रायगढ़ । कलेक्टर भीम सिंह ने जिले में आजीविका संवर्धन के लिये संचालित विभिन्न योजनाओं व विभागीय गतिविधियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि लोगों को आजीविका उपलब्ध कराने के लिये उनके स्किल डेवल्पमेंट व केपेसिटी बिल्डिंग (क्षमता विस्तार) पर फोकस करना है। जिससे वे दीर्घकालिक रोजगार प्राप्त कर सकें।
गौठान बनेंगे आजीविका के केन्द्र, तैयार किया जा रहा मल्टी एक्टिविटी
गौठानों में मल्टी एक्टिविटी सेंटर बनाया जा रहा है। प्रत्येक गौठान में कम से कम 5 आयमूलक गतिविधियां संचालित की जानी है। जिनमें मशरूम उत्पादन, रेशम धागा निर्माण, गौ काष्ट, अगरबत्ती, फ्लाई ऐश, पेवर-ब्लॉक फेंसिंग तार, सीमेंट पोल, जैसी गतिविधियों में संचालित की जा सकती है। गौठान वार संचालित की जाने वाली गतिविधियों को चिन्हांकित करने के निर्देश एनआरएलएम के अधिकारियों को दिये ताकि उसके अनुसार आवश्यक मशीनों की खरीदी व टे्रनिंग की सुविधा महिला स्व-सहायता समूहों को मुहैय्या करायी जा सके। उन्होंने तैयार उत्पादों के विक्रय हेतु मार्केट लिंकेज तैयार करने के लिये भी कहा।
गौठानों में भी होगा रेशम धागा निर्माण
जिले को रेशम एक्सपोर्ट हब के रूप में तैयार करने के लिये कलेक्टर भीम सिंह के निर्देश पर व्यापक स्तर पर कार्य किया जा रहा है। रेशम कीट पालन को बढ़ाने प्लांटेशन एरिया को बढ़ाया जा रहा है। इसके लिये 500 हेक्टेयर भूमि रेशम विभाग को दी गई है। इसके साथ ही रेशम धागा निर्माण को गौठानों से जोड़ा जा रहा है। रायगढ़ के शहरी गौठान में भी एक रीलिंग यूनिट लगायी जायेगी। तैयार धागे को एक्सपोर्ट करने के साथ ही हैण्डलूम विभाग के माध्यम से क्लस्टर विकसित करते हुये रेशम के कपड़े भी जिले में तैयार करने की कार्ययोजना है।
संजीवनी केन्द्र के उत्पादों की होगी रिटेलिंग
वन विभाग द्वारा संजीवनी केन्द्रों में मिलने वाले हर्बल उत्पाद की रिटेलिंग प्रारंभ की जा रही है। जिससे जिले के विभिन्न स्थानों पर यह उत्पाद आसानी से मिल सके। इस कार्य में महिला समूहों को जोड़ा जा रहा है। उन्हें मेडिशिनल कंसल्टेंसी के लिये भी टे्रनिंग दी जायेगी। इसके साथ ही वनधन केन्द्रों में भी वनोपज आधारित आजीविका मूलक गतिविधियों के संचालन हेतु प्रत्येक वनधन केन्द्र के लिये गतिविधियां चिन्हांकित करने के निर्देश कलेक्टर सिंह ने दिये।
रागी से तैयार होगा लड्डू व पौष्टिक आहार
रागी के पौष्टिक गुणों का लाभ लेने व आजीविका संवर्धन के लिये जिले मे रागी के उपज को बढ़ाया जा रहा है। यह 690 हेक्टेयर में रागी का उत्पादन किया जा रहा है। इससे पौष्टिक आहार व लड्डू तैयार किया जायेगा। जिसका उपयोग आंगनबाड़ी केन्द्रों में किया जायेगा। ग्राम पंचायतों में स्थित तालाबों को मछली पालन हेतु महिला समूहों को लीज पर दिया जा रहा है। कलेक्टर सिंह ने जिन विकासखण्डों में अभी तक आबंटन पूर्ण नहीं हुआ है वहां कार्य शीघ्र पूरा करने के निर्देश सभी सीईओ जनपदों को दिये।
दुग्ध उत्पादन को मिलेगा बढ़ावा, तैयार किया जायेगा मावा और घी
कलेक्टर सिंह ने जिले में दुध उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य करने कहा। उप संचालक पशु ने जानकारी दी कि दूध उत्पादन को बढ़ाते हुये मावा व घी बनाने के लिये कार्ययोजना तैयार की गई है। इसके लिये मार्केट लिंकेज भी किया जा रहा है। कलेक्टर सिंह ने चारा वाले पौधों के उत्पादन हेतु रकबा बढ़ाने के निर्देश भी दिये।
महिला समूहों को स्व-उद्यम के लिये दिया जा रहा है लोन व सब्सिडी
कलेक्टर सिंह ने महिला समूहों को विभिन्न शासकीय योजनाओं के तहत लोन व सब्सिडी दिलवाने के निर्देश दिये थे। उद्योग विभाग के अधिकारी द्वारा बताया गया कि जिले में शिविर आयोजित कर प्रकरण तैयार किये गये है। 21 प्रकरण स्वीकृति के लिये बैंकों को भेजा गया है। शेष प्रकरण पर कार्यवाही की जा रही है। कलेक्टर सिंह ने समूहों को योजनाओं से अधिक से अधिक लाभान्वित करने के निर्देश दिये।
महिला समूहों को पड़ती भूमि का आबंटन जल्द करें पूरा
महिला समूहों को कृषि कार्य हेतु पड़ती भूमि का आबंटन शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिये। जिन स्थानों में चिन्हांकित भूमि पर अतिक्रमण है उसे तत्काल हटवाने के निर्देश सभी सीईओ जनपद को दिये। बाडिय़ों को आंगनबाड़ी केन्द्रों से लिंकेज का कार्य शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिये। जिन स्थानों पर सामुदायिक बाड़ी निर्माण का कार्य शुरू नहीं हुआ है उसे शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिये। जिले में लगने जा रहे मुनगा प्रोसेसिंग प्लांट के लिये प्लांटेशन का कार्य पूर्ण करने के लिये निर्देशित किया। वन अधिकार पत्र प्राप्त हितग्राहियों के आजीविका संवर्धन हेतु उनकी भूमि का समतलीकरण तथा डबरी, कुयें निर्माण आदि का काम जल्द पूरा करवाने के लिये निर्देशित किया।
इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत सु ऋचा प्रकाश चौधरी, डीएफओ प्रणय मिश्रा सहित विभागों के जिला अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।