक पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि कभी भी दबाव में आकर कैरियर नहीं चुनना चाहिए।
सीईओ अबिनाश मिश्रा ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं में विद्यार्थियों को सफल होने के लिए परम्परागत तरीकों से रटकर पढऩे की बजाए व्यवहारिक सोच के साथ अध्ययन करने की आवश्यकता है। इससे विषय की समझ बढ़ेगी और परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षा में दूसरों से आगे निकलकर अच्छे रैंक लाने पर सफलता मिलती है। इसके लिए जरूरी है परीक्षा के सिलेबस को समझ कर गहराई से सटीक रणनीति के साथ उसकी तैयारी करना अहम होता है। इस दौरान उन्होंने उपस्थित सभी बच्चों को स्कूल ऑफ रायगढ़ यू-ट्यूब पेज के बारे में बताया जिनमें सभी बच्चों के लिए विडियोज अपलोड किए गए हैं जिससे वे अपने झिझक को दूर कर सकें और वे आगे अपने कैरियर निर्धारण के बारे में जान सके।
युवा आईपीएस उदित पुष्कर ने कहा कि पढ़ाई के दौरान अगर गलतियां होती है तो उससे भागे नहीं बल्कि उस गलती को सुधारे। आगे सफलता जरूरी मिलेगी। उन्होंने कहा कि सिविल सर्विसेज की परीक्षा पूरे देश में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। हजारों लाखों युवा हर साल परीक्षा में शामिल होते हैं। लेकिन कुछ लोग ही सफलता के शिखर तक पहुंच पाते हैं। इसके पीछे उनकी कड़ी मेहनत तो होती ही है, पर परीक्षा के लिए तैयार की गई उनकी रणनीति सफलता में खास भूमिका निभाती है।
एसडीएम श्री गगन शर्मा ने कहा कि आपको फैसला खुद को लेना है कि आपको क्या करना है। उसके लिए आपको बेस्ट देना होगा। अगर आप किसी भी कॉम्पीटिशन परीक्षा में फैल हो जाते है तो निराश मत होईये, बल्कि उसके बारे में गहन अध्ययन करें, आखिर हमसें कहां चूक हुई और हम फेल कैसे हो गये। अगर आप उस बीच की गलतियों को सुधार लेंगे तो आगे सफलता अवश्य मिलेगी। इस दौरान उन्होंने अपने कैरियर में अभी जिस मुकाम तक पहुंचे उसे उपस्थित बच्चों को बताया। उन्होंने कहा कि जिले में तैनात भारतीय प्रशासनिक व पुलिस सेवा के अधिकारियों के साथ राज्य लोक सेवा आयोग के अफसरों ने परीक्षा में टाइम मैनेजमेंट, प्रेशर मैनेजमेंट, सिलेबस को प्रभावी तरीके से कवर करना, स्कोरिंग आंसर लिखना जैसे पहलुओं पर कैसे काम किया जाए इन सब पर भी बात की। साथ ही बच्चों के सवालों के जवाब भी दिए।
इस अवसर पर एडिशनल एसपी संजय महादेवा, डिप्टी कलेक्टर सुश्री अक्षा गुप्ता, जिला शिक्षा अधिकारी बी.बाखला, डीएमसी नरेन्द्र चौधरी, आलोक स्वर्णकार, सहयोग एकडेमी के संचालक अबरार हुसैन, राजेन्द्र कलेत, आशीष गोयल उपस्थित रहे। इस दौरान कार्यक्रम का प्रभावी संचालन प्राचार्य राजेश डेनियल ने किया।